राष्ट्रपति पद से हटने के बाद क्या ट्रंप जेल जा सकते हैं?

BBC Hindi
मंगलवार, 10 नवंबर 2020 (01:23 IST)
लुईस फखार्दो (बीबीसी मॉनिटरिंग)
 
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और अमेरिका की जनता ने जो बिडेन  को अपना राष्ट्रपति चुन लिया है। डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद के अपने दूसरे कार्यकाल के लिए वापसी नहीं कर सके। लेकिन, ये महज़ उनकी चुनावी हार नहीं है, उन्हें आगे और भी मुश्किलें हो सकती हैं।
 
विशेषज्ञों के मुताबिक उनके कार्यकाल में हुए कथित घोटालों की जांच से पता चलता है कि उन्हें राष्ट्रपति पद से हटने के बाद आपराधिक कार्यवाही के अलावा मुश्किल वित्तीय स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है।
 
राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उनके ख़िलाफ़ आधिकारिक कार्यों के लिए मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता है। पेस यूनिवर्सिटी में कॉनस्टीच्यूशनल लॉ के प्रोफेसर बैनेट गर्शमैन ने बीबीसी मुंडो सेवा से कहा, 'इस बात की संभावना है कि डोनाल्ड ट्रंप पर आपराधिक मामले चलाए जाएंगे।'
 
प्रोफेसर बैनेट गर्शमैन ने न्यूयॉर्क में एक दशक तक अभियोक्ता के तौर पर सेवाएं दी हैं। वह कहते हैं, 'राष्ट्रपति ट्रंप पर बैंक धोखाधड़ी, कर धोखाधड़ी, मंडी लॉन्ड्रिंग, चुनावी धोखाधड़ी जैसे मामलों में आरोप लग सकते हैं। उनके कामों से जुड़ी जो भी जानकारी मीडिया में आ रही है वो वित्तीय है।'
 
हालांकि, मामला सिर्फ़ यहां तक सीमित नहीं है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप को भारी वित्तीय घाटे का सामना भी करना पड़ सकता है। इनमें बड़े पैमाने पर निजी ऋण और उनके कारोबार की मुश्किलें शामिल हैं।
 
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अगले 4 सालों में ट्रंप को 30 करोड़ डॉलर से ज़्यादा का कर्ज़ चुकाना है। वो भी ऐसे समय पर जब उनके निज़ी निवेश बहुत अच्छी स्थिति में नहीं हैं। हो सकता है कि ट्रंप के राष्ट्रपति ना रहने पर लेनदार कर्ज़ के भुगतान को लेकर बहुत कम नरमी दिखाएं।
 
डोनाल्ड ट्रंप के आलोचक कहते हैं कि उनका राष्ट्रपति पद पर होना उनकी क़ानूनी और वित्तीय समस्याओं में उनका कवच बन गया है। अगर ये सब नहीं रहेगा तो उनके मुश्किल दिन आ सकते हैं।
 
आरोपों को किया ख़ारिज
राष्ट्रपति ट्रंप ये दावा करते आए हैं कि वो अपने दुश्मनों की साज़िशों का शिकार हुए हैं। उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले और पद पर रहते हुए भी अपराध किए हैं। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से अपने ख़िलाफ़ लगे आरोपों से इनकार किया है।
साथ ही वे ये भी बताते हैं कि उनके प्रशासन पर लगे घोटालों के आरोपों की न्याय विभाग की जांच और इस साल की शुरुआत में उन पर चलाए गए महाभियोग से वो सफलतापूर्वक बरी हो गए। 
 
लेकिन, ये सभी जाँच और प्रक्रियाएं राष्ट्रपति को अभियोग से मिली सुरक्षा के दौरान हुई थीं। न्याय विभाग बार-बार ये कहता रहा है कि राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ पद पर रहते हुए आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। विशेषज्ञों ने बीबीसी मुंडो को बताया कि इन जाँचों को डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई का आधार बनाया जा सकता है।
 
बैनेट गर्शमैन कहते हैं, 'हम पहले से जानते हैं कि उन पर मतदाता धोखाधड़ी के आरोप लगाए जा सकते हैं क्योंकि मैनहटन के लिए अमेरिकी अटॉर्नी ने ट्रंप को माइकल कोहेन के साथ साज़िश में सहयोगी बताया है।' विशेषज्ञ डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व वकील माइकल कोहेन के ख़िलाफ़ हुई जांच की भी याद दिलाते हैं।
 
