अगर मैंने यह बताया तो जेपी दत्ता मुझ पर बंदूक तान देंगे : गुरमीत चौधरी

रूना आशीष
जेपी दत्ता की फिल्म 'पलटन' में काम करने वाले गुरमीत चौधरी के पिता खुद आर्मी में रहकर देश की सेवा कर चुके हैं। ऐसे में 'पलटन' में काम करना गुरमीत के लिए बहुत फख्र की बात रही है। अपने बचपन और फौजी जिंदगी की बात शेयर करते हुए गुरमीत ने 'वेबदुनिया' संवाददाता रूना आशीष को बताया कि 'मैं जब 6ठी कक्षा में पढ़ रहा था तब पापा की पोस्टिंग कश्मीर में हुई थी। बदामबाग में बने कैंटोन्मेंट इलाके में वो रहा करते थे। हर रोज जब पापा मेनगेट के बाहर जाते थे तभी से फायरिंग शुरू हो जाती थी। हम इसी बात की प्रार्थना करते थे कि वो सही-सलामत लौट आएं।'
 
कुछ समय पहले आर्मी की जीप पर एक शख्स को बांधा गया था और ये वीडियो वायरल हुआ था। आपका क्या विचार है इस पर?
मेरे हिसाब से ये स्मार्ट मूव था। फौजी अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं लेकिन जब कोई साथी मर जाए तो उन्हें बहुत गुस्सा आता है। कभी किसी का भाई मर जाए तो गुस्सा नहीं आएगा क्या? वैसे भी जिस शख्स को जीप पर बैठाया था वो भी तो उन्हीं लोगों में से एक था। आपने जाने कितने ऐसे वीडियो देखे होंगे स्टोन पेल्टिंग या फायरिंग के, इनमें से कुछ तो वो भी होंगे जिनमें आपने पत्थरों का शिकार होते या मर चुके सिपाही को देखा होगा। फौजियों को कितना समय लगेगा इन पत्थर फेंकने वालों पर फायरिंग करने में? लेकिन वो ऐसा नहीं करना चाहते तो ये तरीका निकाल लिया। बहुत दिमाग का काम किया है।
 
थोड़े दिनों पहले सिद्धू ने पाकिस्तान के रक्षामंत्री को गले लगाया था, आपका क्या कहना है?
अगर आपके अपने पड़ोसी से अच्छे ताल्लुक हों तो अच्छा ही है ना? अगर लड़ाई पर आ जाए तो छोड़ना नहीं, वर्ना सब मिलकर रहें तो क्या बुरा है? हम चाहें तो दोनों देश मिलकर एकसाथ एशिया और पूरी दुनिया की बड़ी ताकत बन सकते हैं। हम कितना आगे बढ़ रहे हैं और पाकिस्तान भी तो ठीक ही कर रहा है। आप किसी फौजी ये पूछेंगे तो वो तो कहेगा कि ये लड़ाई न हो। कौन अपने घर के बेटे को खोना चाहेगा। पापा से एक बार मैंने भी पूछा था तब उन्होंने कहा था कि एक युद्ध देश को 30 साल पीछे ले जाता है। फिर पाकिस्तानी भी तो एक फौजी ही तो है ना? क्या बुरा है अगर सब ओर शांति छा जाए।
 
आप टीवी पर खूब चले, तो क्या फिल्मों में आपका चयन कुछ गलत हो गया?
मेरे जैसे नॉनफिल्मी पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले के लिए इंडस्ट्री में घुस पाना ही बहुत बड़ी बात होती है। ऐसे में ये मेरी तीसरी फिल्म है। मैं ये सोचकर नहीं बैठ सकता कि मैं इन निर्माता या निर्देशकों के साथ काम नहीं करूंगा। सब भूल जाएंगे आपको, बस काम करते रहो। फिर मैं तो बहुत लकी हूं कि मुझे फॉक्स के साथ काम करना मिला। महेश भट्ट जैसे निर्देशक ने मुझे चुना और मेरी लिस्ट में जेपी सर का नाम भी था, तो देखिए मैंने वो भी कर लिया। अब तो उन्होंने मुझे आगे की 2 फिल्मों के लिए भी साइन कर लिया है।
 
तो आप जो बाल बढ़ा रहे हैं, वो उनकी ही फिल्म के लिए है क्या?
मुझे जेपी सर के बारे में कई बातें मालूम हैं और एक बात तो खासतौर पर मालूम है कि उनके पास एक गन भी है। अगर मैंने अभी कुछ भी बताया तो वो गन मुझ पर तान दी जाएगी। (एक बड़े ठहाके के साथ इंटरव्यू खत्म हुआ।)

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