पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) के लिए विपक्षी महागठबंधन में शनिवार को सीटों के बंटवारे की घोषणा की दी गई और सभी घटक दलों ने तेजस्वी यादव (tejashwi yadav) गठबंधन के चेहरे के रूप में समर्थन दिया।
पटना में महागठबंधन के घटक दलों की साझा प्रेस वार्ता में तेजस्वी यादव ने सीटों के बंटवारे की घोषणा की। इसके तहत 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव में राजद 144 सीटों पर लड़ेगी।
राजद के इसी कोटे से वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) और झारखंड मुक्ति मोर्चा को सीटें दी जाएंगी। कांग्रेस को 70 सीटें दी गई हैं, जो 2015 के विधानसभा चुनाव में उसे मिली सीटों से करीब दोगुना है। साल 2015 में राजद, कांग्रेस और जदयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था।
सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले के तहत कांग्रेस बाल्मीकिनगर लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवार खड़ा करेगी, जहां 7 नवंबर को चुनाव होना है। इसके तहत माकपा को 6, भाकपा को 4 और भाकपा (माले) को 19 सीटें दी गई हैं।
हालांकि तेजस्वी यादव की घोषणा के कुछ ही देर बाद वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी के लिए सीटों की घोषणा नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए महागठबंधन से अलग होने की घोषणा कर दी।
उन्होंने कहा कि सीटों के बारे में ‘एडजस्ट (समायोजित)’ करने की बात कहकर राजद ने हमें धोखा दिया है। इसके बाद सहनी प्रेस वार्ता बीच में छोड़कर बाहर आ गए। इससे पहले, तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रदेश के लोग जनादेश का अपमान करने वालों को सबक सिखाएंगे।
उन्होंने कहा कि हम प्रदेश की तरक्की और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे । हम 10 लाख लोगों को नौकरी देंगे। यादव ने कहा कि हम ठेठ बिहारी हैं और जो वादा करेंगे उसे पूरा करेंगे। हम प्रदेश की जनता से आग्रह करते हैं कि हमें एक मौका दें, हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।
राजद नेता ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने पिछला चुनाव भाजपा और नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ा था लेकिन जनादेश को धोखा देकर फिर उन्हीं के साथ चले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में विकास नहीं हो रहा है और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति खराब है।
इस दौरान कांग्रेस नेता अविनाश पांडे ने कहा कि भले ही हमारे बीच कुछ मतभेद हैं, लेकिन प्रदेश की तरक्की, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिये हम सभी दल एकजुट हैं। (भाषा)