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Rohini Acharya : रोहिणी आचार्य के आरोपों से मचा सियासी तूफान, कौन हैं तेजस्वी के करीबी रमीज नेमत

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 16 नवंबर 2025 (13:20 IST)
Rohini Acharya News : राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने शनिवार को राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से अलग होने की घोषणा कर दी। इससे एक दिन पहले हुए विधानसभा चुनाव में राजद को करारी हार मिली थी—243 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी सिर्फ 25 सीटें जीत सकी। रोहिणी ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने यह निर्णय राजद सांसद संजय यादव के कहने पर लिया। संजय यादव, तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव को लेकर लालू परिवार में घमासान मच गया है। लालू को किडनी देने वाली बेटी रोहिणी आचार्य ने खुद को पार्टी और परिवार से अलग कर लिया है। शनिवार देर रात उन्होंने रोते-रोते राबड़ी आवास छोड़ दिया। इसके बाद रविवार सुबह रोहिणी ने एक इमोशनल पोस्ट कर कहा- 'मुझसे मेरा मायका छुड़वाया गया। मुझे अनाथ बनाया गया। मैंने रोते-रोते घर छोड़ा है। मुझे मारने के लिए चप्पल उठाई गई।
मैंने अपने पिता को गंदी किडनी लगवा दी, एक्स पर छलका रोहिणी का दर्द 
रोहिणी ने एक्स पर लिखा कि कल मुझे गालियों के साथ बोला गया कि मैं गंदी हूं और मैंने अपने पिता को अपनी गंदी किडनी लगवा दी, करोड़ों रूपए लिए, टिकट लिया तब लगवाई गंदी किडनी।  सभी बेटी-बहन , जो शादीशुदा हैं उनको मैं बोलूंगी कि जब आपके मायके में कोई बेटा - भाई हो , तो भूल कर भी अपने भगवान रूपी पिता को नहीं बचाएं , अपने भाई , उस घर के बेटे को ही बोले कि वो अपनी या अपने किसी हरियाणवी  दोस्त की किडनी लगवा दे " .. सभी बहन - बेटियां अपना घर - परिवार देखें, अपने माता - पिता की परवाह किए बिना अपने बच्चे , अपना काम, अपना ससुराल देखें , सिर्फ अपने बारे में सोचें ..  मुझसे तो ये बड़ा गुनाह हो गया कि मैंने अपना परिवार, अपने तीनो बच्चों को नहीं देखा , किडनी देते वक्त न अपने पति, न अपने ससुराल से अनुमति ली।  अपने भगवान, अपने पिता को बचाने के लिए वो कर दिया जिसे आज गंदा बता दिया गया। आप सब मेरे जैसी गलती , कभी , ना करे किसी घर रोहिणी जैसी बेटी ना हो।
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रोहिणी आचार्य ने कहा कि संजय यादव ने ही यह करने को कहा था। रोहिणी ने एक और नाम का जिक्र किया और वह है रमीज नेमत। रोहिणी आचार्य के आरोपों के बाद रमीज नेमत सुर्खियों में आ गए हैं। यह नाम न पहले मीडिया में सुना गया था, न बिहार की राजनीति में।
क्रिकेट के मैदान से राजनीति तक 
जांच में सामने आया कि रमीज नेमत तेजस्वी यादव के पुराने दोस्त और उनकी कोर टीम का हिस्सा हैं। दोनों की दोस्ती क्रिकेट के मैदान से राजनीति तक चली। मीडिया खबरों के अनुसार रमीज तेजस्वी और पार्टी की सोशल मीडिया व कैंपेनिंग टीम को देखते हैं। यूपी के रहने वाले रमीज बलरामपुर (अब श्रावस्ती) से दो बार सांसद रहे रिजवान जहीर के दामाद हैं। रिजवान जहीर समाजवादी पार्टी और बसपा—दोनों से सांसद रह चुके हैं। वे एक बार निर्दलीय भी चुनाव लड़ चुके हैं। रमीज की पत्नी जेबा  रिजवान तुलसीपुर सीट से दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं—एक बार कांग्रेस टिकट पर और एक बार जेल में रहते हुए निर्दलीय, लेकिन दोनों बार हार गईं। 
2021 में तुलसीपुर जिला पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा के एक मामले में रमीज नेमत पर कांग्रेस नेता दीपंकर सिंह और उनके समर्थकों पर हमला करने का आरोप लगा। इसके बाद 2022 में रमीज नेमत, उनकी पत्नी, ससुर रिजवान जहीर और तीन अन्य लोगों को तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष फिरोज पप्पू की हत्या की साजिश के मामले में गिरफ्तार किया गया।
रमीज को कुछ मामलों में जमानत मिल चुकी है, जबकि कई अभी लंबित हैं। उन पर बलरामपुर में नौ और कौशांबी में दो मामले दर्ज हैं। उनके खिलाफ 2023 में एक और हत्या का मामला दर्ज हुआ—प्रतापगढ़ के कॉन्ट्रैक्टर शकील खान की हत्या, जिनका शव कुशीनगर में रेलवे ट्रैक के पास मिला था। कॉन्ट्रैक्टर की पत्नी की शिकायत पर रमीज़ को आरोपित बनाया गया। इसी साल यूपी सरकार ने रमीज के नाम पर खरीदी गई करीब 4.75 करोड़ रुपए की जमीन भी जब्त कर ली थी। 
 
जुलाई 2024 में उन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया, लेकिन अप्रैल 2025 में उन्हें जमानत मिल गई। इसके बाद रमीज और उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने किसी भी नई कार्रवाई या गिरफ्तारी से पहले स्थानीय कोर्ट से अनुमति लेने का निर्देश दिया। तब से कई मामलों में उन्हें राहत मिलती रही है और नए मामले दर्ज नहीं हुए।
 
रमीज नेमत का जन्म नवंबर 1986 में हुआ। उनके पिता नेमतुल्लाह खान, जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर हैं। रमीज ने डीपीएस मथुरा रोड से पढ़ाई की और जामिया से बीए व एमबीए किया। बचपन से क्रिकेटर रहे रमीज दिल्ली और झारखंड के कई आयु वर्ग की टीमों में खेले और 2008-09 में झारखंड अंडर-22 टीम के कप्तान भी रहे। इसी दौरान उनकी दोस्ती तेजस्वी यादव से हुई, जो आगे चलकर राजनीति तक पहुंची। 2016 में वे राजद से जुड़े और तब से तेजस्वी टीम के महत्वपूर्ण मेंबर बने हुए हैं। Edited by : Sudhir Sharma

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