Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ग्राउंड रिपोर्ट: 'सांवले बच्चों को अगवा कर मारते हैं, फिर भेजा खाते हैं'

हमें फॉलो करें ग्राउंड रिपोर्ट: 'सांवले बच्चों को अगवा कर मारते हैं, फिर भेजा खाते हैं'
, शुक्रवार, 25 मई 2018 (11:17 IST)
- दीप्ति बत्तिनी (बीबीसी तेलुगू)
 
आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के कई इलाक़ों में एक वॉट्सऐप मैसेज लोगों में आतंक पैदा कर रहा है, जिसके कारण वे निर्दोष लोगों पर हमला कर रहे हैं। पिछले एक हफ़्ते में आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम समेता तेलंगाना के चोटूप्पल, रचाकोंडा और अगेपल्ली में पांच से अधिक हमले हो चुके हैं। वॉट्सऐप के ज़रिए कुछ वीडियो और मैसेज फैलाए जा रहे हैं जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि बिहार और राजस्थान के कुछ गैंग बच्चों का अपहरण करके उन्हें मार रहे हैं और उनका भेजा खा रहे हैं।
 
 
वॉट्सऐप पर प्रसारित हो रहे मैसेज में से एक कुछ इस तरह है, "पुलिस ने एक गैंग के पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है जिनके पास से चाकू और ब्लेड जैसे हथियार बरामद हुए हैं। वो सांवली त्वचा वाले लोगों को मारते हैं और उनके दिमाग़ को निकाल कर खा जाते हैं। अगर आपको ऐसे लोग मिलें तो उन्हें पुलिस के हवाले करें और अपने बच्चों को घरों से बाहर न जाने दें।"
 
 
दूसरे संदेशों में भी लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है और उसमें पुलिस अधिकारियों का भी ज़िक्र किया गया है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि उसने ऐसे कोई भी निर्देश जारी नहीं किए हैं।
 
 
लोगों पर हमले
तेलंगाना के एक गांव की 50 वर्षीय निवासी अंडलाम्मा कहती हैं, "हमें समझ नहीं आ रहा कि किस पर भरोसा करें और किस पर नहीं? वॉट्सऐप के ग्रुप पर इनको लेकर मैसेज की बाढ़ आ रही है कि वो गैंग उत्तर भारत से चलते हैं और बच्चों का अपहरण करते हैं। वहीं, पुलिस ने इनको अफ़वाह बताया है। यह हम में एक आतंक पैदा कर रहे हैं और जब भी हम इलाक़े में नया चेहरा या शख़्स देखते हैं तो डर जाते हैं।"
 
 
पिछले सप्ताह तेलंगाना के चोटूप्पल मंडल के मलकापुरम गांव में लोगों ने संदेहास्पद पाकर एक शख़्स पर हमला किया था।
 
 
इलाक़े में एक जनरल स्टोर के मालिक जंगा रेड्डी ने कहा, "वह सुबह को मेरी दुकान पर आया तो मैंने उससे पूछा कि उसे क्या चाहिए, लेकिन वह कुछ नहीं बोला। उसके हाव-भाव संदिग्ध थे और जब हमने उसका बैग चेक किया तो उसमें ब्लेड और नारियल तेल की बोतल थी। जब वे गांववालों के सवालों के जवाब नहीं दे पाया तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।"
 
 
पुलिस ने कहा है कि वह आदमी इसलिए गांववालों के सवालों के जवाब नहीं दे पाया क्योंकि वह उनकी भाषा नहीं समझता था। चोटूप्पल के एक पुलिसकर्मी वेंकटय्या ने कहा है कि उसको 'अम्मा नान्ना यतीमखाने' भेज दिया गया है। एक गांववाले का कहना है कि इन वॉट्सऐप संदेशों के वायरल होने के बाद वे रातों में सो नहीं पा रहे हैं।
 
 
फ़र्जी वीडियो
बाद में पुलिस ने पाया कि विशाखापत्तनम का जो पीड़ित था, वह मानसिक रूप से अस्थिर एक भिखारी था जो सिर्फ़ तमिल बोल या समझ सकता था लेकिन उसे आंध्र प्रदेश में बोली जाने वाली तेलुगू नहीं आती थी। इस घटना के संबंध में सिटी पुलिस 20 लोगों को हिरासत में ले चुकी है।
 
 
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पुलिस विभाग कह चुके हैं कि वॉट्सऐप पर फैलाई जा रही जानकारी फ़र्ज़ी है और अब तक किसी बच्चे के अपहरण को लेकर उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है।

