प्रत्येक वर्ष की श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस बार हरियाली तीज 31 जुलाई 2022 को है। यह व्रत सुहागिनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी रचाकर 16 श्रृंगार करके पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं।
इस दिन महिलाएं अलग-अलग तरह की तथा खास डिजाइन की मेहंदी लगाकर अपने हाथ रचाकर भगवान से अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त करती हैं। आइए यहां जानते हैं हरियाली तीज के स्पेशल पर्व पर हाथों में मेहंदी लगाने की खास ट्रिक्स-
इंडियन स्टाइल डिजाइन- भारतीय शैली में बनाई गई मेहंदी डिजाइन में मोर, फूल-पत्ते, अनोखे घुंगराले, घुमावदार पैटर्न का प्रयोग ज्यादा किया जाता है। साथ ही इस शैली में दो डिजाइन व आकारों के बीच ज्यादा जगह नहीं रखी जाती, जिससे की ये डिजाइन काफी भरी हुई दिखती है। इसलिए अक्सर भारतीय दुल्हनें इस शैली में मेहंदी लगवाना पसंद करती हैं। भारतीय मेहंदी डिजाइन को बाटिक मेहंदी डिजाइन के नाम से भी जाना जाता है।
अरेबिक मेहंदी- इस शैली की डिजाइन को बनाने में भारतीय मेहंदी डिजाइन की तुलना में काफी कम समय लगता है। ये भारतीय मेहंदी डिजाइन की उलट होती है। अरेबिक शैली की डिजाइन में ज्यादातर सजावटी आउटलाइन, फूल,पत्ते और घुमावदार रेखाएं नजर आती है। जिन महिलाओं के पास मेहंदी लगवाने का ज्यादा समय न हो, वे इसे लगवाना पसंद करती हैं क्योंकि इस शैली में मेहंदी लगवाने में कम समय लगता है।
इंडो-अरेबिक डिजाइन- जैसा की नाम से ही समझा जा सकता है, ये शैली भारतीय और अरेबिक का मिश्रण है। इसे बनाते हुए आउटलाइन मोटी रखी जाती है लेकिन अदंर का पैटर्न भारतीय शैली के अनुसार बारीक भरा जाता है। अक्सर भारतीय शादियों में दुल्हा-दुल्हन के रिश्तेदार व संबंधी इस प्रकार की डिजाइन हाथों पर बनवाना पसंद करते है।
हैथफूल मेहंदी- हैथफूल मेहंदी बेहद खूबसूरत दिखाई पड़ती है। कई महिलाओं को पूरी तरह हाथ भरा मेहंदी डिजाइन पसंद नहीं आता है। और कुछ इसे आसान मेहंदी डिजाइनों के साथ सरल रखना चाहते हैं, उनके के लिए यह खास प्रकार की मेहंदी डिजाइन बिल्कुल सही है। इसे हाथ पर गहने की दिखने वाली सुंदर डिजाइन के साथ बनाया जाता है जिसे आम तौर पर 'हैथफूल' के नाम से जानते हैं। इसे कलाई क्षेत्र को कंगन के रूप में बनाते हुए विभिन्न ज्यामितीय आकारों से सजा कर इंडेक्स उंगली पर खींची गई अंगूठी को सर्कल स्ट्रिंग द्वारा कलाई क्षेत्र से जोड़कर बनाया जाता है।
फूल-पत्तों से सजी मेहंदी- अरेबिक शैली की डिजाइन से थोड़ी अलग लेकिन आसान और अद्भुत मेहंदी डिजाइन। इसे बनाने के लिए केवल पुष्प आकृति और पत्ती के पैटर्न का उपयोग करके बनाई जाती है आश्चर्यजनक मेहंदी डिजाइन। जो हथेली के बीच के हिस्से में बनाते हुए आगे बढ़ाया जाता है और उंगलियों पर पत्तेदार पैटर्न के साथ केवल सर्पिल आकार और लूप का उपयोग कि यह डिजाइन बनाया जाता है। लगाने में बहुत आसान यह डिजाइन हर अवसर पर एकदम सही और आसान मेहंदी डिजाइनों में से एक है।
ग्लिटर वाली मेहंदी- कई खास अवसरों के लिए कभी-कभी हम थोड़ा चमक का उपयोग करना पसंद करते हैं। इसे बहुत सुंदर और आसान मेहंदी डिजाइनों को शानदार दिखाने के लिए रंगीन ग्लिटर के साथ सजा कर बनाया जाता है। इस मेहंदी डिजाइन में धारण पुष्प आकृति और पैलेसियां शामिल की जाती हैं और ग्लिटर के साथ इसे सुंदर आकारों में किसी भी पारंपरिक अवसर के लिए एकदम आसान मेहंदी ग्लिटर का उपयोग कर डिजाइन बनाया जाता है।
मोरक्कन मेहंदी- मोरक्कन मेहंदी डिजाइन मध्य पूर्व देशों में प्रचलित है। इस शैली में ज्यामितीय डिजाइन का ज्यादा इस्तेमाल होता है जैसे त्रिकोण, चौकोन, गोलाकार आदि। मोरक्कन मेहंदी डिजाइन की खासियत ये है कि इसे दोनों हाथों में एक समान बनाया जाता है।
मुगलाई मेहंदी डिजाइन: यह मेहंदी का सबसे पुराना और पारंपरिक रूप है। इस प्रकार के डिजाइन में हथेली का एक छोटा-सा भाग रिक्त रखा जाता है और बाकी हथेली पर काफी छोटा और नाजुक डिजाइन बनता है जिसमें ज्यादातर कोयरी, फूल,पत्ते इनका उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के डिजाइन में उंगलियों के ऊपर काफी विस्तार में नाजुक डिजाइन बनती है। मुगलाई मेहंदी डिजाइन कभी भी कलाई से आगे, कोहनी की तरफ नहीं बनाते है।
विभिन्न आकारों में बनी मेहंदी- इस मेहंदी डिजाइन की मुख्य हाइलाइट्स में एक कलाई क्षेत्र पर सुंदर डिजाइन बनाई जाती है, जो मूल रूप से विभिन्न आकारों का संयोजन करके बनाते है। जिसमें अधिकतर छोटे लूप और डॉट्स का उपयोग किया जाता हैं। इस मेहंदी की डिजाइन काफी भारी दिखाई देती हैं, लेकिन उसे कुछ सरल रूपों को जोड़कर बनाया गया होता है। यह हथेली के केंद्र में एक पैसले पैटर्न है, जो उंगलियों को भरा-भरा दिखाता है।