बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म 'एक विलेन रिटर्न्स' को लेकर सुर्खियों में हैं। इस फिल्म में उनकेसाथ जॉन अब्राहम, दिशा पाटनी और तारा सुतारिया नजर आने वाली हैं। अर्जुन ने हाल ही में हिंदी बेल्ट में केजीएफ चैप्टर 2 और पुष्पा फिल्म की सफलता के बारे में बात की।
अर्जुन ने दोनों फिल्मों की तुलना अमिताभ बच्चन की ब्लॉबस्टर फिल्म 'त्रिशूल' और 'दीवार' से कर दी। उन्होंने कहा कि यश और अल्लू अर्जुन की फिल्मों में देसीपन था। इसी देसी रवैये के कारण ये फिल्में हिंदी बेल्ट में भी खूब पसंद की गईं।
बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए अर्जुन कपूर ने कहा कि अभी भी लोगों को ये समझने की जरुरत है कि आखिर मेनस्ट्रीम सिनेमा क्या है। मुझे नहीं पता कि आज के दौर में कितने लोगों ने यश जी की त्रिशूल और दीवार देखी है, जो फिल्में बनाना और कहानियां दिखाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, दर्शक अब भी वही हैं। पुष्पा और केजीएफ इस वजह से चली, क्योंकि उनमें एक तय सीमा तक देसीपन है। हम 'वुल्फ ऑफ वॉल स्ट्रीट' में एक गरीब के की अमीर बनने की कहानी के तौर पर देखते हैं, लेकिन हम दीवार या त्रिशूल जैसी फिल्मों में एक गरीब इंसान के अमीर बनने की कहानी के तौर पर नहीं देखते हैं।
अर्जुन ने कहा, गंगूबाई काठियावाड़ी, केजीएफ चैप्टर 2, पुष्पा, आरआरआर, भूल भुलैया 2 और हॉलीवुड फिल्में देखने वाले हिंदी दर्शकों के बीच 2000 करोड़ रुपए से अधिक के टिकट बेचे गए हैं। लोग सिनेमाघरों में आने के लिए पैसा खर्च करने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए मेनस्ट्रीम हमेशा थोड़ा ज्यादा जरुरी होगी।