रूस-यूक्रेन संकट: पुतिन की सैन्य तैयारियां यूक्रेन सीमा पर कैसी हैं?

BBC Hindi
रविवार, 13 फ़रवरी 2022 (07:47 IST)
डेविड ब्राउन, बीबीसी न्यूज़
रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास 1,30,000 सैनिक तैनात किए हैं, जिनके पास टैंक से लेकर बंदूकें, गोला-बारूद और हवा से वार करने की क्षमता है। इनमें बेलारूस में जारी सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रहे 30 हज़ार सैनिक भी शामिल हैं।
 
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक़, रूस की सेना तैयार है और वह "कभी भी" यूक्रेन में घुस सकती है। लेकिन रूस लगातार ये कहता आया है कि वह किसी हमले की योजना नहीं बना रहा है। 
 
सीमा पर पहुँचती सैन्य टुकड़ियाँ
रूस के अलग-अलग इलाकों से तमाम सैन्य टुकड़ियां यूक्रेन की सीमा पर पहुँच रही हैं, जिससे सीमा पर स्थायी रूप से तैनात सैन्य कर्मियों की संख्या में 35 हज़ार का इजाफ़ा हो गया है।
 
सैन्य टुकड़ियां यूक्रेन के पूर्व में स्थित रोस्तोव में हो रही सैन्य ड्रिल में हिस्सा ले रही हैं। टैंक से लेकर भारी साजो-सामान, जिसे तैनात करने में वक़्त लगता है, वो अब मौक़े पर पहुँच चुका है।
 
कुछ ऐसी सैन्य टुकड़ियां हैं जो सुदूर पूर्वी रूस से चार हज़ार किलोमीटर की यात्रा करके यूक्रेन की सीमा के पास पहुँची हैं।
 
अधिकांश अनुमानों में सामने आया है कि यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख या इससे अधिक रूसी सैनिक तैनात हैं। बीते गुरुवार पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने बताया है कि ये संख्या उनके पुराने अनुमान एक लाख सैनिकों से बढ़कर एक लाख तीस हज़ार हो चुकी है।
 
ब्रितानी रक्षा मंत्री बेन वॉलेस ने कहा है कि रूस ने अपनी आधी सेना को यूक्रेन या बेलारूस में तैनात कर दिया है। यूक्रेन के मुताबिक़ भी थल सैनिकों की संख्या लगभग 112000 है। वहीं, एयरफोर्स और नेवी के 18000 सैनिक तैनात हैं।
 
रूसी सेना के साथ-साथ यूक्रेन के लुहंस्क और डोनेत्स्क क्षेत्र में लगभग 15000 रूसी अलगाववादी मौजूद हैं। यूक्रेन मानता है कि ये संख्या इससे कहीं ज़्यादा है।
 
दिसंबर में अमेरिकी खुफ़िया रिपोर्ट में सामने आया था कि सैनिकों की कुल संख्या अचानक 1.75 लाख तक पहुँच सकती है।
 
रूस की तैयारियों में कमी
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि पिछले दो हफ़्तों में इस सीमावर्ती क्षेत्र में रूस की बटालियन टैक्टिकल ग्रुप की संख्या 60 से बढ़कर 83 हो गई है। कई समूह अभी भी मौक़े पर पहुँच रहे हैं।
 
बटालियन टैक्टिकल ग्रुप से आशय उन युद्धक संरचनाओं से है, जिनमें एयर डिफेंस और लॉजिस्टिक्स टीमें आदि शामिल होती है। हर एक ग्रुप में 800 सैनिक होते हैं।
 
कुछ पश्चिमी विश्लेषकों का मानना है कि व्यापक युद्ध छेड़ने के लिए अब तक रूस की तैयारियां पूरी नहीं हुई हैं। विश्लेषकों का इशारा मोबाइल हॉस्पिटलों और उनमें तैनात डॉक्टरों की ग़ैरमौजूदगी की ओर था।
 
कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि घायलों के इलाज के लिए ख़ून एवं अन्य मेडिकल उपकरण को लाया जा रहा है, जो युद्ध के लिए की जा रही तैयारियों की ओर इशारा करता है।
 
कुछ रिपोर्ट्स में ये भी सुझाया गया है कि कुछ इलाक़ों में टैंकों की मरम्मत करने वाली वर्कशॉप और युद्ध के लिए ज़रूरी कीचड़ हटाने वाली मशीनें पहुँच गई हैं।
 
