नितिन श्रीवास्तव
उत्तरप्रदेश में इस प्रकार की छूट किसी को नहीं है कि गोरक्षा के नाम पर कोई भी सड़कों पर गायों की चेकिंग करे, ऐसा कहना है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का।
बीबीसी से एक ख़ास बातचीत में योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा है कि उनके शासन में किसी भी मज़हब के लोगों को किसी प्रकार का भय नहीं होना चाहिए और क़ानून सबके लिए समान है। उत्तरप्रदेश में क़रीब दो वर्ष पहले सत्ता में आने के बाद से योगी आदित्यनाथ सरकार ने अवैध बूछड़खानों के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ रखी है।
एक तरफ़ जहां अवैध बूचड़खाने बंद हुए हैं तो दूसरी तरफ़ कथित गोमांस खाने और गाय की तस्करी के नाम पर कई हिंसक घटनाएं भी हुई हैं।
इस सवाल के जवाब में कि क्या गोरक्षा के नाम पर होने वाली कार्रवाई की आड़ में कुछ ग़ैर-सामाजिक तत्वों के भीतर ये हिम्मत नहीं आ गई है कि सड़कों पर गायों की चेकिंग कर रहे हैं?
योगी आदित्यनाथ का जवाब था, "उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की छूट किसी को नहीं है। वैसे भी, यूपी में गोहत्या अपराध है इसलिए क़ानून का उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी। क़ानून किसी के दबाव में काम नहीं करेगा और न ही किसी के हाथ का हथियार नहीं बनेगा।
उनसे पूछा गया कि क्या इन घटनाओं के बाद से दूसरे मज़हब के लोगों में भय नहीं बैठ गया है?
योगी आदित्यनाथ का जवाब था कि किसी पर कोई दबाव नहीं है और प्रदेश में अल्पसंख्यकों समेत सबकी सुरक्षा हमारी ज़िम्मेदारी है।
सभी को मज़हब का पालन करने की आज़ादी
उन्होंने ये भी कहा है कि पिछले दो वर्षों में उत्तर प्रदेश में हर त्योहार शांतिपूर्वक ढंग से मनाया जा रहा है और यहां सभी लोगों को अपनी जाति, धर्म या मज़हब का पालन करने की पूरी आज़ादी है।
हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोमांस के अवशेष मिलने पर एक ग़ुस्साई भीड़ ने पास के चिंगरावटी थाने पर हमला बोल दिया था। इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। प्रदर्शन कर रहे एक स्थानीय युवक की भी गोली लगने से मौत हो गई थी।
बुलंदशहर के जिस इलाक़े में ये घटना हुई है, वहां के विधायक भारतीय जनता पार्टी के देवेंद्र सिंह लोधी हैं और उनकी शिकायत आज भी बरक़रार है। बीबीसी से हुई बातचीत में उन्होंने कहा था कि कार्रवाई तो उच्च-स्तरीय होनी चाहिए थी, अभी तो कार्रवाई की कोई दिशा ही नहीं है। इसलिए मैंने न्यायिक जाँच की माँग की है।
जब मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से पूछा गया कि इस तरह के आरोपों के बाद से प्रदेश के अफ़सरों पर दबाव दिखा है और आपकी सरकार का मनोबल कितना गिरता है जब अपनी पार्टी के लोग जांच से संतुष्ट नहीं, तो उनका जवाब था, 'ये दोनों चीज़ें तो साथ चलेंगी ही'।
उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि जनता के सबसे नज़दीक होता है। स्वाभाविक रूप से वो जनता की बात करेगा, उनको बोलना भी चाहिए। लेकिन ग़लत काम की इजाज़त हमारी सरकार नहीं दे सकती। दूसरी बात ये, कि अगर कहीं पर कोई चूक किसी से हुई है तो उसी चूक के लिए वहीं पर जवाबदेही तय की जाएगी।
योगी के मुताबिक़, आगे से बुलंदशहर जैसी घटनाएं दोबारा न हो इसके लिए सख़्त निर्देश दिए जा रहे हैं और जिसने भी क़ानून को अपने हाथ में लिया है, उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो रही है।
'पुलिस को फ़ायर करने से रोक नहीं सकते'
क़रीब दो वर्ष पहले उत्तर प्रदेश में योगी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद से 67 से ज़्यादा पुलिस एनकाउंटर की घटनाएं सामने आई हैं और इनमें से कई के फ़र्ज़ी होने के आरोप सरकार पर लगे हैं। ताबड़तोड़ होने वाली मुठभेड़ों पर न सिर्फ़ विधानसभा और संसद में हंगामा मचा है बल्कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी सवाल उठाए हैं।
योगी आदित्यनाथ ने फ़र्ज़ी एनकाउंटर के आरोपों को ग़लत बताते हुए कहा कि हम किसी भी फ़र्ज़ी काम में यक़ीन नहीं रखते। हम लोग जनता की सेवा करने आए हैं और मेरा मानना है कि मेरी सरकार में एक भी एनकाउंटर फ़र्ज़ी नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश पुलिस को सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने के आदेश हैं।
हालांकि इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि, लेकिन अगर कोई पुलिस पर जबरन फ़ायर कर रहा है तो मुझे लगता है आप पुलिस को फ़ायर करने से रोक नहीं सकते।
हाल ही में बीबीसी ने कथित फ़र्ज़ी एनकाउंटरों की गहन जांच की थी जिसमें मुझे और मेरी सहयोगी के साथ बातचीत में कई पीड़ित परिवारों ने, ख़ासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, 'केस वापस लेने के दबाव' की बात दोहराई थी।
जब योगी आदित्यनाथ के सामने ये बात रखी गई तो उन्होंने कहा, ऐसी कोई बात नहीं है भैया। किसी भी परिवार पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है। आज से दो वर्ष पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थितियां बेहद ख़राब थीं, एसिड अटैक की घटनाएं हो रही थी, दंगे हो रहे थे। आज तो ये नहीं हो रहा।
योगी आदित्यनाथ ने पिछले दो साल में अपनी सरकार के प्रशासन के बारे में भी बात की और कहा कि हम जब सरकार में आए थे तो चुनौतियां ज़्यादा थीं। हमने विद्युतीकरण, सड़कों के विकास और स्वच्छ भारत मिशन के तहत टायलेट्स के साथ-साथ किसानों के ऋण माफ़ी के लिए हज़ारों करोड़ की राशि लगाई है।
इसी पर उनसे पूछा गया कि भारत में आज भी करदाताओं की संख्या बहुत कम है और सरकारें- चाहे वे कांग्रेस की हों या भाजपा की- कर से जुटाए गए पैसे को राजनीतिक फ़ायदे या वोट-बैंक पॉलिटिक्स के लिए क्या इस्तेमाल करती हैं?
योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया, किसानों के ऋण माफ़ करने के पीछे हमारी कोई दुर्भावना नहीं है। ये सारा पैसा हमने फ़िज़ूलख़र्ची कम कर के लगाया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आगामी कुम्भ मेले के आयोजन से जुड़े सवालों पर भी जवाब दिए और कहा कि, "हमारा प्रयास है कि ये अब तक सबसे स्वच्छ और सुरक्षित कुम्भ मेला बने।