पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बिहार चुनाव में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बन सकती है। मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे राजद (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगार युवाओं को लुभाने के लिए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में उनकी सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही 10 लाख युवाओं को रोजगार देने के फैसले पर मुहर लगाई जाएगी।
यादव ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में रविवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह उनका वादा नहीं बल्कि मजबूत इरादा है कि राज्य के 10 लाख युवाओं को रोजगार देने के फैसले को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही मंजूरी दी जाएगी।
हर बिहारी पर 35 लाख का कर्ज : तेजस्वी यादव ने केंद्र और राज्य की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिसने दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था और जो 15 साल बिहार में सत्ता में रहे वे युवाओं को रोजगार देना भूल गए। आज हर बिहारी पर 35 लाख रुपए का कर्ज है।
राजद नेता ने कहा कि बिहार युवाओं का राज्य है और यहां 60 प्रतिशत युवा हैं, लेकिन रोजगार नहीं मिलने के कारण युवाओं का सबसे ज्यादा पलायन भी यहीं से होता है। राज्य में बेरोजगारी 46.6 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राजद के बेरोजगारी पोर्टल पर 9 लाख 47 हजार 924 युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया और 13 लाख 11 हजार 626 मिस्ड कॉल आई। ये आंकड़े फिर बताते हैं कि राज्य में युवाओं का क्या हाल है।
यादव ने कहा कि सरकार की अकर्मण्यता के कारण बिहार के लगभग हर विभाग में बड़ी संख्या में रिक्तियां है। राज्य के स्कूलों में शिक्षकों के ढाई लाख, कॉलेजों में 50 हजार, जूनियर इंजीनियर के 76 हजार और पुलिसकर्मियों के 50 हजार पद रिक्त हैं।
उन्होंने कहा कि तय मानक के अनुसार प्रति एक पर हजार की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए और इस हिसाब से राज्य में एक लाख 25 हजार डॉक्टरों की बहाली की आवश्यकता होगी। राजद नेता ने कहा कि इसी तरह तय मानक के अनुसार प्रति एक लाख की आबादी पर 222 पुलिसकर्मी होने चाहिए लेकिन राज्य में अभी 77 हजार पुलिसकर्मी ही कार्यरत हैं। इस हिसाब से अभी राज्य में एक लाख 72 हजार पुलिसकर्मियों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरों के रिक्त पदों को भरने के बाद उनके लिए दो लाख सहयोगी कर्मियों की भी आवश्यकता होगी।
यादव ने कहा कि जब वह सरकार में थे तब ही उन्होंने स्थानीय लोगों को नौकरी में प्राथमिकता देने की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके लिए तैयार नहीं हुए। जब उनकी सरकार बनेगी तब वह इसे लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनी तो निवेश को बढ़ाने के भी उपाय किए जाएंगे। इसके लिए वह जल्दी ही वह अपना ब्लूप्रिंट पेश करेंगे।
जेडीयू में शामिल हुए पूर्व डीजीपी : ऐच्छिक सेवानिवृति लेने वाले बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) गुप्तेश्वर पांडेय जनता दल यूनाइटेड में (JDU) में शामिल हो गए हैं। गुप्तेश्वर पांडेय अभिनेता सुशांत सिंह मौत मामले में चर्चाओं में रहे थे। खबरों के अनुसार पांडेय ने JDU के कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ली है। सेवानिवृत्ति के बाद से ही उनके राजनीति में आने की चर्चाएं चल रही थीं।
इससे पूर्व पांडेय ने शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री और JDU अध्यक्ष नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की तारीफ भी की थी। हालांकि यह घोषणा नहीं हुई है कि गुप्तेश्वर पांडेय किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि चर्चा है कि वे बक्सर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। गुप्तेश्वर पांडेय बक्सर के रहने वाले हैं, जहां से इन दिनों मुन्ना तिवारी विधायक हैं।