अक्षय कुमार के साथ फिल्म करना लक की बात : भूमि पेडनेकर

रूना आशीष
'हमारी फिल्म के लिए इससे बेहतर कोई तारीख नहीं हो सकती थी, क्योंकि जब आप फिल्म देखकर थिएटर के बाहर आएंगे तो आपको भी देश के लिए एक अलग ही जज्बा महसूस होगा। हिन्दुस्तान एक ऐसा देश है, जहां सभी को अपने देश से प्यार है। 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन माहौल ही कुछ और हो जाता है। ऐसे समय में ऐसी कोई फिल्म आए तो मजा ही कुछ और होगा।'
 
'टॉयलेट एक प्रेमकथा' नाम की फिल्म जल्दी ही लोगों के सामने आ रही है। फिल्म की अभिनेत्री भूमि पेडनेकर इन दिनों फिल्म का प्रमोशन कर रही हैं। उनसे बात कर रही हैं 'वेबदुनिया' संवाददाता रूना आशीष।
 
अपनी दूसरी ही फिल्म में अक्षय कुमार के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मैंने जब फिल्म सुनी थी तो नहीं पता था कि अक्षय सर ये फिल्म कर रहे हैं। शायद वो ये जानना चाहते थे कि मैं ये फिल्म करना भी चाहती हूं कि नहीं? लेकिन वे इतने बड़े शख्स हैं, अभिनेता हैं और सामाजिक तौर पर भी कई मुद्दों से जुड़े हुए हैं कि जब वे ऐसी किसी फिल्म से जुड़ते हैं तो फिल्म का दायरा बड़ा हो जाता है। वे अपने देश से बहुत प्यार करते हैं और धरती से जुड़े हुए इंसान हैं। लोगों के साथ उनका रिश्ता ही कुछ अनोखा है इसलिए लगता है कि मैं तो बहुत ही लकी हूं, जो उनके साथ काम कर सकी।
 
कहा जाता है कि अक्षय इस फिल्म के बहाने प्रधानमंत्री मोदी के करीब जाने का कोशिश कर रहे हैं?
इस फिल्म की तैयारी 2013 से चल रही है। ये एक आसान फिल्म नहीं है। ये हमारे समाज को दिखाने वाला एक आईना है। ये कोई डॉक्यूमेंट्री नहीं है। ये एक प्रेम कहानी है। बस इसका आधार एक टॉयलेट है। ये साधारण लोग हैं और इनकी छोटी-सी दुनिया है। उन्हें पता ही नहीं कि उनकी बाहर की दुनिया कैसी है। जया और केशव की इस कहानी में टॉयलेट एक विलेन बनकर आ जाता है। हमारे लेखकों ने बहुत सारी रिसर्च की है। पूरे देश में घूमकर सारे फैक्ट्स इकट्ठे किए हैं। मुझे नहीं लगता कि अक्षय, मोदी के करीब नहीं जाना चाहते।
 
अगर आप अभिनेत्री नहीं हो तो क्या करेंगी? 
मैं भूखी मर जाऊंगी...! अगर मैं एक्ट्रेस नहीं होती तो कुछ नहीं होती। मैंने तो 12 साल की उम्र में ही अपनी मम्मी को कह दिया था कि मैं अभिनेत्री बनना चाहती हूं। चलो, अगर पूछा ही है ये सवाल तो मैं कहूंगी कि मुझे और कुछ नहीं आता। मेरी बचपन की कई फोटो हैं, जहां मैं फुल मैकअप और झुमके में हूं। मेरी मां भी मेरे फोटोसेशंस करती रहती थी। तो नखरीली तो मैं बचपन से ही हूं। स्कूल में भी मैं नाटकों में भाग लेती थी। मैं हमेशा आगे बढ़कर भाग लेती थी। मुझे फिल्मों से बहुत प्यार है। मैं जिंदगीभर किसी न किसी तरह से फिल्मों से तो जुड़ी रहूंगी।
 
आप कोई बायोपिक करना चाहेंगी?
मैं मीनाकुमारीजी की बायोपिक करना चाहूंगी। उनकी फिल्म 'पाकीज़ा' का मुझ पर बहुत प्रभाव पड़ा है। 'साहब, बीवी और गुलाम' भी मुझे बहुत पसंद है। फिल्म क्या, मुझे तो उनकी जिंदगी का सफर भी बहुत पसंद है। उनकी जिंदगी कितनी प्रभावशाली और रुचिकर रही है। खैर, अभी तो मेरी शुरुआत हुई है। मैं तो सब काम करना चाहती हूं। मैं बारिश में भीगना चाहती हूं, मैं पेड़ों के इर्द-गिर्द घूमना चाहती हूं, मैं तो स्विट्जरलैंड की बर्फ में भी भीगना चाहती हूं, मैं ये सब करना चाहती हूं।
 
जीएसटी में सैनिटरी पैड्स पर कर बढ़ा दिया गया है, आप क्या कहेंगी?
मैं जीएसटी के बारे में पूरी तरह से अभी नहीं कह सकती हूं। लेकिन जब बात दवाइयों की या सैनिटरी पैड की हो तो मुझे लगता है कि इन पर तो कोई टैक्स होना ही नहीं चाहिए। सरकार ने हमारे देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने के लिए बहुत बड़ा अंतर लाने की कोशिश की है तो मुझे आशा है कि वो सही तरीके से ही होगा।
Show comments

बॉलीवुड हलचल

भूल भुलैया 3 का रोमांटिक ट्रैक "जाना समझो ना" रिलीज, नजर आई कार्तिक आर्यन और तृप्ति डिमरी की खूबसूरत केमिस्ट्री

सलमान खान ने सिकंदर की शूटिंग शुरू कर दी, ईद 2025 पर होगी रिलीज

Pushpa 2 The Rule ने रिलीज के पहले कमाए 1085 करोड़ रुपये, अल्लू अर्जुन का बॉक्स ऑफिस पर धमाल

इस वजह से अपने माता-पिता से नफरत करने लगी थीं परिणीति चोपड़ा

निर्देशक नहीं इंजीनियर बनना चाहते थे यश चोपड़ा, स्विट्जरलैंड सरकार ने लगवाई है 250 किलो की कांस्य प्रतिमा

सभी देखें

जरूर पढ़ें

स्त्री 2 फिल्म समीक्षा : विक्की की टीम का इस बार सरकटा से मुकाबला

खेल खेल में मूवी रिव्यू: अक्षय कुमार की कॉमिक टाइमिंग जोरदार, लेकिन ‍क्या फिल्म है मजेदार?

वेदा फिल्म समीक्षा: जातिवाद की चुनौती देती जॉन अब्राहम और शरवरी की फिल्म | Vedaa review

औरों में कहां दम था मूवी रिव्यू: अजय देवगन और तब्बू की फिल्म भी बेदम

Kill movie review: खून के कीचड़ से सनी सिंगल लोकेशन थ्रिलर किल

अगला लेख
More