दिव्या आर्य (दिल्ली)
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है जिसमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को एक छोटी बच्ची और राधिका कुमारस्वामी के साथ देखा जा सकता है। व्हाट्सऐप पर बंट रहे चुटकुलों में छींटाकशी हो रही है।
राधिका कुमारस्वामी की ख़ूबसूरती को वो गोंद बताया जा रहा है जिससे कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर जुड़े हैं। वही सब भद्दापन जो मज़ाक के नाम पर 'सब चलता है' की सोच से पढ़ा जाता है, शेयर भी किया जाता है।
कुमारस्वामी को लेकर उत्सुकता?
इसमें दबी उत्सुकता है ये जानने की कि क्या एच.डी. कुमारस्वामी ने दूसरी शादी की? या अभिनेत्री राधिका कुमारस्वामी से उनके 'अवैध संबंध' थे? क्या उनके रिश्ते से एक बेटी हुई? क्या वो सब साथ रहते हैं?
एच.डी. कुमारस्वामी ने इस चुनाव से पहले चुनाव आयोग को दिए अपने एफ़िडेविट में सिर्फ़ अपनी पहली पत्नी अनीता का नाम लिखा है और सार्वजनिक तौर पर कभी राधिका कुमारस्वामी को अपनी पत्नी नहीं बताया है।
कुमारस्वामी ही क्यों भारतीय राजनीति में कई नेता हैं जिन्होंने या तो पहली पत्नी रहते प्रेम संबंध बनाया और वो महिला उनके घर में भी रही या उन्होंने दूसरी शादी कर ली। लोकसभा सांसद कणिमोई, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के वरिष्ठ नेता करुणानिधि की तीसरी शादी से हुई संतान हैं। डीएमके नेता टी.आर. बालू ने भी अपने एफ़िडेविट में अपनी दोनों पत्नियों के नाम लिखे हैं।
क्या किसी ऐसी महिला नेता को जानते हैं?
लेकिन ऐसी कोई महिला नेता का नाम आपके ज़हन में नहीं आएगा जिसने पहले पति के ज़िंदा रहते हुए और बिना उसे तलाक़ दिए हुए एक दूसरे मर्द के साथ प्रेम संबंध बनाया हो, उसके साथ एक घर में रही हो या उनसे शादी ही कर ली हो।
चौंक गए ना? ये ख़्याल ही अजीब लग रहा होगा? महिला नेता के चरित्र पर मन में सवाल उठ गए होंगे? ठीक वैसे ही जैसे पुरुष नेता की महिला मित्रों के चरित्र, मंशा और शरीर पर उठाए जाते रहे हैं? लेकिन पुरुष नेता पर सवाल नहीं उठते। अगर चर्चा हो तो वो कुछ दिन सोशल मीडिया पर घूमघाम कर गुम जाती है।
क्या किसी महिला नेता ने ऐसा किया हो तो उसे ऐसे नज़रअंदाज़ किया जाएगा? पुरुष नेता प्रेम संबंध बनाते या दूसरी शादी करते रहे हैं और जनता उन्हें स्वीकार करती रही है बल्कि बार-बार चुनती भी रही है।
बिना तलाक़ दूसरी शादी ग़ैरक़ानूनी
पहले पति या पत्नी के जीवित होते हुए और बिना उसे तलाक़ दिए हुए दूसरी शादी भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत ग़ैर-क़ानूनी है। इसके बावजूद करुणानिधि और टी.आर. बालू जैसे कई मर्द दूसरी शादी कर लेते हैं और उनके ख़िलाफ़ कोई क़ानूनी कार्रवाई नहीं होती।
इसकी वजह ये है कि ये क़ानून 'कॉग्निज़ेबल' नहीं है, यानी पुलिस ख़ुद संज्ञान लेकर किसी मर्द या औरत को दूसरी शादी करने के जुर्म में गिरफ़्तार नहीं कर सकती। ऐसे मर्द या औरत पर क़ानूनी कार्रवाई तभी की जा सकती है जब पहली पत्नी या पति इसकी शिकायत करे।
ये क़ानून मुसलमान औरतों पर तो लागू होता है पर मुसलमान मर्दों को 'मुस्लिम पर्सनल लॉ' के तहत चार शादी करने की छूट है, वो पांचवी शादी करें तो इस क़ानून के तहत ग़ैर-क़ानूनी होगा और पहली पत्नी शिकायत करे तो क़ानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
पते की बात ये है कि पहली पत्नी शिकायत करे या ना करे, दूसरी शादी की कोई क़ानूनी मान्यता नहीं है। दूसरी पत्नी ना पति की पुश्तैनी जायदाद के हिस्से की हक़दार है और अगर वो वसीयत में ना लिखकर जाए तो ना उसकी अपनी जायदाद की। उसे पति से गुज़ारा भत्ता मांगने का भी क़ानूनी हक़ नहीं है।
पुरुषों पर भी लागू होता है क़ानून?
साल 2009 में 'लॉ कमीशन ऑफ़ इंडिया' ने सिफ़ारिश की थी कि इस क़ानून को 'कॉग्निज़ेबल' बना दिया जाए ताकि पहली पत्नी किसी दबाव के तहत शिकायत ना भी कर पाए तो दूसरी शादी करने वाले मर्द के ख़िलाफ़, पुलिस ख़ुद संज्ञान लेकर कार्रवाई कर पाए। लेकिन ये अभी तक हुआ नहीं है और जनता की नज़र होने के बावजूद पुरुष नेता ऐसे रिश्ते बना रहे हैं।
ग़ौर फ़रमाएं कि मैं दूसरी पत्नी की ही बात करती जा रही हूं, जबकि ये सब दूसरे पति पर भी लागू होता है। पर राजनीति में बहुत सी दहलीज़ें लांघ कर आगे बढ़ी महिलाएं शायद ऐसा ख़तरा जोख़िम उठा ही नहीं सकतीं। जनता ने उन्हें ऐसा विश्वास कभी दिया ही नहीं कि वो प्रेम संबंध या दूसरी शादी की सोच को अपने मन में जगह दें।
आप ही बताएं किसी महिला नेता के ऐसे रिश्ते को नज़रअंदाज़ कर पाएंगे आप?