21 फरवरी को 'बागी 2' का ट्रेलर रिलीज होते ही छा गया। न केवल आम दर्शकों ने इसे पसंद किया बल्कि फिल्म व्यवसाय से जुड़े लोग ट्रेलर से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें फिल्म में हिट होने की भरपूर संभावना नजर आई। यह एक मसाला फिल्म लग रही है जिसमें जबरदस्त एक्शन है।
इस तरह की फिल्मों के सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों और छोटे शहरों में अच्छा प्रदर्शन करने की भरपूर गुंजाइश रहती है। यही कारण है कि सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर और छोटे शहरों के सिनेमाघर इस फिल्म को अपने सिनेमाघरों में लगाना चाहते हैं। उन्हें लग रहा है कि यह फिल्म अच्छा व्यवसाय कर सकती है।
इन दिनों ज्यादातर फिल्में मेट्रो सिटी ऑडियंस और मल्टीप्लेक्स गोइंग ऑडियंस के लिए बन रही है। इस तरह की फिल्में सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों और छोटे शहरों में कमजोर रहती है। इसलिए इन सिनेमाघरों के आगे हर समय मुश्किल खड़ी रहती है।
इस तरह की फिल्में छोटे शहरों में तो मात्र तीन-चार दिन चल पाती है और इतना कलेक्शन भी नहीं होता कि खर्चा निकाला जा सके। इसलिए लगातार सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर बंद हो रहे हैं। सरकार भी ध्यान नहीं देती और सिर्फ टैक्स वसूलने में लगी रहती है।
इन दिनों ऐसी फिल्मों का चलन कम हो गया है जो यूनिवर्सल हिट हो। यानी उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक, मेट्रो से गांव तक और मल्टीप्लेक्स से सिंगल स्क्रीन तक सफल हो।
आमिर खान और सलमान खान ही ऐसे सितारे हैं जिनकी फिल्में इस तरह की ऐतिहासिक सफलता हासिल करती है। अक्षय कुमार का मसाला फिल्मों के प्रति रूझान कम हो गया है वरना उनकी फिल्में भी अच्छा प्रदर्शन करती थी।
सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर में फिल्म देखने वाले दर्शक एक्शन और मसाला फिल्में पसंद करते हैं। उन्हें यहां पर इस तरह की फिल्में देखने को नहीं मिलती है तो वे टीवी पर इस तरह की फिल्में देख मनोरंजन करते हैं।
यही कारण है कि टीवी पर दक्षिण भारतीय फिल्मों को हिंदी में डब कर खूब दिखाया जाता है और इस तरह की फिल्में भरपूर टीआरपी वसूलती है। हिंदी भाषी क्षेत्र के ज्यादातर लोग इन फिल्मों के हीरो-हीरोइनों को पहचानते भी नहीं हैं, लेकिन फिल्म का मजा लेते हैं।
बागी 2 सफल रहेगी या नहीं, इसका जवाब तो 30 मार्च के बाद पता चलेगा, लेकिन फिल्म का ट्रेलर उम्मीद जगाता है। टाइगर जिंदा है के बाद इस तरह की मसाला फिल्म आ रही है जिसे देख सिनेमाघर वालों की उम्मीद जागी है।