“बादशाहो में कोई खास एक्शन सीन नहीं है, हां अगर आप इसके गाने में घोड़े वाले सीन को देख कर कह रहे हैं तो मैं बता दूं कि मिलन को घोड़ों का बहुत शौक है और वे जॉकी भी रह चुके हैं। गाने में भी मुझे सीधे भागना था बाकी सारा काम तो घोड़ों को ही करना था, मुझे बस उनसे बचना था।” ये कहना है बादशाहो में लीड रोल निभाने वाले अजय देवगन का।
बादशाहो में ज्यादा फाइट सीन देखने को नहीं मिलेगें तो फिर इसमें क्या होगा? पूछने पर अजय बताते हैं कि “बादशाहो की कहानी के बारे में कह सकता हूं कि हमने राजस्थान के ज़ुबान से सुनी है ये बात, कि एक रानी थी, जिसके सोने को इमरजेंसी के दौरान सरकार ने ज़ब्त करने के आदेश दिए थे, लेकिन आज तक कोई ये जान नहीं पाया है कि ज़ब्त हुआ सोना कहां गया है? इस बारे में सुन कर मिलन ने कहा कि चलो एक ऐसी ही फिल्म बनाते हैं। एक साल तक उसने कहानी पर काम किया और फिर हमारी ये फिल्म बन गई। बहुत ही इमोशनल ड्रामा बन कर सामने आई है ये फिल्म।”
अजय को फिल्मों में 26 साल हो गए हैं इस बारे में अजय ने वेबदुनिया संवाददाता रूना आशीष को बताया कि “इन 26 सालों का सफर अच्छा ही रहा है। कम से कम मुझे स्ट्रगल नहीं करना पड़ा है। इतनी अच्छी किस्मत रही है मेरी। कैसे 26 साल गुज़र गए मालूम भी नहीं पड़ा।”
जब इतिहास आधारित फिल्म करते हैं तो कितना चैलेंजिंग होता है ये?
बहुत ज़्यादा चैलेंजिंग हो जाता है। मुश्किल बढ़ जाती है, खासकर जब आप भगत सिंह जैसे किरदार कर रहे हैं तो, क्योंकि आप उनके बार में जानते हैं। मुझे याद है कि उनके भाई हमारे सेट पर आए थे। वे बहुत ही बुज़ुर्ग़ शख्स थे। जितने भी किस्से वे सुनाते थे उसे सुन कर लगता था कि कोई भी आदमी असल ज़िंदगी में ऐसा कैसे हो सकता है। शायद भगवान ही ऐसा हो सकता है। ऐसे में अगर आप भगत सिंह का किरदार कर रहे हैं तो हर बार ये डर लगता है कि कहीं आप किसी भी लिहाज़ से गलत तरीके से शख्सियत को ना दिखा दें, क्योंकि किसी भी रियल लाइफ हीरो को आप गलत तो नहीं देखा सकते हैं ना। आप अपनी असल ज़िंदगी में सोचते रह जाते हैं कि कैसे इन लोगों ने सब कर लिया होगा? हम तो उन पर फिल्म बनाते समय मुश्किल में आ जाते हैं। ये लोग तो अपने अपने देश के लिए क्या कुछ नहीं कर गुज़रे हैं।
भगत सिंह के भाई से मिलने के बाद आपको लगा कि उनकी फांसी को रोका जा सकता था?
भगत सिंह के बारे में अगर मैं सब कुछ यहां कह दूं तो बेवजह विवाद हो जाएगा। वैसे भी जो इतिहास हम देखते और लिखते- पढ़ते हैं और जो असल में हुआ है उसमें बहुत अंतर हो सकता है। मैं उनके भाई से मिला हूं तो समझ सकता हूं कि जिसके घर के सदस्य के साथ कुछ हो तो उन्हें दु:ख होना लाजमी है। अब अगर वो सब बातें जानकर मैं किसी के बारे में कुछ कहूं तो व्यर्थ का विवाद हो जाएगा।
बादशाहो की शूटिंग के दौरान आपको किन दिक्कतों से दो- चार होना पड़ा?
इस फिल्म को बनाते हुए सबसे ज़्यादा जो परेशानी सामने आई वो थी लोकेशन्स। राजस्थान में शूट हुई है तो गर्मी बहुत थी। रेगिस्तान में शूट कर रहे थे तो मिट्टी, रेती इतनी उड़ती थी कि आप आंख नहीं खोल सकते। ऐसे में शूट करना पड़ता था। कई बार लोकेशन्स के लिए हमें 250 किलोमीटर तक की यात्रा करना पड़ती थी। कई बार हम सोचते थे कि यहां शूटिंग नहीं कर पा रहे हैं तो लोग यहां कैसे रहते होंगे।
आपकी फिल्म गोलमाल अगेन और आमिर की फिल्म सीक्रेट सपुरस्टार दिवाली पर रिलीज़ हो रही हैं। आमिर कहते हैं कि दोनों फिल्मों में कोई प्रतियोगिता नहीं है। आप क्या कहना चाहेंगे?
आमिर बिल्कुल सही कहते हैं। अगर आप गोलमाल अगेन देखना चाहेंगे तो सीक्रेट सुपरस्टार भी देखेंगे और वो फिल्म देखने जाएंगे तो मेरी फिल्म भी देखेंगे। दोनों में कोई मुकाबला नहीं है। वैसे भी दिवाली पर दो फिल्मों की जगह तो होती ही है। मैं आमिर की इस बात से सहमत हूं।