 
तेलंगाना के पुलिस प्रमुख महेंद्र रेड्डी ने ट्वीट कर लोगों से अपील की है कि वह ऐसे फ़र्ज़ी मैसेजों पर विश्वास नहीं करें। उन्होंने कहा है कि इन मैसेजों में कोई सच्चाई नहीं है और लोगों से कहा है कि किसी भी शक की स्थिति में वे पुलिस को सूचित करें। आंध्र प्रदेश पुलिस प्रमुख मलाकोंडय्या ने भी लोगों को शांत रहने की अपील की है। 
 
webdunia
तेलंगाना के रंगारेड्डी ज़िले के अगेपल्ली गांव में हाइवे के क़रीब से जा रहे दो लोगों पर स्थानीय लोगों ने हमला किया था। गांव के एक व्यक्ति नगा भूषण ने बीबीसी तेलुगू सेवा से कहा, "शोर सुनकर जब हम वहां पहुंचे तो देखा कि दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका ख़ून बह रहा है। हमलावरों से हमने समझा कि इन लोगों पर उन्हें लोहे की सरिया देखकर शक हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले गिरोह से हैं। हम सचमुच में भ्रम में हैं कि हम असली और नकली मैसेज में अंतर नहीं कर पा रहे हैं।"

 
मंचाला पुलिस स्टेशन के सर्कल इंस्पेक्टर रामबाबू ने कहा, "स्मार्टफ़ोन के इस्तेमाल की बढ़ोतरी के कारण इन मैसेज की बाढ़ आ गई है जो लोगों में आतंक फैलाते हैं।"
 
 
वह इसको लेकर भी चिंतित हैं कि लोग तथ्यों की जांच नहीं करते हैं। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि इन मैसेजों पर लोग कार्रवाई करने से ख़ुद को रोकें और शक की स्थिति में पुलिस से चेक कराएं। अधिकतर घटनाएं रचाकोंडा क्षेत्र में हुई हैं। इन वॉट्सऐप संदेशों कहाँ से शुरु हुए इसकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है।
 
 
रचाकोंडा के कमिश्नर महेश भागवत कहते हैं कि इन संदेशों के प्राथमिक स्रोत और इसके पीछे कौन लोग या समूह हैं, इसका पता लगाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि साइबरक्राइम की टीम अपराधियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
 
 
सोशल मीडिया का प्रभाव
डाटा जर्नलिज़्म पोर्टल फ़ैक्टली के संस्थापक राकेश रेड्डी डुब्बुडू का कहना है, "सोशल मीडिया के फ़ायदे और नुकसान होते हैं। वॉट्सऐप जब तक नहीं बताता है तब तक इन मैसेजों के स्रोत का पता लगाना काफ़ी कठिन है। हालांकि, फ़ेक न्यूज़ फैलने को लेकर वॉट्सऐप ने भी कोई कोशिश नहीं की है। यह पहली बार नहीं है कि फ़ेक न्यूज़ ने देश में हलचल मचाई है। सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों को साथ मिलकर इन पर काबू पाने की कोशिश करनी चाहिए।"
 
 
वह कहते हैं, "इस तरह के मैसेज आमतौर पर कुछ ख़ास समूहों द्वारा फैलाए जाते हैं। ऐसी ही प्रणाली कई राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीतियों को हासिल करने में लगाती हैं।"
 
 
2013 में एक वीडियो के कारण उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में दंगों की घटनाएं हुई थीं। वास्तव में वह एक पाकिस्तान का पुराना वीडियो था जो वायरल हो गया था और लोग क़ानून अपने हाथों में लेने लगे। इसी तरह का मामला दक्षिण भारत के राज्यों में भी बन चुका है और एक हलचल हो गई है।
 
 
तेलंगाना सीआईडी साइबर क्राइम्स सुपरिटेंडेंट राम मोहन कहते हैं, "ग्रामीण इलाक़ों में जागरुकता की कमी के कारण लोग इन संदेशों पर भरोसा कर लेते हैं। स्मार्टफ़ोन की उपलब्धता और सस्ते डाटा पैकेज लोगों को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने में मदद कर रहे हैं। कोई मैसेज फॉरवर्ड करना अपराध नहीं है। हालांकि, समस्या वहां खड़ी होती है जब झूठे मैसेज जंगल की आग की तरह फैलते हैं। लोगों को ऐसे संदेश मिलने पर सोचने और प्रशासन को शिकायत करने की आवश्यकता है।"
 
 
गदवाल ज़िले के जोगुलम्बा की एसपी रेमा राजेश्वरी जागरुकता सत्र आयोजित कर चुकी हैं जिसका मक़सद सोशल मीडिया पर फ़ेक न्यूज़ के प्रसार के बारे में लोगों को शिक्षित करना है। सोशल मीडिया पर फ़ेक न्यूज़ के ख़िलाफ़ पुलिस ने भी अभियान शुरू किया है और लोगों से कह रही है कि ऐसा कोई भी संदेहास्पद मैसेज आने पर वह 100 नंबर डायल करें या नज़दीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करें।
 

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सोशल: 'कश्मीरी पंडितों से मिलने क्यों नहीं जातीं प्रियंका चोपड़ा?'