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बॉलीवुड 2014 : नायिका प्रधान फिल्मों का भी रहा दबदबा

हमें फॉलो करें बॉलीवुड 2014 : नायिका प्रधान फिल्मों का भी रहा दबदबा
, बुधवार, 24 दिसंबर 2014 (16:32 IST)
एक दौर ऐसा भी था जब नायिका या महिला प्रधान फिल्मों के बारे में माना जाता था कि प्राय: ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रहती हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से इस धारणा में बदलाव आया है। इस वर्ष भी कुछ नायिका प्रधान फिल्में रिलीज हुईं। ये सौ करोड़ क्लब में शामिल तो नहीं हो पाईं, लेकिन सीमित बजट में बनाई गई ये फिल्में सफल रहीं। क्वीन, मैरीकॉम, मर्दानी, हाईवे, खूबसूरत जैसी फिल्में लागत से ज्यादा वसूलने में कामयाब रहीं। रागिनी एमएमएस 2 और हेट स्टोरी 2 जैसी नायिका प्रधान फिल्में भी रिलीज हुईं जिनमें सेक्स का तड़का भी था। इनको भी सफलता मिली। कुछ फिल्में सराहना बटोरने में कामयाब रहीं। आइए चर्चा करते हैं इन टॉप हीरोइन ओरिएंटेड फिल्मों की। 
 
मैरी कॉम
भारतीय महिला बॉक्सर मैरी कॉम को खेलों की दुनिया में ऐतिहासिक सफलता के बावजूद बहुत कम भारतीय जानते थे। उमंग कुमार ने उन पर 'मैरी कॉम' नामक फिल्म बनाई और इसके बाद एमसी मैरी कॉम के कारनामे से लाखों लोग परिचित हुए। भारत के दूर-सुदूर स्थित छोटे से गांव की लड़की अपनी इच्छाशक्ति के बल पर तमाम अभावों को मात देते हुए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करती है। उसके संघर्ष, दृढ़ता, शक्ति और न हार मानने के गुणों को फिल्म में बारीकी से रेखांकित किया गया। प्रियंका चोपड़ा ने ऐसा अभिनय किया कि परदे पर वे मैरी कॉम नजर आईं। 

मर्दानी
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महिलाओं और लड़कियों की तस्करी की शर्मनाक सूची में भारत का स्थान बहुत ऊपर है। इस विषय की तह में जाकर निर्देशक प्रदीप सरकार ने थ्रिलर फिल्म का निर्माण किया। इस फिल्म में रोमांस या डांस नहीं थे, बावजूद इसके फिल्म सफल रही। रानी ने एक मजबूत इरादे वाले पुलिस ऑफिसर की भूमिका को बेहतरीन तरीके से जिया। फिल्म का विषय अनूठा था और गर्ल चाइल्ड ट्रैफिकिंग को मजबूती से सामने लाता है। 

क्वीन
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कंगना रनौट अभिनीत 'क्वीन' ने न केवल सर्वाधिक प्रशंसा हासिल की बल्कि फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी सफलता मिली। यह एक ऐसी सीधी-सादी लड़की की कहानी है जो अकेले ही हनीमून के लिए विदेश निकल पड़ती है। अपनी इस यात्रा से वह अपने आपको खोजने में सफल रहती है। कंगना और लिसा हेडन का अभिनय भी यादगार रहा।   

हाईवे
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सर्वसुविधा के बीच पली-बढ़ी लड़की जब खटारा ट्रक में बैठ धूल भरे रास्तों में सफर करती है तब उसे समझ में आता है कि आजादी क्या होती है। सभ्य नजर आने वाले लोग उसका यौन शोषण करते हैं जबकि खुरदुरी त्वचा और मैले कपड़े पहने बदमाशों के बीच वह लड़की सुकून महसूस करती है। निर्देशक इम्तियाज अली ने अपनी आदत के मुताबिक इस फिल्म के जरिये भारत दर्शन खूब करवाया और बात को अच्छे से पेश किया। आलिया भट्ट अभिनय भी जानती हैं, हाईवे से साबित हुआ।

