60 साल में पहली बार चीन की आबादी में भारी गिरावट, क्या हैं कारण?

BBC Hindi
शुक्रवार, 20 जनवरी 2023 (08:29 IST)
केली एनजी, बीबीसी न्यूज़
संयुक्त राष्ट्र की एक ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि आबादी के मामले में भारत 2023 में चीन को पीछे छोड़ देगा। आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के संयुक्त राष्ट्र के विभाग की वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रास्पेक्ट्स 2022 रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 60 सालों में पहली बार ऐसा है जब चीन की राष्ट्रीय जन्म दर गिर कर प्रति हज़ार 6.77 हो गई है।
 
चीन की आबादी में साल 2021 के मुकाबले, 2022 में 8।5 लाख की कमी आई। 2022 में चीन की कुल आबादी 1.4118 अरब थी। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2050 तक भारत की आबादी 1.668 अरब जबकि चीन की आबादी 1.317 अरब हो जाएगी।
 
पिछले कई सालों से चीन में जन्म दर में कमी आ रही है और इसे रोकने के लिए सरकारी नीतियों में बदलाव भी किए जा रहे हैं।
 
चीन में 'वन चाइल्ड पॉलिसी' को ख़त्म किए सात साल हो चुके हैं। एक अधिकारी का कहना है कि 'चीन की आबादी अब नकारात्मक विकास के युग में प्रवेश कर चुकी है।'
 
जन्म दर से अधिक हुई मृत्यु दर
मंगलवार को जारी चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ़ स्टैटिस्टिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में जन्म दर 2021 में 7.52 थी जो 2022 में और कम हो गई है। लेकिन उसी दौरान अमेरिका में जन्म दर प्रति हज़ार रिकॉर्ड 11.06 और ब्रिटेन में 10.08 रही।
 
आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ने के लिए तैयार खड़े भारत में इसी दौरान जन्म दर 16.42 थी। लेकिन चीन के लिए बस यही एक मुसीबत नहीं है। देश में पिछले साल पहली बार जन्म के मुकाबले मौतें अधिक हुईं। साल 1976 के बाद पहली बार देश में मृत्यु दर प्रति हज़ार 7।37 पहुंची, जो इसके पिछले साल 7.18 थी।
 
सरकार के सारे आंकड़ों में आबादी का संकट साफ़ झलकता है और इसकी वजह से देश में श्रमिक आबादी के कम होने और स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सुरक्षा पर खर्च का बोझ बढ़ने का ख़तरा पैदा हो गया है
 
साल 2021 की जनगणना के अनुसार, चीन की आबादी का विकास दशकों बाद इतना धीमा पड़ा है। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे अन्य पूर्वी एशियाई देशों में भी आबादी घट रही है और बुज़ुर्गों की तादात बढ़ रही है।
 
इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनियन के मुख्य अर्थशास्त्री यूई सू का का कहना है कि 'ये ढर्रा अभी ऐसे ही चलेगा और हो सकता है कि कोविड के बाद और गंभीर हो जाए।'
 
'वन चाइल्ड पॉलिसी' का नतीजा
सू और अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि 2023 में भी चीन की आबादी और सिकुड़ेगी और मृत्य दर और बढ़ेगी। चीन की आबादी में जो ट्रेंड चल रहा है वो 1979 में 'वन चाइल्ड पॉलिसी' लागू करने का नतीजा है। उस समय चीन को अपनी आबादी कम करने की ज़रूरत थी।
 
जो परिवार इस नियम का उल्लंघन करते थे उनपर ज़ुर्माना लगाया जाता है था और कुछ मामलों में तो नौकरी से भी हाथ धोना पड़ता था।
 
1980 के दशक के बाद से जबरन गर्भपात ने पहले से ही मौजूद लैंगिक असमानता को और गंभीर बनाया है। साल 2016 में जब नीति बदली गई तो विवाहित जोड़ों को दो बच्चे पैदा करने की इजाज़त दी गई।
 
हाल के सालों में चीनी सरकार ने गिरती जन्म दर को उलटने या रोकने के लिए टैक्स छूट और बेहतर मातृत्व सहायता जैसी कई सुविधाएं देने का ऐलान किया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

iPhone 16 सीरीज लॉन्च होते ही सस्ते हुए iPhone 15 , जानिए नया आईफोन कितना अपग्रेड, कितनी है कीमत

Apple Event 2024 : 79,900 में iPhone 16 लॉन्च, AI फीचर्स मिलेंगे, एपल ने वॉच 10 सीरीज भी की पेश

iPhone 16 के लॉन्च से पहले हुआ बड़ा खुलासा, Apple के दीवाने भी हैरान

Samsung Galaxy A06 : 10000 से कम कीमत में आया 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाला सैमसंग का धांसू फोन

iPhone 16 Launch : Camera से लेकर Battery तक, वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

अगला लेख
More