विद्या बालन अभिनीत फिल्म शेरनी को अमेजन प्राइम वीडियो पर अगले महीने ग्लोबल प्रीमियर किया जाएगा। इस फिल्म में विद्या बालन एक मजबूत इरादों वाली महिला अफसर का मुख्य किरदार निभा रही हैं, जो प्रतिकूल व शत्रुतापूर्ण माहौल में भी बड़ी निष्ठा के साथ अपना कर्तव्य निभाने की कोशिश करती है। इस फिल्म के निर्देशक अमित मासुरकर हैं।
विद्या बालन के पहले श्रीदेवी को लेकर शेरनी फिल्म बनाई जा चुकी है। यह फिल्म 1988 में रिलीज हुई थी। यह तब का दौर था जब श्रीदेवी कई पुरुष सितारों से बड़ा सितारा थीं और उनके नाम से ही दर्शक फिल्म देखने के लिए टिकट खरीद लिया करते थे। श्रीदेवी के साथ इस फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा, प्राण, रंजीत, कादर खान जैसे कलाकार थे, लेकिन पूरी फिल्म का निर्माण श्रीदेवी को केन्द्र में रख कर किया गया था और श्रीदेवी का फिल्म की हर फ्रेम में दबदबा था।
शेरनी का निर्देशन हरमेश मल्होत्रा ने किया था। श्रीदेवी को लेकर इस फिल्म के पहले हरमेश ने नगीना (1986) बनाई थी और यह हरमेश के लंबे करियर की सबसे सफल फिल्म थी। श्रीदेवी को इस फिल्म ने बुलंदियों पर पहुंचा दिया था।
इसी कामयाबी को भुनाने के चक्कर में हरमेश ने श्रीदेवी को लेकर शेरनी बनाई। फिल्म बहुत कमजोर और आउटडेटेट थी और इसी कारण असफल रही। इसके बावजूद श्रीदेवी और हरमेश का साथ बना रहा।
हरमेश ने इसके बाद श्रीदेवी और सनी देओल को लेकर निगाहें (1989) बनाई जो नगीना का सीक्वल थी। उस दौर में सीक्वल वगैरह का चलन नहीं था इसलिए इस बात को प्रचारित नहीं किया गया। यह फिल्म नगीना जैसी कामयाबी हासिल तो नहीं कर पाई, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर औसत से ज्यादा कामयाबी हासिल की।
1991 में नगीना की कामयाब जोड़ी श्रीदेवी-ऋषि कपूर को लेकर हरमेश ने बंजारन नामक फिल्म बनाई जिसमें श्रीदेवी का रोल हीरो जैसा था, लेकिन यह फिल्म असफल रही।
1992 में हरमेश मल्होत्रा और श्रीदेवी की जोड़ी की हीर रांझा रिलीज हुई जिसमें अनिल कपूर भी थे। यह फिल्म बुरी तरह असफल रही और इसके बाद श्रीदेवी और हरमेश ने फिर साथ काम नहीं किया।
इस जोड़ी की नगीना सबसे कामयाब फिल्म रही और हरमेश की हर फिल्म में श्रीदेवी एक हीरो की तरह नजर आईं। शेरनी बन कर श्रीदेवी को सफलता तो नहीं मिली थी, शायद विद्या को मिल जाए।