आखिरी दिन रही सुरक्षा में ढील-पोल
सुस्ताते नजर आए पुलिसकर्मी
- अभिषेक चेंडके
कुशाभाऊ ठाकरे नगर को अभेद्य गढ़ बनाने के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे, लेकिन शुक्रवार को सुरक्षा में ढील-पोल नजर आई। पुलिस अधिकारियों को दशहरा मैदान की सुरक्षा की भी चिंता थी। वहाँ ध्यान केंद्रित करने के चक्कर में ओमेक्स सिटी की सुरक्षा में सजगता दिखाई नहीं दी, जबकि अंतिम सत्र में लालकृष्ण आडवाणी सहित तमाम बड़े नेता वहाँ मौजूद थे। मुख्य गेट पर लगे मेटल डिटेक्टर भी जल्दबाजी में तीन बजते ही निकाल दिए। यह देख एक पुलिस अधिकारी काफी नाराज हुए और जिम्मेदार पुलिस जवान को जमकर लताड़ा।
शुक्रवार को अधिवेशन के अंतिम सत्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मंच पर छः राज्यों के मुख्यमंत्री सहित कई ऐसे नेता भी बैठे थे जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है। दोपहर ढाई बजे श्री आडवाणी ने जब उद्बोधन शुरू किया तो इस प्रतिनिधि ने मंच के पिछले हिस्से की सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल की। मंच के दाँई तरफ बने गेट के पास शस्त्रधारी पुलिस जवान तैनात थे लेकिन दाँई तरफ के करीब 500 मीटर हिस्से की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाँच-छः जवानों के पास थी। भाषण के दौरान सभी धूप से बचने के लिए दीवार के सहारे बैठे थे।
किसी ने नहीं रोका : सभा स्थल पर बने मंच के पीछे की सुरक्षा को लेकर पुलिसकर्मी कितने सजग हैं। यह देखने के लिए इस प्रतिनिधि ने अपना प्रवेश पास जेब में रखकर मंच के समीप से होते हुए दाँई तरफ लगे बेरिकेड तक चक्कर लगाया, लेकिन किसी पुलिस जवान ने रोककर पूछताछ नहीं की। इस बीच मंच से दो सौ फुट दूर स्थित दीवार के पास रखी कुर्सियों पर एक युवक चढ़ा और अपने एक साथी को आवाज लगाता रहा लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे भी नहीं रोका। परिसर के उस पार खुले हिस्से में मीडिया के वाहनों के लिए पार्किंग बनाई गई थी। वहाँ भी एक ही बंदूकधारी जवान तैनात था।
सजगता कम : ओमेक्स सिटी में प्रवेश के लिए मुख्य द्वार के अलावा भी कई रास्ते हैं। अधिवेशन के मद्देनजर गेट पर बेरिकेड लगाए गए थे और खुले हिस्सों को टीन शेड से रखा गया था। अंतिम सत्र समाप्त होने के पहले ही इन हिस्सों में सुरक्षा के प्रति सजगता कम हो गई थी। वीआईपी टैंटों से बाहर जाने वाली सड़क के पास शेड इतने नीचे लगे थे कि कोई भी आसानी से घुस सके। 3 बजते ही मुख्य गेट पर लगा मेटल डिटेक्टर निकाले जाने पर एक पुलिस अधिकारी काफी नाराज हुए।