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पिता की इच्छा पूरी करने के लिए कमल हासन बने थे अभिनेता

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WD Entertainment Desk

, गुरुवार, 7 नवंबर 2024 (10:43 IST)
साउथ और बॉलीवुड फिल्मों के अभिनेता कमल हासन 70 साल के हो गए हैं। कमल हासन का जन्म 7 नवंबर 1954 को तमिलनाडु के परमकुडी में हुआ था। उनके पिता चाहते थे कि उनके तीन बच्चों में कम से कम एक बच्चा अभिनेता बने। अपनी इसी चाहत को पूरा करने के लिये उन्होंने कमल हासन को अभिनेता बनाने का निश्चय किया।
 
कमल हासन ने अपने सिने करियर की शुरूआत बतौर बाल कलाकार 1960 में रिलीज फिल्म 'कलाथुर कनम्मा' से की। ए. भीम सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उन्होंने अपने दमदार अभिनय से न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता बल्कि वह राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए। फिल्म कलाथुर कनम्मा की सफलता के बाद कमल हासन ने कुछ फिल्मों में बतौर बाल कलाकार काम किया। इसके बाद उन्होंने लगभग 9 वर्षों तक फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया।
 
70 के दशक में अपने पिता के जोर देने पर उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और अपना ध्यान फिल्म इंडस्ट्री की ओर लगा दिया। इस बीच अपने पिता के कहने पर उन्होंने नृत्य की भी शिक्षा हासिल की और कुछ फिल्मों में सहायक नृत्य निर्देशक के रूप में भी काम किया। साल 1973 में कमल हसन को दक्षिण भारत के जाने फिल्मकार के. बालचंद्र की फिल्म 'अरंगेतरम' में काम करने का अवसर मिला। 
 
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साल 1975 में रिलीज फिल्म 'अपूर्वा रंगानगल' मुख्य अभिनेता के रूप में उनको सिने करियर की पहली हिट साबित हुई। साल 1977 में रिलीज फिल्म '16 भयानिथनिले' की व्यावसायिक सफलता के बाद कमल हासन स्टार कलाकार बन गए। साल 1981 में कमल हासन ने हिंदी फिल्मों की ओर भी अपना रूख कर लिया और निर्माता एल. प्रसाद की फिल्म 'एक दूजे के लिए' में अभिनय किया। साल 1982 में कमल हसन की एक और सुपरहिट तमिल फिल्म 'मुंदरम पिरई' रिलीज हुई जिसके लिए वह अपने सिने करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए गए। साल 1983 में 'सदमा' शीर्षक से यह फिल्म हिंदी में भी रिलीज हुई।
 
साल 1985 में कमल हासन को रमेश सिप्पी की फिल्म 'सागर' में ऋषि कपूर और डिंपल कपाडिया के साथ काम करने का अवसर मिला। आर. डी. बर्मन के सुपरहिट संगीत और अच्छी पटकथा के बावजूद यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई लेकिन कमल हासन के अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के कमल हासन सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए।
 
साल 1985 में कमल हासन की एक और सुपरहिट फिल्म 'गिरफ्तार' रिलीज हुई। जिसमें उन्हें सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का अवसर मिला। साल 1987 कमल हासन के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उन्होंने एक मूक फिल्म 'पुष्पक' में सशक्त अभिनय से दर्शकों को अचंभित कर दिया। साल 1987 में ही कमल हासन को मणिरत्नम की फिल्म 'नायकन' में भी काम करने का मौका मिला। 
 
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फिल्म में वेलु नायकर के किरदार को कमल हासन ने जीवंत कर अपना नाम भारत के महान अभिनेताओं में शुमार करा दिया। कमल हासन नायकन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजे गए। साल 1990 में रिलीज फिल्म 'अप्पू राजा' में कमल हासन ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस फिल्म में यूं तो उन्होंने तीन अलग अलग भूमिकाए कीं लेकिन ऊंची कद काठी के रहते हुए भी उन्होंने जिस तरह तीन फुट के बौने के रूप में अपने आप को ढ़ालकर कर दर्शकों अचंभित कर दिया। 
 
साल 1996 में कमल हासन के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म 'इंडियन' रिलीज हुई। एस. शंकर के निर्देशन में बनी फिल्म में उन्होंने दोहरे किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया। फिल्म में दमदार अभिनय के लिए कमल हासन अपने करियर में तीसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए गए। 
 
साल 1998 में कमल हासन ने हिंदी फिल्मों में निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और चाची 420 में अभिनय के साथ निर्देशन भी किया। उन्होंने चार दशक लंबे सिने करियर में अब तक लगभग 200 फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखा चुके है। हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया। 
 
बहुमुखी प्रतिभा के धनी कमल हासन ने न केवल अभिनय की प्रतिभा से बल्कि गायकी, निर्माण, निर्देशन, पटकथा लेखक, गीतकार नृत्य निर्देशन, पटकथा और गीत लेखन तथा नृत्य निर्देशन से भी सिने प्रेमियों को अपना दीवाना बनाया है।

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