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द 400 ब्लोज़ (1959) : जिसे सत्यजीत रे और कुरोसोवा ने देखी गई श्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना

हमें फॉलो करें द 400 ब्लोज़ (1959) : जिसे सत्यजीत रे और कुरोसोवा ने देखी गई श्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना
, गुरुवार, 26 अगस्त 2021 (15:56 IST)
बचपन और जवानी के बीच का दौर किशोरावस्था जीवन का बहुत ही नाजुक दौर होता है। शारीरिक रूप से भी बदलाव होने लगते हैं, तेवर बदलने लगते हैं और इस अवस्था में सही गलत का फैसला लेना मुश्किल हो जाता है। उम्र के इस दौर पर बहुत कम फिल्में बनी हैं। इस विषय पर 1959 में बनी 'द 400 ब्लोज' बेहतरीन फिल्म मानी जाती है। इसे फ्रांसुआ त्रूफा ने निर्देशित किया था। 
 
फ्रांसुआ त्रूफा को दुनिया के बेहतरीन फिल्म डायरेक्टर्स में से एक माना जाता है। 'द फोर हंड्रेड ब्लोज़' उनकी पहली फिल्म थी जिसे देख दुनिया भर के फिल्मकारों और फिल्म समीक्षकों ने दांतों तले उंगली दबा ली थी। इस फिल्म ने दुनिया भर में धूम मचा दी। अकीरा कुरोसावा, लुइस बुनुएल, सत्यजीत रे, निकोलस केज जैसे तमाम दिग्गजों ने इसे अपनी पसंदीदा फिल्मों में से एक कहा। कुरोसोवा का तो कहना था- "अब तक देखी सबसे खूबसूरत फिल्मों में से एक"। 
 
समय-समय पर कई देशों में अब तक की श्रेष्ठ फिल्मों की सूची बनती रही है और इसमें 'द फोर हंड्रेड ब्लोज' को हमेशा स्थान मिलता रहा है। 2018 में बीबीसी ने ग्रेटेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म का एक पोल 43 देशों के 200 से ज्यादा क्रिटिक्स के बीच किया था जिसमें इस मूवी को 8वां स्थान मिला था। 
 
त्रूफा का बचपन बुरे दौर से गुजरा था। बचपने में मिले अनुभवों को उन्होंने इस फिल्म में झोक दिया। कहा जाता है कि 'द फोर हंड्रेड ब्लोज' उनके बचपन की ही झलक है।  
 
कहानी है 12 वर्षीय बालक एंटोनी की, जो पेरिस में बड़ा हो रहा है। वह अपनी मां और सौतेले पिता के साथ रहता है। वह दोनों ही उसे अपने पास नहीं रखना चाहते हैं। स्कूल में टीचर्स अनुशासन का पाठ उसे लगातार पढ़ाते हुए सताते रहते हैं। इस माहौल से उसे घुटन होने लगती है। वह घर और स्कूल दोनों ही जगहों से भागना चाहता है। मां को अपने बेटे से कोई लगाव नहीं है। पिता ने महज उसे सरनेम दिया है। शिक्षक का व्यवहार उसके साथ ठीक नहीं है। एंटोनी को महसूस होने लगता है कि दुनिया में किसी को भी उसकी जरूरत नहीं है। 
 
त्रूफा ने अपने सिनेमाई कौशल के जरिये जिस तरह का माहौल इस फिल्म में रचा है वो दर्शाता है कि वे विलक्षण फिल्मकार थे। एक बालक की कुंठा, विद्रोही स्वभाव और शरारतों को उन्होंने सिनेमा के परदे पर उकेर कर रख दिया है। कई दृश्य ऐसे हैं जो लंबे समय तक याद रहते हैं। 
 
ज्यां पियरे लॉड ने एंटोनी की भूमिका अद्‍भुत तरीके से अदा की। बाद में भी वे त्रूफा की फिल्मों का हिस्सा रहे। 1959 में कान के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 'द फोर हंड्रेड ब्लोज' को बेस्ट मूवी और त्रूफा को बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला। इसके अलावा भी फिल्म ने कई पुरस्कार जीते। 99 मिनट की अवधि वाली यह फिल्म त्रूफा की फ्रांस में सर्वाधिक देखे जाने वाली फिल्म बनी। 
 
* द 400 ब्लोज़ (1959) 
* फ्रेंच फिल्म 
* निर्देशक : फ्रांसुआ त्रूफा
* कान फिल्म फेस्टिवल (1959) की बेस्ट फिल्म और बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड 

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