प्रिय पाठको, वेबदुनिया के बॉलीवुड के सेक्शन में नित नई, मनोरंजक, आकर्षक, दिलचस्प और चटपटी सचित्र जानकारियाँ देने की हमारी कोशिश रहती है। इन्हें पढ़कर आपको कैसा लगता है, हम जानना चाहते हैं। आपकी बॉलीवुड संबंधी प्रतिक्रिया और सुझाव हम ‘सिने-मेल’ में प्रकाशित करेंगे। हमें इंतजार है आपके ई-मेल का।शाहरुख की मन्नत में जो जानकारी दी गई है, इसके लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहूँगा। मेरा प्रयास रहेगा कि मैं अपने समस्त मित्रों को इस पोर्टल के बारे में जानकारी दूँ। -
पंकज गुप्ता (pankaj_lic25@yahoo.co.in)हे बेबी फिल्म की समीक्षा पसंद आई। इस फिल्म में सब कुछ है। यह वर्ष की उम्दा फिल्मों में से एक है। -
रविंदर (mr.ravinderkumar@gmail.com) -
राजसिंह (raazsingh87@yahoo.co.in)रामगोपाल वर्मा की आग बेहद अच्छी फिल्म है। अमिताभ और अजय देवगन ने अच्छी तरह से अभिनय किया है। -
अनिल सहरावत (anil_sahrawat88@yahoo.com)-
दिलीप गुप्ता (dileep15_gupta@yahoo.co.in)माय फ्रेंड गणेशा एक अच्छी फिल्म है, लेकिन इसमें बुआ वाला हिस्सा बेवजह डाला गया है। एमएमएस और ब्लैकमेलिंग का बच्चों की फिल्म में क्या काम। -
अर्चना (ajain73@epatra.com)धमाल फिल्म की कहानी पढ़कर लगता है कि इसकी कहानी ‘हेराफेरी’ से मिलती-जुलती है। अलग ट्रीटमेंट देकर यह बनाई गई हो, तभी यह चल सकती है। -
शंकर मराठे (shanm23@hotmail.com)मेरा मानना है कि सलमान खान एक अच्छे इंसान है। वह कोई पेशेवर अपराधी नहीं है। उन्हें सेलिब्रिटी होने की कीमत चुकानी पड़ रही है। उनसे जुर्माना लेकर मामले को खत्म कर देना चाहिए। -
शेखर पंजवानी (alok_261981@indiatimes.com) मैं दीया मिर्जा का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ। मुझे उनका फोन नंबर और ईमेल एड्रेस चाहिए। -
समीर शारंगपानी (jkkishore@webdunia.com)‘टिप-टिप बरसा पानी’ पढ़ा। मुझे यह गीत बेहद पसंद है। मैं इस गीत पर अच्छी तरह से डांस करता हूँ।-
ओंकार चौहान (onkar_chauhan4@yahoo.co.in)ऐश्वर्या के लिए नायकों की कमी पढ़ने के बाद मुझे ऐसा लगा कि ऐश को साल में एक या दो फिल्में करनी चाहिए। वो भी अभिषेक के साथ। दोनों की जोड़ी जमती है। -
दिनेश कुमार (dinesh3588@gmail.com)मेहबूबा गर्ल्स : हेलन-मल्लिका-उर्मिला में अच्छी जानकारी दी गई है। मेरा मानना है कि ‘गोल्डन गर्ल : हेलन’ का कोई भी मुकाबला नहीं कर सकता है। वे सर्वश्रेष्ठ नर्तकी है। -
मोहन (mohanrathi2007@rediffmail.com)-
अमित कुमार (amit_kumar4533@yahoo.com) मैं शाहरुख का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ। ‘चक दे इंडिया’ देखने के बाद मुझे समझ में आ गया है कि क्यों मैं शाहरुख का दीवाना हूँ। शिमित अमीन को बधाई। उन्होंने शाहरुख को बेहतरीन भूमिका दी है। -
भारत भूषण पटेल (indiabt@yahoo.com)अक्षय कुमार से मुलाकात पसंद आई। मुझे अक्षय और उनकी फिल्में बेहद पसंद हैं। -
कपिल गोथवाल (kapilutk207@yahoo.co.in)
धमाल फिल्म हास्य से भरपूर है। मैं जावेद जाफरी को बेहद पसंद करता हूँ।
- कासिम (mqasim75@yahoo.com)
- शिव शंकर (shivshanker_vastraker@yahoo.com)
- भरत कुमार (b281045@webdunia.com)
सलमान खान की बात ही निराली है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि उनका मामला जल्द से जल्द निपट जाए। मुझे ‘सलमान और उनकी प्रेमिकाएँ’ आलेख बेहद पसंद आया।
