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ग्लाइकोलिक या सैलिसिलिक एसिड में से कौन है स्किन के लिए बेहतर? जानिए इनमें क्या है अंतर

अपनी त्वचा की ज़रुरत के हिसाब से जानिए कौनसा एक्टिव है आपके लिए कारगर

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WD Feature Desk

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Glycolic Acid vs Salicylic Acid : ग्लाइकोलिक एसिड और सैलिसिलिक एसिड का प्रयोग स्किन प्रोडक्ट्स तैयार करने के लिए होता है। इनका इस्तेमाल यह मुख्य रूप से टोनर, सीरम और क्लींजिंग प्रोडक्ट्स में होता है। यह दोनों ही सामग्री हमारी स्किन को एक्सफोलिएट करती है, जिससे मुंहासों से लड़ने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा इससे स्किन को कई लाभ होते हैं। ग्लाइकोलिक एसिड या सैलिसिलिक एसिड आपकी त्वचा की समस्याओं को कम करते हैं। लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर दोनों में से कौन सी चीज स्किन के लिए बेहतर होती है? आइए जानते हैं ग्लाइकोलिक या सैलिसिलिक एसिड में से कौन है बेहतर और ये कैसे करते हैं काम ?ALSO READ: गर्मियों में चाहती हैं तरोताजा निखरी त्वचा तो चेहरे पर लगाएं दूध से बने ये फेस पैक

ग्लाइकोलिक एसिड क्या है? (What is Glycolic Acid)
ग्लाइकोलिक एसिड एक अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (एएचए) है। यह प्राकृतिक रूप से गन्ने में पाया जाता है। लेकिन इसे प्रयोगशाला में भी तैयार किया जाता है। यह एक छोटा का अणु है, जिसकी मदद से स्किन की परेशानियों को आसानी से कम किया जा सकता है।

यह आपकी स्किन की नमी को बनाए रखते हुए आपकी त्वचा को एक्सफोलिएट करता है। इसकी मदद से स्किन के ऊपरी डेड सेल्स को हटाया जा सकता है जिससे नई कोशिकाओं को निर्माण में मदद मिलती है। ग्लाइकोलिक एसिड स्किन कई स्वेलिंग को कम कर सकता है। साथ ही यह अल्ट्रा वायलेट किरणों से आपकी स्किन को सुरक्षित रखने में मददगार होता है। यह उन बैक्टीरिया के खिलाफ भी काम करता है, जो स्किन पर मुंहासे निकलने का कारण बनते हैं।

ग्लाइकोलिक एसिड का इस्तेमाल मुख्य रूप से इवन कॉम्प्लेक्शन और स्किन की बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है।

सैलिसिलिक एसिड क्या है? (What is salicylic acid)
सैलिसिलिक एसिड एक बीटा हाइड्रॉक्सी एसिड (बीएचए) है। यह प्राकृतिक रूप से विलो वार्क और विंटरग्रीन पत्तियों में पाया जाता है। इसके अलावा इसे प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से भी तैयार किया जा सकता है।

ग्लाइकोलिक एसिड की तरह, सैलिसिलिक एसिड का स्किन पर एक्सफोलिएटिंग प्रभाव होता है। यह अतिरिक्त सीबम (तेल) को भी हटा सकता है और सीबम उत्पादन को कम कर सकता है, जिससे यह छिद्रों को खोलने के लिए एक असरदार घटक बन जाता है। सैलिसिलिक एसिड में सूजनरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से मुंहासे को रोकने और इलाज के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसके कई अन्य लाभ जैसे- ब्लैकहेड्स कम करना, हाइपरपिग्मेंटेशन करना भी होता है।

दोनों में से कौन है बेहतर?
अगर आपको एक्ने है, तो ऐसी स्थिति में दोनों की सामग्री आपकी स्किन के लिए बेहतर है। लेकिन सामान्य तौर पर, स्किन के लिए सैलिसिलिक एसिड बेहतर विकल्प है। दरअसल, सैलिसिलिक एसिड स्किन में सीबम के उत्पादन को कम करता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि सीबम छिद्रों को बंद कर सकता है, जिससे मुंहासे निकलने का खतरा बढ़ जाता है। अतिरिक्त सीबम बैक्टीरिया के विकास को भी बढ़ावा देता है, जो स्किन पर एक्ने के कारण बनता है। सैलिसिलिक एसिड के एक्सफ़ोलीएटिंग, एंटी-इंफ्लेमेटरी और रोगाणुरोधी प्रभाव मुंहासे को कम करने में फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

 

 

 

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