Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Poacher : रोमांचक विषय पर बनी अनोखी कहानी, ट्रू क्राइम ड्रामा है फिल्म

सीरीज हाथीदांत के लिए किये गए अवैध शिकार की सच्ची घटनाओं पर आधारित है

हमें फॉलो करें Poacher : रोमांचक विषय पर बनी अनोखी कहानी, ट्रू क्राइम ड्रामा है फिल्म

WD Entertainment Desk

, शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024 (14:41 IST)
film poacher: अनोखी कहानियां अक्सर दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। उन्ही में से एक है प्राइम वीडियो की ओरिजिनल क्राइम सीरीज 'पोचर' जो आज अपने प्रीमियर के साथ ही वॉचलिस्ट और रेकमेंडेशन्स में टॉप पर पहुंच गई है। रिची मेहता द्वारा लिखे, क्रिएट किए गए और डायरेक्टेड यह दिलचस्प सीरीज भारत के इतिहास में सबसे बड़े हाथीदांत के लिए किये गए अवैध शिकार की सच्ची घटनाओं पर आधारित है। 
 
लेकिन वो कौन सी वो बातें हैं जो इस सीरीज को अलग बनाती हैं, चलिए आपको बताते हैं। दरसअल इस फिल्म के जरिए एक खास संदेश लोगों को दिया गया है और वो ये कि मर्डर तो मर्डर है, चाहे वह मानव जाति का हो या जानवरों का।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Alia Bhatt (@aliaabhatt)

पोचर की कहानी इंसानी लालच के लिए जानवरों की हत्याओं की गंभीर वास्तविकता से जुड़ी है। रिची मेहता जो सीरीज के लेखक, निर्देशक और क्रिएटर है, पोचर में हाथीदांत व्यापार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हाथियों के अवैध शिकार की क्रूरता की तरफ लोगों का ध्यान खींचते हैं। 
 
ये सीरीज इन लुप्तप्राय प्रजातियों पर ह्यूमन एक्शन्स के परिणामों पर प्रकाश डालती है और इस बात पर जोर देती कि इस तरह से हमारी दुनिया से पूरी जानवर प्रजाती ही गायब हो जाएगी।
सच्ची घटनाओं पर आधारित एक मनोरंजक कहानी:
पोचर 2015 में केरल में सामने आई सच्ची घटनाओं पर आधारित एक सीरीज है। ये कहानी रिची के समाने 2015 में आई थी, जब वह एक क्राउडसोर्स्ड डॉक्यूमेंट्री पर काम कर रहे थे। उस दौरान उन्हें जो फुटेज मिला वह दिल्ली में हाथीदांत छापे का था, जिसे एनजीओ, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई) द्वारा पेश किया गया था। 
 
इस पर आगे इन्वेस्टिगेट करने पर रिची को पता चला कि डब्ल्यूटीआई ने उस दिन भारतीय इतिहास में सबसे बड़े हाथीदांत भंडाफोड़ को अंजाम दिया था, जो देश में सबसे बड़े वन्यजीव तस्करी गिरोह था जो करीब 9 महीने की जांच के बाद पूरा हुआ था। इस छापे के बारे में सुनने के बाद उन्होंने इस पर गहन रिसर्च शुरू की। जैसे-जैसे वह रिसर्च में आगे बढ़ रहे थे।
 
webdunia
उन्हें यह साफ हो गया कि यह सिर्फ हाथियों को हत्या से बचाने के बारे में नहीं है, बल्कि इसमें पृथ्वी पर अन्य सभी जीवन के साथ हमारे रिश्तें, आदिमानव और उनका जीवन में कैसे समाज से जुड़ा है (या अलग है), जंगल के कानून वास्तव में क्या हैं (प्राकृतिक और सड़को वाले दोनों!), और किस तरह से वो हमारे अंदर बसे हुए है, जैसे दर्जनों मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता है। इस तरह से पोचर की शुरूआत हुई।