साल 2018 में माइकल कोहेन को चुनावी गड़बड़ियों के लिए दोषी पाया गया था। उन पर डोनाल्ड ट्रंप के साथ अफ़ेयर होने का दावा करने वालीं पॉर्न एक्ट्रेस स्टॉर्मा डैनियल्स को 2016 के चुनावों में पैसे देने का आरोप लगा था।
 
माइकल कोहेन की जांच के दौरान आधिकारिक तौर पर बताया गया था कि राष्ट्रपति पद के एक उम्मीदवार (इसके लिए 'इंडिविज़ुअल 1' शब्द का इस्तेमाल था) आपराधिक गितिविधि से कथित तौर पर जुड़े हुए थे। अमेरिकी मीडिया ने इस उम्मीदवार को डोनाल्ड ट्रंप के नाम से जोड़ा था। ये ख़बर अमेरिकी मीडिया में बड़े स्तर पर छाई रही थी।
 
मूलर रिपोर्ट
बैनेट गर्शमैन कहते हैं कि उन पर कथित मूलर रिपोर्ट के नतीज़ों को देखते हुए न्याय में बाधा डालने के आरोप भी लग सकते हैं। 2019 में, स्पेशल काउंसिल रॉबर्ट मूलर ने 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में रूस के दख़ल को लेकर जांच रिपोर्ट सौंपी थी। उस रिपोर्ट में ट्रंप को क्लीन चिट दे गई थी और बताया गया था कि ट्रंप की प्रचार टीम और रूस के बीच किसी तरह की सांठगांठ के पुख़्ता सबूत नहीं मिले हैं।
 
हालांकि, रिपोर्ट में ये ज़रूर कह गया था कि डोनाल्ड ट्रंप ने जांच में बाधा डालने के प्रयास किए थे। ट्रंप ने मूलर को उनके पद से हटाने की कोशिशें भी की थीं। मूलर ने उस वक़्त कहा था कि अमेरिकी संसद को ये फैसला करना चाहिए कि न्याय में बाधा डालने के लिए डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाया जाए या नहीं क्योंकि राष्ट्रपति पर न्याय के सामान्य माध्यमों से अभियोग नहीं चलाया जा सकता है।
 
हालांकि, तब संसद ने ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग नहीं चलाया लेकिन महीनों बाद एक अलग मामले में उनके ख़िलाफ़ महाभियोग चलाया गया। ट्रंप पर आरोप था कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन  पर जांच शुरु करने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की पर दबाव बनाया था। हालांकि, ट्रंप इससे लगातार इनकार करते रहे हैं।
 
दिसंबर 2019 में डेमोक्रेट्स के बहुमत वाले हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव में उन पर अभियोग चलाया लेकिन फरवरी 2020 में रिपब्लिकन्स के बहुमत वाले सीनेट ने उन्हें अपराधमुक्त कर दिया। डोनाल्ड ट्रंप तीसरे ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं जिन्हें महाभियोग का सामना करना पड़ा।
स्थानीय और संघीय आरोप
राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप संघीय क़ानून के उल्लंघन के मामले में ख़ुद को माफ़ कर सकते हैं। लेकिन, अमेरिका के इतिहास में ऐसा स्थिति कभी नहीं आई है। हालांकि, ये ज़रूर देखने को मिला है कि किसी राष्ट्रपति पर पद से हटने के बाद आपराधिक मामले चलने की संभावना हो लेकिन अगले राष्ट्रपति उन्हें माफ़ी दे दें।
 
ऐसा 1974 में हुआ था जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने वॉटरगेट कांड के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था। तब उनकी सरकार में उप राष्ट्रपति रहे जेरल्ड फॉर्ड राष्ट्रपति बने और उन्हें पूर्ण माफ़ी दे दी।
 
