भारत के सबसे बड़े प्रोडक्शन हाउस यशराज फिल्म्स ने 2020 में अपने 50 शानदार साल पूरे कर लिए थे। कंपनी की इस असाधारण उपलब्धि का वैश्विक स्तर पर जश्न मनाने के लिए आदित्य चोपड़ा ने भव्य योजनाएं बनाई थीं और भविष्य में चर्चा का केंद्र बनने लायक इन शानदार जश्नों के लिए उन्होंने एक विशाल बजट अलग से निर्धारित कर दिया था।
कोविड-19 की दूसरी लहर द्वारा देश में तबाही मचाने तथा इंडस्ट्री के दोबारा बंद होने के कारण आदित्य चोपड़ा ने 'वाईआरएफ 50' के जश्न वाले पूरे बजट का रुख इंडस्ट्री तथा इसके दिहाड़ी कामगारों को राहत पहुंचाने की दिशा में मोड़ दिया है।
वाईआरएफ एक नई पहल शुरू कर रहा है, जिसके तहत उनका फाउंडेशन गोरेगांव में हजारों फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वाईआरएफ स्टूडियोज के किचन में पकाया गया खाना उपलब्ध कराता नजर आएगा तथा अंधेरी में बनाए गए क्वारंटीन केंद्रों में मौजूद लोगों की भूख भी मिटाएगा।
यह मदद उन कार्यों से अलग है, जो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए स्टूडियो ने पहले से अपने हाथ में ले रखे हैं। पिछले हफ्ते आदित्य ने 'यश चोपड़ा साथी इनिशिएटिव' को लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य व लक्ष्य फिल्म इंडस्ट्री के हजारों कामगारों को आर्थिक मदद पहुंचाने का है।
इस पहल के अंतर्गत यशराज फाउंडेशन इंडस्ट्री की महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों के खातों में 5000 रुपए की धनराशि सीधे ट्रांसफर कराएगा। इससे साथ-साथ फाउंडेशन की निगरानी में कामगारों के चार सदस्यों वाले परिवार को एक माह के लिए मुफ्त राशन किट वितरित की जाएगी। यह वितरण फाउंडेशन के एनजीओ पार्टनर यूथ फीड इंडिया के माध्यम से संपन्न किया जाएगा।
इससे पूर्व वाईआरएफ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को एक अनुमति-मांगपत्र लिखा था कि क्या उनकी कंपनी फिल्म इंडस्ट्री के 30000 पंजीकृत कामगारों के लिए वैक्सीन खरीद सकती है। वाईआरएफ ने यह भी स्पष्ट किया था कि कामगारों को टीका लगाने में जो भी राशि खर्च होगी, उसे पूरी तरह से कंपनी ही वहन करेगी।
एक पुराने ट्रेड सूत्र ने खुलासा किया है कि, आगे चल कर यदि चीजें पटरी पर लौट आती हैं, तब भी वाईआरएफ अपने 50 साल पूरे होने का जश्न नहीं मनाएगा, क्योंकि आदित्य चोपड़ा ने इसके पूरे फंड को कोविड राहत कार्य में खर्च करने का फैसला कर लिया है। वह इस बारे में स्पष्ट हैं कि इंडस्ट्री को दोबारा शुरू करने के लिए तात्कालिक आधार पर फंड का इस्तेमाल पहले किया जाना चाहिए, क्योंकि वायरस के चलते सबसे बड़ी मार इंडस्ट्री पर ही पड़ी है।
दुनिया भर में जश्न मनाने की पूरी योजना का ऐसा व्यापक ब्ल्यू प्रिंट मौजूद था, जो बहुत बड़ी खबर बनने वाला था, लेकिन अब वह सब कुछ रद्द कर दिया गया है। आदित्य चोपड़ा केवल इंडस्ट्री और फिल्म बिरादरी की मदद करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, जो बीते 50 सालों से वाईआरएफ का भी सपोर्ट सिस्टम बनी रही है।