सीटू तिवारी, बीबीसी हिंदी के लिए
दिल्ली के राजेन्द्र नगर की राव आईएएस अकेडमी के बेसमेंट में पानी में डूबने से तीन छात्रों की मौत हुई थी, इनमें बिहार के औरंगाबाद की तान्या सोनी भी शामिल हैं। सोमवार दोपहर उनका शव जब उनके पैतृक स्थान पहुंचा तो घर परिवार ही नहीं बल्कि आस-पड़ोस में सबकी आंखे नम थीं और पूरे इलाके में मातमी सन्नाटा था।
तान्या के दादा गोपाल प्रसाद बाबू अपने पैतृक मकान के बाहर की लाल दीवारों से सटे अकेले बैठे फूट-फूटकर रो रहे हैं। वो रह-रहकर सिसकते रहे हैं, कुछ बुदबुदाते हैं।
शांत स्वभाव और मीठा बोलने वाली तान्या
तान्या मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद ज़िले के नबीनगर पंचायत क्षेत्र स्थित मस्जिद गली की रहने वाली थीं। उनके पिता विजय सोनी तेलंगाना में माइन्स डिपार्टमेंट में इंजीनियर हैं। मां बबीता सोनी मूल रूप से झारखंड के गढ़वा की हैं और हाउसमेकर हैं।
बिहार का ये परिवार तेलंगाना कैसे पहुंचा, इस बारे में तान्या के चाचा अजय सोनी बताते हैं, "तान्या के पिता हम पांच भाइयों में सबसे छोटे हैं। वो साल 1995-96 के आसपास ही तेलंगाना चले गए थे।"
"तान्या शांत स्वभाव की लड़की थी। बहुत मीठा बोलती थी। पढ़ने में शुरू से ही वो तेज़ थी। तकरीबन दो साल पहले वो घर आई थी और उसकी लगन देखकर लगता था कि वो आईएएस फ़ाइनल कर लेगी।”
विजय सोनी और बबीता सोनी के तीन बच्चे हैं, जिसमें तान्या सबसे बड़ी थी। तान्या की छोटी बहन पलक यूपी के प्रयागराज से इंजीनियरिंग कर रही हैं और भाई आदित्य हैदराबाद में ही रहकर पढ़ाई कर रहा है।
इसी महीने मनाया था 21वां जन्मदिन
तान्या की प्रारंभिक परीक्षा भी सिकंदराबाद में हुई। तान्या ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए साल 2021 में दिल्ली गई थी। वहां उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय के महाराजा अग्रेसन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसी साल उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए राव कोचिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया था। ऋषभ, तान्या के कॉलेज के दिनों के दोस्त हैं। वो तान्या के शव के साथ दिल्ली से औरंगाबाद आए हैं।
बीबीसी के लिए स्थानीय पत्रकार दीनानाथ मौआर से वो एमसीडी, कोचिंग संचालकों, राम मनोहर लोहिया अस्पताल प्रशासन और पुलिस पर अपनी नाराज़गी जाहिर करते हैं।
वह बताते हैं, “हमारा एक दोस्त भी पानी में फंसा हुआ था, उसने बाहर निकलकर हम लोगों को फ़ोन किया और फिर बेहोश हो गया। हम अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल वालों को रवैया बहुत ढीला था। डेड बॉडीज़ पर नाम तक ग़लत लिखे हुए थे। मॉर्चरी में बॉडी ले जाने के लिए वो हमसे मदद मांग रहे थे। ये ऐसा था जैसे हम खुद को मॉर्चरी में छोड़ने जा रहे हैं।"
तान्या ने अपनी मौत से दस दिन पहले ही अपना 21 वां जन्मदिन मनाया था। तान्या के मौसा सुनील कुमार कहते हैं, “वो एक इंडिपेंडेंट लड़की थी। वो अपने सारे काम खुद कर लेती थी। कोचिंग से लेकर घर ढूंढना सारे काम के लिए उसे किसी की ज़रूरत नहीं पड़ती थी।”
'अपने बच्चों को बाहर भेजने में डर लगता है'
तान्या की मौत के बाद उनकी मां बबीता सोनी बेसुध हैं। पिता विजय सोनी अपने परिजनों से गले मिलकर रो रहे हैं। चाचा अजय सोनी की इलाके में जूलरी की दुकान है। वह कहते हैं, "हमारे घर की बच्ची चली गई। कोचिंग ऐसी जगह नहीं चलाई जानी चाहिए, ये तो बच्चों की सुरक्षा का सवाल है। अब तो हम लोग किसी बच्चे को बाहर भेजने से डरेंगें। सरकार को इस मामले में उचित कार्रवाई करनी चाहिए।”
इस घटना के बाद स्थानीय लोग भी सकते में हैं। तान्या के दादा गोपाल प्रसाद जो इलाके में गोपाल बाबू के नाम से जाने जाते हैं, उनके परिचित गुलाम मोहम्मद कहते हैं, “सरकार को इस मामले की जांच करवानी चाहिए। कोचिंग चलाने वालों की बराबर जांच होनी चाहिए। ये घटना नबीनगर वालों के लिए बहुत दुखद है।”
तान्या सहित तीन छात्रों की मौत ने कोचिंग के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। कोचिंग में एक साथ हज़ारों की संख्या में पढ़ते छात्रों की सुरक्षा भी इस घटना के बाद एक अहम सवाल बनकर उभरी है।
इस बीच पटना ज़िला प्रशासन ने भी पटना ज़िले में चल रहे छोटे बड़े 20 हज़ार कोचिंग संस्थानों की जांच के आदेश दे दिए है।
छह सदस्यीय जांच दल दो सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट देगा जिसमें कोचिंग के निबंधन, सुरक्षा मानक, बिल्डिंग बाइलॉज, फायर एग्ज़िट, प्रवेश और निकास द्वार की व्यवस्था, आकस्मिक स्थिति से निपटने की व्यवस्था की जांच होगी।
क्या है मामला?
बीते सप्ताह राजधानी दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाक़े में एक कोचिंग इंस्टीट्यूट की इमारत में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत हो गई थी।
जहां ये घटना घटी उस कोचिंग में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराई जाती है। जब इसकी इमारत में अचानक बाढ़ की तरह पानी भरा, उस वक़्त इसके बेसमेंट की लाइब्रेरी में कुछ छात्र मौजूद थे।
इस इमारत में शनिवार शाम बारिश के बाद क़रीब सात बजे पानी भरा और उसके बाद दिल्ली पुलिस और एनडीआरएफ़ की टीम ने आकर फंसे हुए छात्रों और अन्य लोगों को निकालना शुरू किया।
इस घटना के बाद इलाक़े में सिविल सेवाओं की तैयारी करने वाले छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि इलाक़े में बारिश होते ही पानी भर जाता है। घटना के बाद इस इलाके में कई कोचिंग सेंटरों को सील भी किया गया है।