बॉलीवुड की लेटेस्ट न्यूज पढ़ने के लिए क्लिक करें
 
शो के कैरेक्टर्स रियल वाइल्ड लाइफ क्राइम फाइटर्स पर आधारित हैं: 
इस सीरीज के मुख्य किरदार, माला जोगी (निमिषा सजयन द्वारा अभिनीत), एलन जोसेफ (रोशन मैथ्यू द्वारा अभिनीत), नील बनर्जी (दिब्येदु भट्टाचार्य द्वारा अभिनीत) और विशाल, एलन के गुरु (सुधन्वा देशपांडे द्वारा अभिनीत) रियल लाइफ क्राइम फाइटर्स पर आधारित हैं। 
 
सीरीज में निमिषा सजयन ने माला जोगी की भूमिका निभाई हैं, जो केरल वन विभाग की एक रेंज अधिकारी है जो फील्ड इन्वेस्टिगेशन करती है। जबकि ये किरदार कई व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है जिनसे रिची सीरीज की रिसर्च के दौरान मिले थे, यह मुख्य रूप से केरल वन विभाग के डीसीएफ मनु सथ्यन पर बेस्ड है, जिन्होंने भारत के सबसे बड़े हाथीदांत अवैध शिकार गिरोह से निपटने के लिए वास्तविक जीवन के ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
 
एलन जोसेफ के रूप में रोशन मैथ्यू, एक टेक सेवी कंजर्वेशनिस्ट और डब्ल्यूटीआई में एक वाइल्ड लाइफ क्राइम फाइटर है, जो डब्ल्यूटीआई में वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल डिविजन के प्रमुख जोस लुईस से प्रेरित भूमिका है। दिब्येंदु भट्टाचार्य ने नील बनर्जी का किरदार निभाया हैं, जो केरल वन विभाग में फील्ड डायरेक्टर और पूर्व खुफिया अधिकारी के रूप में काम करते हैं।
 
रियल लोकेशन्स पर शूट हुई:
कहानी की प्रामाणिकता को बनाए रखने के लिए, पोचर को केरल और नई दिल्ली में रियल लाइफ सेटिंग के बीच फिल्माया गया है। व्यापक फॉरेस्ट सीन्स को केरल के कुट्टुमपुझा के जंगलों में फिल्माया गया था।
 
लेंस के पीछे दूरदर्शी - रिची मेहता:
रिची मेहता एक ऐसे नाम हैं जिन्होंने एमी-अवार्ड विनिंग डायरेक्टर, क्रिएटर, राइटर और एक एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर भी हैं। मेहता की पहली फीचर फिल्म, 'अमल' (2013) में नसीरुद्दीन शाह, रोशन सेठ और सीमा बिस्वास जैसे बेहद टैलेंटेड एक्टर्स को देखा गया था। उनकी इस फिल्म ने 30 से ज्यादा अवार्ड्स अपने नाम किए।
 
इसके बाद उन्होंने 'आई विल फॉलो यू डाउन' (2013), साइंस फिक्शन ड्रामा लिखा और निर्देशित किया, जिसमें गिलियन एंडरसन, रूफस सीवेल और विक्टर गार्बर ने काम किया था। जबकि, 'सिद्धार्थ' (2013), एक हिंदी भाषा की फिल्म जिसका प्रीमियर वेनिस फिल्म फेस्टिवल में हुआ था। सिद्धार्थ को 25 से इंटरनेशनल अवार्ड्स मिले हैं, और 2015 गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स में उसे बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के लिए चुना गया था। 
 
पोचर असल में एक वर्ल्ड वाइड रिलीज है:
कहानी की असलियत को बनाए रखने के लिए, रिची मेहता ने सीरीज को उन सभी लोगों की बोली गई भाषाओँ में शूट किया है, जो इस ऑपरेशन में शामिल थे। ये सीरीज खास कर के मलयालम, हिंदी और इंग्लिश में सामने आने वाली है। इसको इंग्लिश, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी में भी दर्शकों के लिए उपलब्ध कराया गया है, जबकि इसमें 35 से ज्यादा विदेशी भाषाओँ में सब टाइटल्स है। 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Article 370 movie review: यामी गौतम और प्रिया मणि के दमदार एक्टिंग से सजी यह मूवी क्या है देखने लायक