Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जब बॉलीवुड के पहले 'सुपर स्टार' राजेश खन्ना जवान होकर भी 3 महीने तक बूढ़े बने रहे

(18 जुलाई को पुण्यतिथि पर विशेष)

Advertiesment
हमें फॉलो करें Rajesh Khanna
webdunia

सीमान्त सुवीर

बॉलीवुड के पहले 'सुपर स्टार' का तमगा अपने सीने पर चिपकाने वाले राजेश खन्ना का 18 जुलाई 2012 के दिन मुंबई में करीब 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया था और जो लोग दिल से इस अभिनेता को चाहते थे, उन्हें आज भी याद होगा कि उस दिन मायावी नगरी में जमकर बारिश हुई थी और हजारों लोग भीगते बदन अपने सुपर स्टार को विदा दे रहे थे।
 
मुंबई में किसी अभिनेता की यह पहली शवयात्रा थी जिसमें हजारों लोग शामिल हुए थे और उनके जाने का गम इन्द्र देवता भी मना रहे थे। बहरहाल, गर्दिश के दिनों में उन्हें फिल्म 'सौतन' मिली जिसका किस्सा खुद निर्माता निर्देशक सावन कुमार टाक ने साझा किया।
 
'विविध भारती' के लोकप्रिय कार्यक्रम 'आज के मेहमान' के अंतर्गत सावन कुमार से ममता सिंह की जो बातचीत हुई, उसने दिल को छू लिया। सावन कुमार ने बताया कि सुपर स्टार राजेश खन्ना की जब लगातार 9 फिल्में फ्लॉप हो गईं तो मैंने एक दिन उन्हें फोन किया। पूछा 'काका' आजकल क्या चल रहा है? उन्होंने जवाब दिया 'मेरी डायरी खाली है, आ जाओ और जो चाहो डेट ले लो।'
 
खूब चली फिल्म 'सौतन' : इसके बाद मैं राजेश खन्ना के यहां गया। उन्हें बताया कि मैं फिल्म 'सौतन' बना रहा हूं। उन्होंने बगैर कहानी सुने ही कहा कि तुम्हें भरोसा है कि ये फिल्म चलेगी? मैंने जवाब दिया बिलकुल चलेगी। फिल्म बनी और खूब चली। इसमें राजेश खन्ना ने जबरदस्त भूमिका निभाई और एक बार फिर साबित कर दिया कि वे ही अकेले बॉलीवुड के 'सुपर स्टार' हैं। इस फिल्म का गीत आज भी मशहूर है। 'शायद मेरी शादी का खयाल दिल में आया है, इसीलिए मम्मी ने तुम्हें चाय पे बुलाया है...।'
Rajesh Khanna
एक हिट फिल्म को तरसते हैं : आज की युवा पीढ़ी को चटपटी, एक्शन और मसाला फिल्म देखने की लत है और कोई फिल्म चल निकलती है तो वे फूले नहीं समाते हैं। यही हालत कलाकारों से लेकर फिल्म के निर्माता, निर्देशक और फाइनेंसरों की होती है, जो बेसब्री से फिल्म के हिट होने के लिए न जाने कितनी मन्नतें मांगते हैं। ऐसी मानसिकता वालों को यदि राजेश खन्ना की फिल्मों के आंकड़ों के बारे में बताया जाए तो वे दांतोंतले अंगुली दबा लेंगे।
 
अमिताभ भी नहीं तोड़ सके रिकॉर्ड : राजेश खन्ना की 1969 से 1971 तक लगातार 15 फिल्में सुपरहिट ही नहीं, बल्कि 'ब्लॉकबस्टर' रहीं, जो कि आज भी एक रिकॉर्ड है। यहां तक कि सदी के महानायक का रुतबा हासिल करने वाले अमिताभ बच्चन भी लगातार 15 सुपरहिट फिल्मों का कीर्तिमान ध्वस्त नहीं कर सके। अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजेश खन्ना का कद बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन से भी कहीं ऊंचा था।
 
48 फिल्में प्लेटिनम जुबली : सुपर स्टार राजेश खन्ना का फिल्मी सफर 1966 से शुरू हुआ और उनकी 74 फिल्मों ने 'गोल्डन जुबली' (50 से ज्यादा सप्ताह) मनाई जिसमें से 48 फिल्में ऐसी रहीं जो सिनेमाघरों में 75 सप्ताह पूरे करके 'प्लेटिनम जुबली' तक पहुंचीं। उनकी 22 फिल्मों ने 'सिल्वर जुबली' भी मनाई।
Rajesh Khanna
मरणोपरांत मिला पद्मभूषण : अमृतसर (पंजाब) में 29 दिसंबर 1942 को जन्मे राजेश खन्ना ने 168 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय करने के अलावा 12 शॉर्ट फिल्में भी कीं। 3 मर्तबा उन्हें फिल्मफेयर का 'सर्वश्रेष्ठ अभिनेता' का अवॉर्ड मिला जबकि वे 2005 में फिल्मफेयर के 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित हुए। 2013 में मरणोपरांत उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'पद्मभूषण' के लिए चुना गया। 2013 में ही डाक विभाग ने 5 रुपए का डाक टिकट भी जारी किया। वे 1992 से 96 तक दिल्ली से कांग्रेस के सांसद भी रहे।
 
