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लद्दाख की पानगोंग त्सो झील में चीन ने बढ़ाई गश्त, बढ़ा तनाव -प्रेस रिव्यू

हमें फॉलो करें लद्दाख की पानगोंग त्सो झील में चीन ने बढ़ाई गश्त, बढ़ा तनाव -प्रेस रिव्यू

BBC Hindi

, बुधवार, 20 मई 2020 (15:15 IST)
पूर्वी लद्दाख की पानगोंग त्सो झील के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के दो हफ़्ते बाद चीन ने इस इलाक़े में अपनी गश्त बढ़ा दी है।
 
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन ने इस झील में गश्ती नौकाओं की तैनाती भी बढ़ाई है। वहीं पर एक ख़ास जगह से आगे भारतीय सैनिकों की गश्त सड़क निर्माण का भी चीन का विरोध कर रहा है।
 
अख़बार ने अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तनाव की वजह से हालात और बिगड़ सकते हैं।
 
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, "चीन ने गश्ती नौकाओं की संख्या तीन गुना बढ़ा दी है। वे पहले केवल तीन नौकाओं का इस्तेमाल कर रहे थे। झील के पश्चिमी क्षेत्र का 45 किलोमीटर का हिस्सा भारतीय नियंत्रण में है और भारत यहां इतनी ही नावों से गश्त कर रहा है। पश्चिमी सेक्टर में चीन की तरफ़ से अतिक्रमण के एक तिहाई मामले इसी पानगोंग त्सो झील के पास होते हैं।"
 
नेपाल ने भारत को याद दिलाया 'सत्यमेव जयते'
लिपुलेख को लेकर नेपाल और भारत के बीच विवाद थमता हुआ नहीं दिख रहा है।
 
कोलकता से छपने वाले द टेलीग्राफ़ अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को पूछा कि क्या भारत 'सत्यमेव जयते' के सिद्धांत पर भरोसा करता है?
 
अख़बार के मुताबिक़ नेपाली प्रधानमंत्री मंगलवार को देश की संसद में बोल रहे थे तो उनका सुर आक्रामक के साथ-साथ दोस्ताना भी था। उन्होंने कहा कि नेपाल भी 'सत्यमेव जयते' पर यक़ीन रखता है?
 
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली घरेलू मोर्चे पर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं कि उन्होंने भारत को लिपुलेख में सड़क क्यों बनाने दिया?
 
भारत के सेना प्रमुख मनोज एम नरवाने के इस बयान पर कि नेपाल किसी और की शह पर लिपुलेख में सड़क निर्माण का विरोध कर रहा है पर प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि उनकी सरकार आम नेपाली लोगों की भावनाएं ज़ाहिर कर रही है और उसी पर दावा कर रही है जो उनके देश का है। ये मुद्दा कहीं बाहर से पड़ रहे किसी दबाव की वजह से नहीं उठाया जा रहा है।
 
वैक्सीन के लिए भारत-अमेरिका सहयोग
भारत और अमेरिका कोविड-19 की महामारी की जांच और वैक्सीन पर रिसर्च के लिए साथ काम करेंगे। द हिंदू में छपी ख़बर के अनुसार अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को ये जानकारी दी।
 
दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के 'हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज़' विभाग की अधिकारी प्रीत राजारमण ने संवाददाताओं से कहा, "भारत, अमेरिका या दुनिया भर में कहीं भी बड़ी संख्या में लोगों की जान लेने वाले संक्रामक रोगों के ख़िलाफ़ वाजिब लागत वाली वैक्सीन के विकास और सुरक्षित जांच की दिशा में दोनों देशों के वैज्ञानिक सहयोग कर रहे हैं।"
 
"मौजूदा महामारी को देखते हुए वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम के तहत कोविड-19 की जांच और इसकी वैक्सीन तैयार करने के लिए रिसर्च की योजना पर काम चल रहा है।"
 
वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम भारत और अमरीका के बीच 33 सालों से चली आ रही एक साझा कोशिश है जिसमें अमेरिका का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ, भारत का बॉयोटेक्नॉलॉजी विभाग और इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के अलावा कुछ दूसरे संगठन भी शामिल हैं।
 
प्रवासी मजदूरों तक पहुंचने के लिए कांग्रेस की योजना
इकॉनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ प्रवासी मजदूरों का एक नेशनल डेटाबेस बनाने की दिशा में काम कर रही है।
 
रिपोर्ट के अनुसार इस सिलसिले में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी और पार्टी की 15 राज्य इकाइयों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई है। ये पंद्रह वो राज्य हैं जहां प्रवासी मजदूरों का पलायन ज़्यादा रहा है।
 
बताया गया है कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए कांग्रेस की कोशिशों के मद्देज़र पर इस पहल की कार्य योजना पर काम किया जा रहा है। पार्टी ने हाल ही में कांग्रेस मित्र नाम से एक चैटबॉट और हेल्पलाइन सर्विस भी शुरू की है।

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