विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित फिल्म '1921' में करण कुन्द्रा लीड रोल में हैं। पेश है उनसे मुलाकात के मुख्य अंश:
विक्रम भट्ट की फिल्म का हिस्सा बनना कैसा रहा?
इसकी नींव बहुत पहले विक्रम सर ने रख दी थी। मैंने सर के साथ हॉरर स्टोरी फिल्म की थी। उस समय सर ने कहा कि ये लांच नहीं है लेकिन अच्छी फिल्म है। फिल्म के बाद मैंने टीवी के शो गुमराह, रोडीज में काम किया। विक्रम सर को मेरे काम के बारे में पता था।
और '1921' कैसे मिली?
फिर उनका एक दिन कॉल आया और वे मुझे एक वेब सीरीज के लिए कास्ट करना चाहते थे। फिर 4 साल बाद मैं एक दिन विक्रम सर से मिलने गया। उन्होंने मुझे स्क्रिप्ट सुनाई तो मुझे लगा कि वो वेब सीरीज होगी, लेकिन वो तो पूरी बड़ी फिल्म थी। उन्होंने जरीन खान से पहले ही बात कर ली थी और उस समय ही मुझे पता चला कि इतने बड़े लोगों के साथ फिल्म करने को मिल रहा है।
शूटिंग के बारे में बताइए?
हमने यॉर्कशायर में ही पूरी फिल्म शूट की है, जहां कई ऐसी घटनाएं घटीं जिसकी वजह से डर भी लगता था। फोटो में अलग लोग, चेहरे भी आ जाते थे।
'मुबारकां' कैसे मिली?
मैं रोडीज और टीवी के शो कर रहा था। उस समय अनीस भाई (अनीस बज्मी) का कॉल आया और बड़ा ही तगड़ा रोल था। वो पंजाबी लड़के की कहानी थी। उस समय मैंने अनीस भाई को हां कहा और 'मुबारकां' में अर्जुन बन गया। उसके पूरा होने के 20-25 दिन बाद '1921' शुरू हो गई।
डर लगता है किसी चीज से?
दु:खी होने से डर लगता है। मैंने जिंदगी में बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं। मेरे पिताजी ने 200 रुपए से शुरुआत की थी। घर में मैं सबसे छोटा था। हमारी फैक्टरियां भी बंद हो गई थीं। तो मैंने वो दौर भी देखा है इसलिए खुशी बहुत जरूरी है। रीयल इंसान आपके इर्द-गिर्द होना बहुत जरूरी है।
शूट एन्जॉय करते हैं?
फिल्में या टीवी के शो करता हूं और पैक के बाद तुरंत घर और फैमिली के पास चला जाता हूं।
डैड की कोई बात याद आती है?
जी वे हमेशा कहते थे कि 'तू कुछ भी करेगा, पर भूखा नहीं मरेगा।' काम और फैमिली के साथ आगे बढ़ता जा रहा हूं।
जरीन के साथ काम करना कैसा रहा?
बहुत ही अच्छा अनुभव था और काफी बातें सीखने को मिलीं।