- खूमेन्द्र साहू (wwww.khummu_s123@rediffmail.com)
दर्शक अगर ये मान ले कि गलती उन्होंने की है जो ज्यादा अच्छा होगा। कभी भी किसी की किसी से तुलना नहीं करना चाहिए। ‘दीवार’ के अमिताभ और ‘आग’ के अमिताभ एक जैसे नहीं दिखते हैं। ‘शोले’ से ‘रामगोपाल वर्मा की आग’ की तुलना क्यों कर रहे हो और कह रहे हो कि आग राख हो गई।
- अरविंद सक्सेना (onlysaxena@yahoo.com)
रामगोपाल वर्मा की आग : सिर्फ राख की समीक्षा से मैं पूरी तरह सहमत हूँ। यह फिल्म बकवास है। मैं तो रामगोपाल वर्मा को पत्र लिखकर पैसे वापस माँगने वाला हूँ।
- अभिषेक उपाध्याय (a-upadhyay@hotmail.com)
रामगोपाल वर्मा की आग एकदम घटिया फिल्म है।
- प्रमोद (pramod_pandey67@yahoo.com)
रामगोपाल वर्मा की आग की समीक्षा पढ़कर मैंने फिल्म देखने का अपना इरादा बदल दिया। मेरे पैसे बचाने के लिए धन्यवाद।
- चेमनाल खानवलकर (khanavkar@chemanol.com)
रामगोपाल वर्मा की आग की समीक्षा बेहद अच्छी है। इस फिल्म के बाद कोई भी रीमेक बनाने की हिम्मत नहीं करेगा।
- समीर प्रभाकर शिंदे (sameershinde21@rediffmail.com)
गीत-गंगा ‘जीना यहाँ, मरना यहाँ’ बेहद पसंद आई। इस आलेख से मुझे कई नई जानकारियाँ प्राप्त हुई। उस दौर में गीतों को बेहद उम्दा तरीके से लिखा जाता था।
- पवन झा (pawan.jha@webdunia.com)
जब वी मेट की कहानी पढ़ने के बाद मुझे लगता है कि यह एक उम्दा फिल्म होगी। शाहिद और करीना को मेरी शुभकामनाएँ।
- दिवाकर सिंह परिहार (parihar_divakar@yahoo.com)
बुढ्ढा मर गया बेहद घटिया फिल्म है। पूरी फिल्म फूहड़ है और इसे परिवार के साथ नहीं देखा जा सकता है।
- युगराज सिंह (yugrag11@yahoo.co.in)
ऐश्वर्या के लिए नायकों की कमी पढ़ने के बाद मुझे ऐसा लगा कि अब उसे फिल्मों में काम नहीं करना चाहिए। वह अब बिग-बी परिवार की बहू है और पैसे के लिए उसे अपने परिवार का नाम खराब नहीं करना चाहिए।
- पवन कुमार शर्मा (pawan_sharma409@yahoo.com)
स्टार वाइस ऑफ इंडिया के आभास ही इस कार्यक्रम के विजेता बनेंगे। आभास, तुम को हम बहनों की ताकत है। आभास जोशी स्नेह मंच, जबलपुर की बालिकाओं ने राखी पर अपने भैया के लिए वोट की लगातार अपील करने के कारण अपना लंच भी नहीं ले पाई। उनके सर पर आभास को जिताने की धुन सवार थी।
- गिरीश बिल्लौरे (girishbillore@gmail.com)
डार्लिंग फिल्म बेहद बुरी है। इस फिल्म में कुछ भी नया नहीं है।
- छवि भटनागर (chhavi.bhatnagar06@gmail.com)
धमाल देखकर मजा आ गया। पूरी फिल्म में हँसी के फव्वारे छूटते रहते हैं।
- मनोज गुप्ता (manoj_gupta4567@rediffmail.com)
ढोल फिल्म की कहानी पढ़ने के बाद मुझे लगा कि यह फिल्म हिट नहीं हो पाएगी। इस फिल्म की कहानी ‘नई पड़ोसन’ से मिलती-जुली है।
- मंजू (manjuwithme@rediffmail.com)
हम ऐश्वर्या और सलमान को साथ में फिल्म करते हुए देखना चाहते हैं। दोनों की जोड़ी बेहद अच्छी लगती है।
- संतोष और महेन्द्र (santosh_9290@rediffmail.com)
मैं शाहरुख खान का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ। मुझे उनके बारे में लिखा गया आलेख ‘शाहरुख खान : नंबर वन की पोज़ीशन बरकरार’ अच्छा लगा। मैं चाहता हूँ कि शाहरुख अमिताभ को भी पीछे छोड़ दे।
- शाम्स आलम (shams.rose@rediffmail.com)