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बॉलीवुड 2009 और विवाद

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समय ताम्रकर

बॉलीवुड में विवाद पूरे वर्ष चलते रहते हैं। ये आपस में भी लड़ते रहते हैं और कई बार बेवजह इन्हें अदालतों के चक्कर भी लगाना पड़ते है। इस समय फिल्म निर्माण करना बेहद कठिन हो गया है क्योंकि सेंसर से परे भी कई सेंसर हो गए हैं जो धर्म और संस्कृति के नाम पर फिल्म के प्रदर्शन में रुकावट डालते रहते हैं।

सबसे पहले बात करते हैं वर्ष के सबसे बड़े विवाद पर जो फिल्म वालों का अंदरुनी मामला था। मल्टीप्लेक्स मालिक और निर्माता आमने-सामने आ गए और 3 अप्रैल 2009 से फिल्मों का प्रदर्शन रूक गया।

फिल्म की आय के बँटवारे को लेकर अकसर दोनों पक्षों में विवाद होता रहता था। इसको लेकर कोई एक राय बने, लेकिन इस मामले पर दोनों अड़ गए और यह विवाद लंबा खींच गया।

गर्मियों की छुट्टियों में फिल्मों का व्यवसाय बढ़ जाता है, लेकिन इस बार गर्मियों में बड़ी फिल्मों का प्रदर्शन रूक गया। छोटी-मोटी और डब फिल्में प्रदर्शित होती रहीं। मल्टीप्लेक्स वालों को अपने कई स्क्रीन बंद करना पड़े। शो की संख्या कम करना पड़ी और उन्हें अपना खर्चा निकालना मुश्किल हो गया।

वहीं निर्माताओं को अपनी फिल्म का प्रदर्शन रोकना पड़ा और ब्याज की मार सहना पड़ी। इस वजह से फिल्म इंडस्ट्री को करोड़ों का घाटा उठाना पड़ा। जून के अंतिम दिनों में दोनों पक्ष एक फॉर्मूले पर सहमत हुए और फिल्मों के प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ।

किंग खान शाहरुख की ‍कोई विशेष फिल्म तो प्रदर्शित नहीं हुई, लेकिन विवादों से उनका सामना होता रहा। उनके बैनर की फिल्म ‘बिल्लू बार्बर’ पर कुछ लोगों ने आपत्ति ली और बखेड़े से बचने के लिए शाहरुख को बार्बर शब्द फिल्म के नाम में से हटाना पड़ा।

अपनी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स की वजह से भी उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। सुनील गावस्कर ने कई कप्तान बनाए जाने के फॉर्मूले की आलोचना की तो शाहरुख उनसे जा भिड़े। बाद में उन्हें माफी माँगना पड़ी। इसी तरह अमेरिका में उनसे जाँच के बहाने बदसलूकी की गई। वैसे किंग खान के दुश्मनों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

सुष्मिता सेन ने अपनी फिल्म ‘कर्मा और होली’ को घटिया फिल्म मानकर प्रमोशन करने से इंकार कर दिया। जब सुष फिल्म कर रही थीं तब उन्हें फिल्म में कोई कमी नजर नहीं आईं। गलत बात सुष।

संजय दत्त और विवादों का साथ तो चोली-दामन वाला है। चुनाव लड़ने के लिए राजनीति में कूदे, लेकिन अतीत में किए गए कर्म सामने आ गए और बाबा चुनाव नहीं लड़ पाए। एक भाषण में जोश में आकर संजय दत्त ने मायावती को ‘जादू की झप्पी’ देने की बात कही। मायावती और उनके समर्थक बुरा मान गए और उनके खिलाफ मामला दर्ज हो गया। वर्ष भर उनकी अपनी बहनों और दोस्तों से खटपट होती रही।

विवादों की आँच से अक्षय कुमार भी नहीं बच सके। एक फैशन शो के दौरान एक मॉडल से उन्होंने पेंट की बटन अपनी ‍पत्नी ट्विंकल के सामने खुलवाई। लोगों को बुरा लगा और अक्की के ‍खिलाफ वे पुलिस में पहुँच गए। माफी माँग कर खिलाड़ी कुमार अपनी गर्दन छुड़ाई।

हीरो शाइनी आहूजा ने विलेन वाला काम कर डाला। अपनी नौकरानी से बलात्कार के मामले में वे ऐसे फँसे कि करियर चौपट हो गया। अब अदालत और जेल के चक्कर लगाना पड़ रहे हैं।

एक पुरस्कार समारोह के दौरान साजिद खान ने कुछ ऐसे कमेंट्स कर डाले जो आशुतोष गोवारीकर को बुरे लगे। उन्होंने भी पलटवार कर दिया। इसी तरह आशुतोष ने प्रियंका को बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड मिलने पर आपत्ति ली जो ‘फैशन’ के निर्देशक मधुर भंडारकर को बुरी लगी।

रामू तो काम ही ऐसे करते हैं कि विवाद हो ताकि उनकी फिल्म को मुफ्त की पब्लिसिटी मिले। उन्होंने राष्ट्रगान की पैरोडी बना डाली। उनके इस गीत को प्रतिबंधित कर दिया गया।

‘कमीने’ के एक गाने में आए शब्द पर कुछ लोगों को आपत्ति हुई, जिस कारण उसे हटाना पड़ा।

सेंसर के अलावा मनसे वालों का भी फिल्म निर्माता को खयाल रखना पड़ता है। लेकिन निर्माता करण जौहर अनदेखी कर गए। उनकी फिल्म ‘वेक अप सिड’ में मुंबई को बाम्बे बोल दिया गया। मनसे कार्यकर्ताओं को गुस्सा आ गया। करण ने माफी माँगने का रास्ता अपनाया और शब्द को सही किया। उनके द्वारा निर्मित दूसरी फिल्म ‘कुर्बान’ में करीना कपूर की खुली पीठ पर शिवसेना वालों को गुस्सा आया। उन्होंने न केवल करीना के पोस्टर पर साड़ी पहनाई बल्कि करीना को भी साड़ी भिजवाई।

महेश भट्ट के बेटे राहुल आतंकवादियों से मिले, जिससे वे परेशानियों से घिर गए।

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