लता मंगेशकर कागज पर कुछ भी लिखने के पूर्व किस भगवान का नाम लिखती हैं
इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर का 28 सितंबर को जन्मदिन है। लता मंगेशकर एक जीवित किवदंती हैं। ईश्वर के वरदान के रूप में उन्हें जो आवाज मिली है, उसका सर्वोत्तम उपयोग मानव-कल्याण के लिए लताजी ने किया है। जब तक धरती पर सूरज-चाँद और सितारे रहेंगे, लता की आवाज हमारे आसपास गूँजती रहेगी। आइए जानें लता के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्यों को :
1) लता के लिए गाना पूजा के समान है। रिकॉर्डिंग के समय वे हमेशा नंगे पैर ही गाती हैं।
2) उनके पिताजी द्वारा दिया गया तम्बूरा उन्होंने अब तक संभालकर रखा है।
3) लता को फोटोग्राफी का बेहद शौक है। विदेशों में उनके द्वारा उतारे गए छायाचित्रों की प्रदर्शनी भी लग चुकी हैं।
4) खेलों में उन्हें क्रिकेट का बेहद शौक है। भारत के किसी बड़े मैच के दिन वे सारे काम छोड़ मैच देखना पसंद करती हैं।
5) कागज पर कुछ भी लिखने के पूर्व वे 'श्रीकृष्ण' लिखती हैं।
6) यह बात कुछ अजीब लग सकती है, लेकिन सच है। हिट गीत 'आएगा आने वाला' के लिए उन्हें 22 रीटेक देने पड़े थे।
7) लता मंगेशकर का पसंदीदा खाना कोल्हापुरी मटन और भुनी हुई मछली है।
8) चेखव, टॉलस्टॉय, खलील जिब्रान का साहित्य उन्हें पसंद है। वे ज्ञानेश्वरी और गीता भी पसंद करती हैं।
9) कुंदनलाल सहगल और नूरजहाँ उनके पसंदीदा गायक-गायिका हैं। शास्त्रीय गायक-गायिकाओं में लता को पंडित रविशंकर, जसराज, भीमसेन, बड़े गुलाम अली खान और अली अकबर खान पसंद हैं।
10) गुरुदत्त, सत्यजित रे, यश चोपड़ा और बिमल रॉय की फिल्में उन्हें पसंद हैं।
11) त्योहारों में उन्हें दीपावली बेहद पसंद है।
12) भारतीय इतिहास और संस्कृति में उन्हें कृष्ण, मीरा, विवेकानंद और अरबिंदों बेहद पसंद हैं।
13) पड़ोसन, गॉन विद द विंड और टाइटेनिक लता की पसंदीदा फिल्में हैं।
14) दूसरों पर तुरंत विश्वास कर लेने की अपनी आदत को वे अपनी कमजोरी मानती हैं।
15) स्टेज पर गाते हुए उन्हें पहली बार 25 रुपए की दाद मिली थी, जिसे वे अपनी पहली कमाई मानती है। अभिनेत्री के रूप में उन्हें पहली बार 300 रुपए मिले थे।
16) उस्ताद अमान खां भिंडी बाजार वाले और पंडित नरेन्द्र शर्मा को वे संगीत में अपना गुरु मानती है। उनके आध्यात्मिक गुरु थे श्रीकृष्ण शर्मा।
17) महाशिवरात्रि, सावन सोमवार के अलावा वे गुरुवार को व्रत रखती हैं।
18) लता ने अपना पहला फिल्मी गीत मराठी फिल्म 'किती हंसाल' (1942) में गाया, लेकिन किसी कारणवश इस गीत को फिल्म में शामिल नहीं किया गया। मराठी फिल्म 'पहिली मंगळागौर' (1942) में उनकी आवाज पहली बार सुनाई दी। हिन्दी फिल्म 'आपकी सेवा में' (1947) लता ने पहली बार गया। गीत के बोल थे- पा लागूं कर जोरी रे।
19) लता ने पहली बार पार्श्व गायन नायिका मुनव्वर सुल्ताना के लिए किया था।
20) लता ने अंग्रेजी, असमिया, बांग्ला, ब्रजभाषा, डोगरी, भोजपुरी, कोंकणी, कन्नड़, मगधी, मैथिली, मणिपुरी, मलयालम, हिंदी, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, मराठी, नेपाली, उडिया, पंजाबी, संस्कृत, सिंहली आदि भाषाओं में गीत गाए हैं।
21) वे मराठी भाषी हैं, परन्तु वे हिन्दी, बांग्ला, तमिल, संस्कृत, गुजराती और पंजाबी भाषा में बतिया लेती हैं।
24) वे फिल्म निर्माता रही हैं और 'लेकिन', बादल' और कांचनजंगा जैसी फिल्में बना चुकी हैं।
25) आजा रे परदेसी (मधुमति : 1958), कहीं दीप जले कहीं दिल (बीस साल बाद : 1962), तुम्हीं मेरे मंदिर (खानदान : 1965) और आप मुझे अच्छे लगने लगे (जीने की राह : 1969) के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने के बाद लता ने इस पुरस्कार को स्वीकार करना बंद कर दिया। वे चाहती थी कि नई गायिकाओं को यह पुरस्कार मिले।