फिल्म 'गहराइयां' करने के पीछे एक सबसे बड़ा कारण यह रहा कि मुझे निर्देशक शकुन बत्रा के साथ काम करने की कई सालों से इच्छा थी। जाहिर है बहुत सारे लोगों ने कपूर एंड संस उनकी एक फिल्म देखी है और वह फिल्म देखने के बाद से मेरी इच्छा और बढ़ गई थी। जैसे ही फिल्म गहराइयां मेरे सामने आई तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
दूसरा कारण है कि यह फिल्म बहुत रियलिस्टिक है। यह फिल्म हमारे जीवन से जुड़ी हुई फिल्म है इसलिए करने की बड़ी इच्छा हुई। यह कहना है दीपिका पादुकोण का जो की फिल्म 'गहराइयां' के जरिए एक बार फिर दर्शकों के सामने आ रही हैं। इस फिल्म में दो बहनों की कहानी को बताया गया है।
अपनी बात जारी रखते हुए दीपिका कहती हैं कि ऐसा रोल मैंने अभी तक अपने करियर में कभी नहीं निभाया है। लगभग या थोड़े से मिलते जुलते रोल आपने देखे होंगे। चाहे वह पीकू हो, चाहे वह तमाशा हो। मेरे ऐसे रोल जिसमें कई परते हो, वह मैंने किए है। लेकिन यह गहराइयां वाला जो मेरा रोल है, इसमें इतनी सारी परते हैं, इतनी ज्यादा असलियत है कि मुझे लगा कि मुझे यह फिल्म जरूर करनी ही चाहिए। वैसे भी एक दर्शक के तौर पर और एक्टर के तौर पर शकुन के साथ काम करने की हमेशा इच्छा रही है।
आपका रोल फिल्म में बहुत ही ज्यादा भावुक किस्म का है तो जब आप घर आती है तो क्या उसका कोई असर रहता है।
मुझे आमतौर पर काम और घर दो अलग-अलग तरीके से संभालने में अच्छा लगता है। वह संतुलन बना रहना चाहिए। आमतौर पर एक्टर्स को कहा जाता है स्विच ऑन एंड स्विच ऑफ पॉलिसी तो वह थोड़ा बहुत मुझ में है। जो काम किया वह वहीं सेट पर छोड़ कर आ जाओ और घर में कुछ और करो कुछ अलग ही करो फिर चाहे वह मैं ऑनलाइन सब्जी आर्डर करूं या अपने कपड़े हो कि लॉन्ड्री संभालूं या किचन में कुछ काम कर लूं।
सेट पर जो किया है उससे अलग ही काम करना है मुझको। अभी कल परसों मैं और रणवीर आपस में बात कर रहे थे तब रणवीर ने पूछा, तुमने यह फिल्म कब कर ली, मालूम ही नहीं चला। इसी तरीके से काम को लेती हूं। सेट पर कभी मैं हूं वहां पर कोई बहुत ही इंटेंस सीन करना हो तो वह सीन करने के बाद मैं अपने रूम मे आ जाती हूं संगीत सुन लेती हूं। अपने आप में ही रहती हूं। ज्यादा बातचीत नहीं करती और अगर सेट पर कोई हंसी मजाक वाला सीन चल रहा हो तो उसके बाद सब लोगों से बात कर लेती हूं। थोड़ी गप्पे लड़ा लेती हूं। लेकिन यह भी बताना चाहूंगी कि मैं अपने प्रोसेस के बारे में बहुत ज्यादा बात नहीं करती। कभी-कभी लगता है कि हर रोल के लिए जरूरत से ज्यादा तैयारी भी करना ठीक नहीं।
आपने सिद्धांत के साथ पहली बार काम किया है। कैसे लगे वह आपको?
जब इस फिल्म की बात हम कर रहे थे तब सिद्धांत की एक ही फिल्म आई थी। मैं गली बॉय की बात कर रही हूं जिसमें उन्होंने एमसी शेर का रोल निभाया था। पहली फिल्म होने के नाते रणवीर जैसे कलाकार के सामने अपने आप के रोल को खड़ा करना और इतना अच्छा परफॉर्मेंस देना सच में मुझे यह बात उनकी बहुत भा गई। फिर जब मुझे शकुन ने बताया कि इस रोल के लिए हम सिद्धांत को लेने वाले हैं तो मैं बहुत खुश हो गई थी क्योंकि मुझे वह बहुत प्रभावित कर गए थे अपने रोल के साथ।
फिल्म की पहली रीडिंग होने के ढाई साल बाद जब हमने शूट शुरू किया तब मैंने सिद्धांत के अंदर बहुत बदलाव देखे। वह ज़ाति तौर पर बहुत बेहतर बनते जा रहे थे। उनकी एक बात बहुत अच्छी लगती कि उनमें बहुत लगन है। वह हमेशा नई बातें सीखने की कोशिश करते हैं जो हम शूट भी कर रहे थे तब हम लोग बड़े संकोच में थे। हम दोनों नर्वस हो रहे थे और मुझसे ज्यादा नर्वस तो वो थे। मुझे अच्छा यह लगा कि कैसे उन्होंने अपनी नर्वसनेस को अलग हटाते हुए काम किया और बतौर अभिनेता हम एक दूसरे के साथ बहुत ही कंफर्टेबल हो सके। मुझे अच्छा लगता है कि उनके अंदर बहुत महत्वकांक्षा है और इसके बावजूद भी हमेशा जमीन से जुड़े रहते हैं।
गहराइयों में दो बहनों की कहानियां बताई है। आपकी बहन अनीशा से आपकी कैसी दोस्ती है या कैसे रिश्ते हैं।
मेरी बहन, अनीशा और मुझ में 5 साल का अंतर है। जब हम बहुत ही छोटे थे तो वह हमेशा कहती रहती थी कि मुझे लगता है, मेरी दो मां हैं। मुझे हमेशा से उसके लिए वैसा ही प्यार रहा है। मैं प्रोटेक्ट करते हुए उसके आगे चलती थी। लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि पिछले दस सालों में जिस तरीके से हमारे रिश्ते बदले हैं उसने मुझे और अनीशा को एक दूसरे में एक दोस्त ढूंढने में मदद की है।
हम एक दूसरे से सारी बातें शेयर करते हैं। मुझे मजा तो तब आता है जब मेरी मां मुझे फोन लगाकर बोलती है कि अनीशा के बारे में मुझे यह जानना है। अब तुम दोनों बहने हो तो जरूर अनीशा ने तुम्हें यह बात बताई होगी। बहुत बार यह होता है कि आप अपने माता-पिता के बारे में सोचते हैं कि अगर यह बात मैंने मम्मी पापा को बताई तो शायद उनको बुरा लगेगा, लेकिन वह अपने भाई बहनों को आप बहुत जल्दी बता देते हैं। मुझे यह बात भी अनिशा की पसंद है कि वह मेरी रियालिटी चेक है। कोई बात अच्छी लगे तब मुझे बता देती है बुरी लगे तब भी मुझे बता देती है।
उसे मेरे स्टारडम या मेरा इतना नाम होने का कहीं कोई गुरुर नहीं है, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि वह मेरी इज्जत नहीं करती है। वह समझती है कि मैंने कितने मेहनत की है तब जाकर मैं इस मुकाम पर पहुंची हूं। हम दोनों के रिश्ते की यही खूबसूरती है।