कंज़रवेटिव पॉलिटिकल रिसर्च सेंटर अमेरिकन एंटरप्राइज़ इंस्टीट्यूट में विशेषज्ञ नॉर्मन ऑर्नस्टीन कहते हैं, 'डोनाल्ड ट्रंप पर संघीय आरोप लगने की बहुत कम संभावना है क्योंकि हो सकता है कि वो खुद को ही माफ़ी दे दें।' लेकिन, चुनाव हारने की स्थिति में वो ख़ुद को माफ़ी नहीं दे पाएंगे।
 
ऐसे में जानकारों का कहना है कि एक अति-काल्पनिक स्थिति में संभव है कि डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी, 2021 को अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफ़ा दे दें और मौजूदा उप राष्ट्रपति माइक पेंस को राष्ट्रपति बना दें। इसके बाद माइक पेंस उन्हें संघीय अपराधों के लिए माफ़ी दे सकते हैं।
 
बैनेट गर्शमैन बताते हैं कि अमेरिकी मीडिया में ये अटकलें भी हैं कि डोनाल्ड ट्रंप को संघीय आरोपों के अलावा स्थानीय स्तर पर आपराधिक आरोप भी झेलने पड़ सकते हैं। उन पर राष्ट्रपति बनने से पहले रियल स्टेट के कारोबार में गड़बड़ी करने का आरोप हैं। स्थानीय स्तर के मामलों में संघीय मामलों की तरह माफ़ी नहीं मिल सकती है।
 
एक राजनीतिक फ़ैसला
विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि ज़रूरी नहीं कि प्रशासन सबूत होने पर भी डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करे। ये एक राजनीतिक फ़ैसला हो सकता है। वॉटरगेट कांड के मामले में भी सरकार ने ये फ़ैसला किया था कि रिचर्ड निक्सन पर मुकदमा चलाने से वॉटरगेट कांड खिंचता चला जाएगा। ऐसा ना हो इसलिए उन्हें माफी दे दी गई।
 
इस संबंध में 6 अगस्त को दिए एक साक्षात्कार में जो बिडेन  ने कहा था कि अगर वो राष्ट्रपति बनते हैं तो वो डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ आपराधिक प्रक्रिया का ना तो विरोध करेंगे और ना ही उसे बढ़ावा देंगे। वो ये फ़ैसला पूरी तरह न्याय विभाग पर छोड़ देंगे।
 
बैनेट गर्शमैन बताते हैं कि पिछले मुक़दमे के कारण सुनवाई शुरू होने में महीनों से लेकर सालों लग सकते हैं। जानकार कहते हैं कि अगर डोनाल्ड ट्रंप उन पर लगे आरोपों में दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें सालों जेल की सज़ा हो सकती है।
 
नॉर्मन ऑर्नस्टीन को लगता है कि न्यूयॉर्क के अभियोक्ता डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अपनी जांच को ज़ारी रखेंगे। इस समय ट्रंप की स्थिति कमज़ोर है और वो इस बात को जानते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Lebanon Pagers Blast News : लेबनान में दुनिया का सबसे बड़ा पेजर ब्लास्ट, अब तक 8 की मौत, 2,750 घायल

Atishi Marlena: भोपाल के बैरसिया में खेती भी कर चुकी हैं आतिशी मर्लेना

मनोज जरांगे ने फिर भरी हुंकार, शुरू किया मराठा आरक्षण के लिए अनिश्चितकालीन अनशन

Waqf Amendment Bill: वक्फ विधेयक आने दिनों में संसद में पारित होगा, अमित शाह ने दिया बड़ा बयान

स्वाति मालीवाल का खुलासा, क्या है अफजल गुरु से आतिशी के परिवार का कनेक्शन?

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

iPhone 16 सीरीज लॉन्च होते ही सस्ते हुए iPhone 15 , जानिए नया आईफोन कितना अपग्रेड, कितनी है कीमत

Apple Event 2024 : 79,900 में iPhone 16 लॉन्च, AI फीचर्स मिलेंगे, एपल ने वॉच 10 सीरीज भी की पेश

iPhone 16 के लॉन्च से पहले हुआ बड़ा खुलासा, Apple के दीवाने भी हैरान

Samsung Galaxy A06 : 10000 से कम कीमत में आया 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाला सैमसंग का धांसू फोन

iPhone 16 Launch : Camera से लेकर Battery तक, वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

अगला लेख
More