किशोर कुमार के साथ जुगलबंदी : राजेश खन्ना और मशहूर पार्श्वगायक किशोर कुमार ने लगभग एक ही समय में फिल्मी सफर शुरू किया था। किशोर की गाय‍की और राजेश खन्ना का अभिनय फिल्म देखने वालों के दिलों पर अपनी छाप अंकित कर दिया करता था। सोने पर सुहागा तब हो गया, जब इस जोड़ी के साथ संगीतकार राहुल देव बर्मन जुड़ गए। इस त्रिमूर्ति ने जो धूम मचाई, उसकी गूंज आज भी जेहन की वादियों में टकरा-टकराकर लौटती है।
Rajesh Khanna
अमर गीत जो आज भी कर्णप्रिय हैं : किशोर कुमार की आवाज में राजेश खन्ना पर फिल्माए गीत आज भी कर्णप्रिय हैं, मसलन 'वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है' (खामोशी), 'ये शाम मस्तानी, मदहोश किए जा' (आराधना), 'चिंगारी कोई भड़के तो सावन उसे बुझाए' (अमरप्रेम), 'ये जो मोहब्बत है, ये उनका है काम' (कटी पतंग), 'जिंदगी का सफर है, ये कैसा सफर, कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं' (सफर), 'मेरे दिल में आज क्या है, तू कहे तो मैं बता दूं' (दाग), 'जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम, वो फिर नहीं आते' (आपकी कसम), 'मेरे नैना सावन भादो, फिर भी मेरा मन प्यासा' (मेहबूबा) और भी न जाने कितने दर्दभरे और रोमांटिक गीत हैं, जो आज भी चाव के साथ सुने जाते हैं। कानों में शहद घोलते हैं...।
 
बॉलीवुड के बन गए भगवान : राजेश खन्ना ने बॉलीवुड का वह दौर भी देखा, जब लगातार फिल्में हिट होने के बाद वे 'बॉलीवुड के भगवान' तक बन गए थे, जैसे कि सचिन तेंदुलकर को 'क्रिकेट का भगवान' कहा जाता है। उन्होंने मार्च 1973 में डिंपल कपाड़िया से तब शादी की थी, जब उनकी डेब्यू फिल्म 'बॉबी' को रिलीज होने में 8 महीने बाकी थे। राजेश खन्ना की बेटी ट्‍विंकल और रिंकी खन्ना हैं। ट्‍विंकल का ब्याह अक्षय कुमार से हुआ।
 
बुरे वक्त में लगातार 9 फिल्में फ्लॉप : बॉलीवुड कलाकार का भी बुरा वक्त आता है और 47 साल के फिल्मी करियर में जब राजेश खन्ना इस दौर से गुजरे तो उनकी लगातार 9 फिल्में फ्लॉप हो गईं। इसके बाद कोई भी निर्माता-निर्देशक उन पर पैसा लगाना अपनी मूर्खता समझता था और तभी सावन कुमार टाक ने दिलेरी दिखाई। फिल्म 'सौतन' ने राजेश खन्ना के बूते पर खूब शोहरत भी कमाई और दौलत भी।
Rajesh Khanna
44 साल की उम्र में बूढ़े का किरदार : फिल्मी नगरी में 'काका' के नाम से मशहूर राजेश खन्ना की अदायगी का ही जादू है कि आज उन्हें गुजरे 7 साल हो गए हैं लेकिन जब भी उनका जिक्र आता है तो आंखों के सामने चॉकलेटी चेहरा और उनकी विशिष्ट स्टाइल घूम जाती है। उन्होंने हर तरह के किरदार निभाए। 1986 में स्मिता पाटिल के साथ उन्होंने फिल्म 'अमृत' की जिसमें वे एक बूढ़े के किरदार के रूप में पर्दे पर आए।
 
3 महीने तक बूढ़े रहे राजेश खन्ना : 1986 में फिल्म 'अमृत' सुपरहिट रही और इसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन था 9.3 करोड़ रुपए। एक बार राजेश खन्ना से बूढ़े के किरदार में सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया था कि फिल्म शुरू होने के 1 महीने पहले से मैं खुद को बूढ़ा समझने लगा था और मेरी दिनचर्या भी बूढ़ों की तरह हो गई थी। मैं इस रोल में इस कदर डूब गया था कि फिल्म के रिलीज होने के 3 महीने बाद तक खुद को बाहर नहीं ला पाया। 
Rajesh Khanna
आनंद कभी नहीं मरता : राजेश खन्ना कहना चाहते थे कि सुपरस्टार ऐसे नहीं बनते... और वाकई वे सही भी थे... आज भी वे अपनी बेजोड़ अदायगी के कारण करोड़ों दिलों में बसे हुए हैं। उनकी यादगार फिल्म 'आनंद' का वह डॉयलाग याद आ रहा है, 'बाबू मोशाय, आनंद कभी नहीं मरता...' और सच बात है कि राजेश खन्ना जैसा सुपरस्टार कभी नहीं मरता, वो मी‍ठी सी याद के रूप में हमेशा दिल में बसा रहता है। यकीन न आए तो एक बार फिर फिल्म 'आनंद' जरूर देख लीजिए... यकीन आ जाएगा।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

करीना कपूर से काफी प्रभावित हैं दिलजीत दोसांझ