बॉबी जासूस
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विद्या बालन इतनी सशक्त अदाकारा हैं कि बॉलीवुड के टॉप मेल स्टार्स उनके साथ काम करने से घबराते हैं। इसलिए विद्या की ज्यादातर फिल्में नायिका प्रधान होती हैं। महिला जासूस के किरदार को लेकर शायद पहली बार बॉलीवुड में फिल्म बनाई गई। फिल्म का कंसेप्ट और विद्या का अभिनय अच्छा था, लेकिन प्रस्तुतिकरण के मामले में फिल्म मार खा गई। बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्म से सफलता दूर रही।  

फाइंडिंग फैनी
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दीपिका पादुकोण को केन्द्र में रख कर फाइंडिंग फैनी बनाई गई। एक कार में बैठ कर कुछ लोग यात्रा करते हैं और इस यात्रा में उनकी कई गलतफहमियां दूर होती है और रिश्तों में आई खटास कम होती है। फिल्म में बेहतरीन कलाकारों का शानदार अभिनय देखने को मिलता है।  

रागिनी एमएमएस 2
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सनी लियोन को गूगल पर तो खूब ढूंढा जाता है, लेकिन उनकी फिल्मों को दर्शक नहीं मिलते। इसके बावजूद बॉलीवुड के निर्माता उनको लेकर फिल्में बना रहे हैं। रागिनी एमएमएस 2 के जरिये सनी को सफलता मिली। सनी का नाम और बोल्ड दृश्यों ने फिल्म की सफलता में अहम भूमिका निभाई। यह फिल्म महिलाओं की छवि उज्जवल तो नहीं करती, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर नायिका के दबदबे में इजाफा करने में जरूर कामयाब रही। 

खूबसूरत
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ऋषिकेश मुखर्जी की 'खूबसूरत' का फिर से इसी नाम से बनाया गया जिसमें परी कथाओं जैसा प्रस्तुतिकरण देखने को मिला। बिंदास लड़की एक ऐसे घर जाती हैं जहां अनुशासन के नाम पर कड़क नियमों का मकड़जाल है। अपने मस्त स्वभाव से वह इस जंजाल को तोड़ कर लोगों का दिल जीतती है। सोनम कपूर का अभिनय अच्छा रहा और बॉक्स ऑफिस पर फिल्म को औसत सफलता भी मिली। 

डेढ़ इश्किया
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इश्किया का सीक्वल डेढ़ इश्किया के नाम से तैयार किया गया। किस तरह से दो महिलाएं लम्पट पुरुषों को बेवकूफ बनाती है इसका चित्रण मजेदार तरीके से किया गया। माधुरी दीक्षित और हुमा कुरैशी अभिनीत यह फिल्म दर्शकों को रिझा नहीं पाई। 

गुलाब गैंग
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यह एक ऐसी गैंग की कहानी है जो पुरुषों के अत्याचार के खिलाफ काम करती है। वास्तविक घटनाओं पर आधारित इस फिल्म में माधुरी दीक्षित और जूही चावला लीड रोल में थीं। माधुरी का किरदार सकारात्मक और जूही का नकारात्मक। ऐसा बॉलीवुड में कम ही देखने को मिलता है। प्रस्तुतिकरण के मामले में फिल्म गड़बड़ा गई, लेकिन प्रयास सराहनीय रहा। 

दावत-ए-इश्क
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लखनऊ और हैदराबाद के व्यंजनों की धूम पूरे भारत में है। स्वाद के बीच ऐसी लड़की की कहानी बताई गई जो अनूठे तरीके से दहेज लोभियों को सबक सीखाना चाहती है। मुश्किल तब पैदा हो जाती है जब पाला सच्चे आदमी से पड़ता है। परिणीति चोपड़ा ने फिर साबित किया कि वे अच्छी एक्ट्रेस हैं। 

हेट स्टोरी 2
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अपराध, यौन शोषण और बदले के चिर-परिचित फॉर्मूले पर बनी हेट स्टोरी 2 ने भी थोड़ी-बहुत हलचल बॉक्स ऑफिस पर पैदा की। यह फिल्म भी महिला किरदार के इर्दगिर्द घूमती है। 

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