अक्षय कुमार की फिल्म 'लक्ष्मी' इस मायने में खास है कि पहली बार इतने बड़े सितारे की फिल्म सिनेमाघर में रिलीज करने की बजाय सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज कर दी गई। कुछ समय पहले तक यह बात कोई सोच भी नहीं सकता था, लेकिन कोरोनावायरस ने जहां कुछ रास्ते तंग कर दिए तो कुछ नए दरवाजे दिखा भी दिए। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म बेचने में भले ही मुनाफा कम होता हो, लेकिन होता जरूर है। खासतौर पर कम बजट की फिल्म बनाने वाले फिल्म निर्माताओं को तो यह माध्यम खासा रास आ रहा है।
बहरहाल, 9 नवम्बर को धमाके के साथ लक्ष्मी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई। पहले दिन तो अच्छा रिस्पांस मिला, लेकिन रिपोर्ट खास नहीं आई। फिल्म समीक्षकों के साथ-साथ आम दर्शकों ने भी फिल्म को पसंद नहीं किया। ओटीटी प्लेटफॉर्म वालों ने जो उम्मीद लक्ष्मी से लगाई थी, उसका 50 प्रतिशत भी उन्हें नहीं मिला और इसको लेकर वे खासे निराश बताए जा रहे हैं। बिना फिल्म देखे उन्होंने सौदा किया था तो हाथ जलने का जोखिम ज्यादा था। अक्षय की फिल्म पर आंख मूंदकर भरोसा करने का खामियाजा उन्होंने उठाया।
कहा जा रहा है कि अब बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने फैसला किया है कि वे फिल्म देख कर ही सौदा तय करेंगे। दिखाना है या नहीं? कीमत कम देना है या ज्यादा? इन प्रश्नों का उत्तर उनकी कमेटी तैयार करेगी और उसके आधार पर फैसला तय होगा। बताया जा रहा है कि एक बड़ी फिल्म जिससे नामी लोग जुड़े हुए हैं उसका फैसला इसी आधार पर होगा।
ओटीटी प्लेटफॉर्म को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी समझने वाले फिल्म निर्माताओं में इस खबर से खासी हलचल है।