हालांकि, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि व्यापक युद्ध और उसके बाद पूरे और ज़्यादातर यूक्रेन पर कब्जे के लिए रूस को मौजूदा सैनिकों से ज़्यादा सैनिकों की ज़रूरत पड़ेगी।
 
सैटेलाइट तस्वीरों में क्या दिखता है
सैटेलाइट तस्वीरों में रूस-यूक्रेन सीमा पर सेना की मौजूदगी टेंटों के रंग से पता चलती है। वे टेंट जिनमें सैनिक मौजूद होते हैं, उनकी छतों पर बर्फ पिघलती है जिससे वे गहरे रंग के दिखाई देते हैं।
 
कुछ प्रमुख बैटल टैंकों से युद्धाभ्यास होने के चिह्न बर्फ पर साफ़ मिलते हैं। बख़्तरबंद वाहनों को उनके आकार और ज़मीन पर उनके टायरों के निशान से पहचाना जा सकता है।
 
सैटेलाइट में सामने आया है कि क्राइमिया में एक बढ़त देखने को मिली है, एक आकलन के मुताबिक़, जनवरी के आख़िरी दिनों और फ़रवरी की शुरुआत में इस क्षेत्र में 10 हज़ार अतिरिक्त सैनिक पहुँचे हैं।
 
ऐसा माना जाता है कि इनमें पैदल सेना से लेकर वायुसेना के सैनिक शामिल हैं। कुछ टुकड़ियों को त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।
 
बेलारूस में सैन्य जमावड़ा
रूस ने बेलारुस के साथ एक संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है जो कि 20 फ़रवरी तक चलेगा। बेलारूस के नेता अलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समर्थक हैं।
 
यूक्रेन की राजधानी कीव बेलारूस की सीमा से मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर है। पश्चिमी पर्यवेक्षक मानते हैं कि 'एलाएड रिजॉल्व' नामक ये सैन्य अभ्यास यूक्रेन के ख़िलाफ़ अभियान की रिहर्सल करने का अवसर दे सकता है।
 
नेटो महासचिव जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने बताया है कि शीत युद्ध के बाद पहली बार बेलारूस में 30 हज़ार रूसी सैनिक पहुँचे हैं।
 
सैटेलाइट तस्वीरों में सामने आया है कि यूक्रेन की सीमा से मात्र 72 किलोमीटर दूर बेलारूस के येल्स्क में रूस की इसकंदर शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्चर तैनात हैं।
 
बेलारूस में तैनात रूसी सैन्य टुकड़ियों के पास वायु सेना, गोला-बारूद और मेडिकल सपोर्ट टीमें हैं। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि रूसी स्पेज़नाज़ स्पेशल ऑपरेशन फॉर्स भी ज़मीन पर मौजूद है।
 
इसके साथ ही रूस का एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम बेलारूस पहुँच चुका है। एडवांस सु-25 लड़ाकु विमान भी लुनिनेट्स एयरफील्ड में नज़र आए हैं।
 
समुद्र पर रूस की तैनाती
रूस इस समय अटलांटिक से प्रशांत महासागर तक दुनिया भर में नौसैनिक ड्रिल को अंजाम दे रहा है। इनमें 140 जहाज और सपोर्ट वेसल, 60 एयरक्राफ़्ट, और दस हज़ार सैनिक मौजूद हैं।
 
जनवरी में इंग्लिश चैनल से होकर निकलने वाले छह रूसी नेवी जहाज अब काले सागर में आ गए हैं। ये मुख्य युद्धक टैंकों, सैनिकों और बख़्तरबंद वाहनों को ज़मीन पर उतारने में सक्षम हैं।
 
रूस ने तटवर्ती क्षेत्रों में चेतावनी जारी की है जिसमें काले सागर में मिसाइल एवं गोलीबारी वाला युद्ध अभ्यास होने की बात की गई है।
 
कुछ विश्लेषक मानते हैं कि अगर रूसी सैनिकों ने जल और थल दोनों ओर से हमला किया तो ये काफ़ी मुश्किल होगा। क्योंकि नौसेना का प्रयोग संभवत: यूक्रेन को भ्रमित करने के लिए होगा ताकि यूक्रेन की थल सेना को ज़मीनी हमले की संभावित मार्गों से हटाया जा सके।

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