- संदीप साहू (भुवनेश्वर से)
ओडिशा के भद्रक शहर में एक व्यक्ति ने अपने एक साल के बेटे को हाल ही में 25,000 रुपयों के लिए एक निःसंतान दंपत्ति को बेच दिया। मिले पैसों से उन्होंने एक मोबाइल फ़ोन, कुछ गहने और कपड़े ख़रीदे और बाकी की रकम शराब पर खर्च कर डाली। घटना सामने आने के बाद पुलिस ने पांडिया मुखी नाम के इस व्यक्ति और उनके पड़ोसी बलराम मुखी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस इस मामले में एक आंगनवाड़ी कर्मी को भी गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है जिन पर बच्चे की बिक्री में मध्यस्थता करने का आरोप है। ज़िला चाइल्ड लाइन ने बच्चे को बचा कर उसे वापस उसकी मां तक पहुंचाया।
भद्रक के एस।पी अनूप साहू ने बीबीसी को बताया, "मंगलवार को पांडिया और बलराम को गिरफ्तार कर उन्हें अदालत में पेश किया गया। उनकी ज़मानत की याचिका को कोर्ट ने रद्द कर दिया जिसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया है।"
उन्होंने कहा "ज़िला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के आदेश के अनुसार मां और बच्चे को फ़िलहाल 'आशियाना' स्वाधार गृह में रखा गया है। बोर्ड ही उनके बारे में अंतिम फ़ैसला लेगा।" अनूप साहू ने बताया, "जांच के दौरान पता चला कि इसमें एक आंगनवाड़ी कर्मी की मुख्य भूमिका थी।"
भद्रक टाउन थाना के प्रभारी मनोज राउत के अनुसार दोनों अभियुक्तों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 370 (ट्रैफिकिंग), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के कई धाराओं के तहत मुक़दमा दायर किया गया है। उनका कहना है कि पूछताछ के दौरान पंडिया और बलराम ने बताया है कि कुछ साल पहले एक दुर्घटना में अपने एकमात्र संतान को खो चुके सोमनाथ सेठी ने बच्चे के लिए आंगनवाड़ी कर्मी को 45,000 रुपए दिए थे, जिसमें से उन्होंने 25,000 रुपये पांडिया को दिए और बाकी की रकम अपने पास रख ली।
पांडिया ने इस रकम में से 2,000 रुपए अपने साले बलराम को दिए जिसने आंगनवाड़ी कर्मी के कहने पर उन्हें बच्चा बेचने के लिए राज़ी किया था।
पिता ने स्वीकार की बच्चे को बेचने की बात :
पुलिस का कहना है, "पूछताछ के दौरान पांडिया ने बच्चा बेचने की बात स्वीकार की, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने पैसों के लिए अपने बेटे को नहीं बेचा बल्कि बच्चे के 'बेहतर भविष्य' के लिए ऐसा किया।" हालांकि पड़ोसियों और पांडिया को जानने वालों का कहना है कि झाड़ूदार का काम करने वाले पांडिया शराबी हैं और शराब के लिए ही उन्होंने यह घिनौना काम किया।
पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए भद्रक चाइल्ड लाइन की निदेशक सोफ़िया शेख ने बीबीसी को बताया, "घटना के बारे में हमें एक नागरिक ने फ़ोन पर सूचना दी थी जिसके बाद हमने पुलिस से संपर्क किया।" "मंगलवार शाम हम पुलिस को साथ लेकर सोमनाथ सेठी के घर पहुंचे और बच्चे को उनकी मां के पास पहुंचाया।" सोफ़िया शेख ने कहा, "बच्चे की मां वर्षा से पूछताछ करने पर पता चला कि बच्चे को बेचे जाने के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता था। उनके पति ने उनसे झूठ बोलकर बच्चे को बेचा।"
मां को नहीं पता था कि बच्चे को बेचा गया है
बच्चे की मां वर्षा ने बताया, "घटना के दिन मेरे पति और पड़ोस में रहनेवाले मेरा रिश्तेदार भाई बलराम घर आए। मेरे पति ने मुझे कहा कि बच्चे को नहला दो।" "मैंने उसे नहलाया और फिर दोनों बच्चे को लेकर कहीं चले गए। उसके बाद मैंने जब भी बच्चे के बारे में पूछा वो हमेशा यह कहकर टालते रहे कि बच्चा अच्छी जगह है।"
वो कहती हैं, "जब वो मोबाइल फ़ोन और मेरे लिए पायल खरीद कर लाए तो मैंने उनसे पूछा कि पैसे कहाँ से आए। उन्होंने कहा बलराम ने दिए हैं। बाद में एक पड़ोसी ने बताया कि उन दोनों ने बच्चे को बेच दिया है।" वर्षा का कहना है कि उन्हें पता है कि उनके पति को सज़ा हो सकती है। वो कहती है, "मैं कैसे भी अपने बच्चों को पाल लूंगी, लेकिन मेरे पति को ज़रूर सज़ा होनी चाहिए।"