जाने-माने फिल्मकार केएस सेतुमाधवन का चेन्नई में अपने आवास में निधन हो गया। उनकी उम्र 90 वर्ष थी और वह वृद्धावस्था संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। कई राष्ट्रीय तथा राज्य पुरस्कारों से सम्मानित सेतुमाधवन ने 1960 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने पांच भाषाओं में 60 से अधिक फिल्मों का निर्देशन किया।
मलयालम के अलावा, उन्होंने तमिल, तेलुगु और हिन्दी फिल्मों का निर्देशन किया। 1991 में आई वेनलकिनावुकल मलयालम भाषा में निर्देशित उनकी अंतिम फिल्म थी। केरल सरकार ने 2010 में उन्हें केरल फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान 'जेसी डैनियल पुरस्कार' से सम्मानित किया था।
सेतुमाधवन का जन्म 1931 में केरल के उत्तरी पालक्कड जिले में हुआ था। उनके परिवार में पत्नी वलसला और तीन बच्चे हैं।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि सेतुमाधवन के निधन से फिल्म उद्योग को एक बड़ी क्षति पहुंची है। बतौर निर्देशक सेतुमाधवन ने मलयालम फिल्म उद्योग को एक अभिनव दृष्टिकोण दिया। फिल्मों को समाज के सभी वर्गों के लिए स्वीकार्य बनाने में सेतुमाधवन की भूमिका उल्लेखनीय है।
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि फिल्म निर्माता ने मलयालम फिल्मों के जरिए अलग-अलग विषयों की कहानियां पेश कीं, जो कभी देवताओं और राजाओं की कहानियों तक ही सीमित थीं। विजयन के अनुसार, लोग उनकी फिल्मों से जुड़ाव महसूस करते थे।