Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बिहार के रण में ये था नीतीश का खास हथियार

Advertiesment
हमें फॉलो करें Nitish Kumar
, रविवार, 8 नवंबर 2015 (14:31 IST)
आपको लोकसभा चुनाव 2015 में नरेन्द्र मोदी का धुआंधार चुनावी कैंपेन तो याद होगा। लोकसभा के इन चुनावों में ऐसा लग रहा था जैसे टक्कर भाजपा और कांग्रेस नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस के बीच हो। टीवी से लेकर अखबारों तक, सोशल मीडिया से लेकर मोबाइल फोन्स तक, गलियों में, हर जगह सिर्फ नरेन्द्र मोदी ही दिखाई देते थे। 'अबकी बार मोदी सरकार' नारा तो लोगों की जुबान पर था। इस पूरे चुनावी कैंपेन के पीछे जो शख्स थे, वे थे प्रशांत किशोर। 
प्रशांत किशोर ने ही लोकसभा चुनाव प्रचार से नरेन्द्र मोदी को भारत के हर व्यक्ति तक पहुंचाया। प्रशांत ही थे जिन्होंने मोदी को गुजरात से दिल्ली तक पहुंचाया। प्रशांत किशोर की रणनीति ने ही नीतीश कुमार को एक बार फिर बिहार की कुर्सी पर काबिज किया है। 
 
कौन हैं प्रशांत किशोर :  2011 में संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़कर आए लोक स्वास्थ्य मामलों के विशेषज्ञ प्रशांत किशोर उन युवा पेशेवरों की टीम में शामिल हुए जिन्होंने करीब तीन वर्षों तक नरेंद्र मोदी के लिए प्रचार किया था। मूलत: बिहार के रहने वाले 37 वर्षीय प्रशांत ने 60 अन्य पेशेवरों के साथ मिलकर सिटीजन्स फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (सीएजी) बनाई थी, जिसका उद्देश्य मोदी के लिए वोट जुटाना और फिर सामाजिक मुद्दों का समाधान करना रहा। 'चाय पे चर्चा’ और थ्री डी होलोग्राम प्रचार जैसे कई अभियानों का श्रेय उन्हें जाता है। इन कार्यक्रमों ने मोदी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
 
नीतीश के लिए बनाए ये अभियान बनाए : नीतीश कुमार पर मोदी के डीएनए वाले बयान के बाद लोगों के डीएनए सैंपल जमा करके मोदी को भेजने का बहुचर्चित आइडिया प्रशांत का ही था। जनता तक नीतीश की बात पहुंचाने के लिए उन्होंने 'चौपाल पर चर्चा', 'पर्चे पर चर्चा', 'हर घर दस्तक', नीतीश कुमार पर कॉमिक्स 'मुन्ना से नीतीश' और मोदी के डीएनए वाले बयान के खिलाफ 'शब्द वापसी आंदोलन' जैसे कार्यक्रम चलाए। बिहार के पढ़े-लिखे और इंटरनेटसेवी लोगों के लिए भी 'आस्क नीतीश' जैसे हाईटेक कार्यक्रम चलाए जिससे नीतीश कुमार अपनी बात आसानी से जनता तक पहुंचा सके। चुनाव प्रचार के दौरान प्रशांत ने दावा किया था कि नीतीश कुमार की अगुवाई में जनता दल (यू), राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस का महागठबंधन 150 से भी ज्यादा सीटें जीतेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi