मैथ्यू हेनरी, बीबीसी स्पोर्ट्स
विराट कोहली वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 50वां शतक जमा कर सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए शतकों के बादशाह बन गए हैं। शतकों का अर्धशतक जमाने वाले विराट कोहली के आंकड़ों पर नज़र डालें तो यह उन्हें सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ बताता है।
विराट ने सचिन तेंदुलकर के 49 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ा है तो दोनों बल्लेबाज़ों के वनडे करियर की तुलना होना लाजमी है।
चलिए देखते हैं कैसे सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली ने रनों का ये पहाड़ खड़ा किया और शतकों का अंबार लगाया। साथ ही आंकड़ों की नज़र से भी इन बल्लेबाज़ों के शतकों के रिकॉर्ड को देखते हैं।
विराट बनाम सचिनः आंकड़ों के आइने में
सचिन तेंदुलकर ने 49वां शतक अपने एकदिवसीय करियर की 451वीं पारी में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ एशिया कप में बनाया था।
अगला मैच सचिन का आखिरी वनडे था। ये मैच पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेला गया था और सचिन ने उसमें अर्धशतक जमाया था।
उसी मैच में विराट कोहली ने 183 रनों की पारी खेली थी जो आज भी वनडे में विराट का सबसे बड़ा स्कोर था। वो विराट का वनडे में केवल 11वां शतक था।
विराट के शतकों का कारवां जब 49वें शतक के पड़ाव पर पहुंचा तब तक वो वनडे की 277 पारियां खेल चुके थे तो अब 279वीं पारी में सचिन के 49 शतकों के रिकॉर्ड को वो पीछे भी छोड़ चुके हैं।
विराट ने न केवल कहीं कम पारियों में सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ा बल्कि उनका स्ट्राइक रेट भी मास्टर ब्लास्टर से बेहतर है।
सचिन तेंदुलकर 86.23 के स्ट्राइक रेट से वनडे खेला करते थे, तो विराट का स्ट्राइक रेट 93.62 का है। सचिन ने जहां अपने अधिकांश (45) शतक बतौर ओपनर लगाए हैं वहीं विराट कोहली का सबसे अधिक (43) शतक नंबर- 3 पर खेलते हुए बना है।
वनडे में सचिन तेंदुलकर का औसत 44.83 रहा तो विराट यहां भी कहीं आगे हैं। 50 से अधिक वनडे खेलने वालों में विराट 58.70 की औसत से सबसे आगे चल रहे हैं।
सचिन पर कोहली कहते हैं- "वे परफ़ेक्ट हैं"
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 117 रन बना कर सचिन की मौजूदगी में उनका रिकॉर्ड तोड़ने के बाद विराट ने कहा, "यह सब एक सपने की तरह लगता है।" तब स्टैंड में बैठे सचिन तेंदुलकर और विराट की पत्नी अनुष्का शर्मा भी ये देख रही थीं।
वे बोले, "अगर मैं कोई सबसे बढ़िया तस्वीर बना सकूं तो चाहूंगा कि वह यही तस्वीर हो। मेरी जीवन साथी, जिसे मैं सबसे अधिक प्यार करता हूं, वो वहां बैठी है। मेरे हीरो सचिन वहां बैठे हैं। मैं उनके और इन प्रशंसकों के सामने ऐसे ऐतिहासिक मैदान पर अपना 50वां शतक बनाने में सक्षम हुआ। यह अद्भुत है।"
हालांकि कोहली अब भी सचिन तेंदुलकर को महानतम क्रिकेटर मानते हैं। पिछले हफ़्ते उन्होंने कहा था, "कुछ वजह है कि हम सभी उनका इतना सम्मान करते हैं।" विराट बोले, "मैं कभी उनके जैसा अच्छा नहीं बन सकूंगा। जब बैटिंग की बात आती है तो वे परफ़ेक्ट हैं।"
अपने 50वें शतक के दौरान विराट ने ऑस्ट्रेलिया के रिकी पॉन्टिंग के कुल रनों को पीछे छोड़ते हुए 13794 रन जमा कर लिए हैं।
अब उनसे ठीक ऊपर श्रीलंका के कुमार संगकारा (14,234) मौजूद हैं तो शीर्ष पर सचिन अपने रिकॉर्ड 18,426 रनों के साथ मौजूद हैं।
हो सकता है उनके पास सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने का भी कोई न कोई तरीका हो लेकिन फिलहाल वे उससे कहीं (4632 रन) पीछे हैं।
चेज़ मास्टर
रन चेज़ करने के मामले में कोहली की क्षमता से पूरा क्रिकेट जगत परिचित है। उनके ये आंकड़े वाकई आश्चर्यजनक हैं।
वनडे में लक्ष्य का पीछा करते हुए कोहली 65.49 की औसत से बल्लेबाज़ी करते हैं जो क्रिकेट के इतिहास के किसी भी अन्य बल्लेबाज़ की औसत से सात रन अधिक है।
कोहली ने अपने 50 में से 27 शतक रनों का पीछा करते हुए बनाए हैं। वहीं इस मामले में कोहली के आइडल सचिन के शतकों की संख्या 17 रही है। कोहली ने दुनिया के जिस कोने में भी बल्लेबाज़ी की वहां सेंचुरी ज़रूर बनाई है। निश्चित तौर पर वो अपने घरेलू मैदान पर 121 वनडे खेले हैं तो सेंचुरी भी यहीं सबसे अधिक 24 बनाए हैं।
अपने देश के बाहर बांग्लादेश में सबसे अधिक छह शतक कोहली ने जड़े हैं। तो ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ़्रीका की उछाल लेने वाली पिचों पर कोहली के बल्ले से क्रमशः पांच और तीन शतक लगे हैं।
औसत के नज़रिए से देखें तो कोहली की पसंदीदा विदेशी धरती दक्षिण अफ़्रीका की है। यहां उन्होंने अब तक 20 मैचों में 76.38 की औसत से बल्लेबाज़ी की है।
वास्तव में, कोहली जिन नौ देशों के साथ खेले हैं उनमें श्रीलंका (48.95) और न्यूज़ीलैंड (49.66) को छोड़ कर अन्य सात देशों के साथ 50 से अधिक की औसत से बल्लेबाज़ी करते रहे हैं।
सचिन तेंदुलकर केवल ज़िम्बाब्वे, मलेशिया, बांग्लादेश, आयरलैंड और सिंगापुर के ख़िलाफ़ 50 से अधिक की औसत से खेले थे तो घरेलू मैदानों पर उनका औसत 48.11 रहा।
कमबैक कोहली
विराट कोहली इस साल छह शतक जमा चुके हैं। उसके पहले तीन सालों में कोहली के बल्ले से केवल एक शतक आया था। हालांकि उसी दौरान कोविड-19 महामारी के कारण बहुत क्रिकेट नहीं खेली गई थी।
कोहली 2010 के दशक में बहुत शानदार फ़ॉर्म में थे। 2011 से 2019 के दौरान के नौ सालों में कोहली ने सात बार एक साल में वनडे में हज़ार से अधिक रन बनाए।
2010 के दशक को निश्चित तौर पर कोहली के दशक के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। उस दौरान उनका 60 का औसत रहा तो 42 शतकों के साथ 11,125 रन बनाए।
यह वनडे के इतिहास में एक दशक के दौरान किसी भी बल्लेबाज़ की आंकड़ों के लिहाज से ज़ोरदार वापसी की कहानी है।
कोहली ने ऐसा कैसे किया?
चाहे गेंदबाज़ी कोई भी हो कोहली का दमदार रिकॉर्ड उनकी मजबूती का सबूत देता है। वनडे में लेग स्पिनर को छोड़कर अन्य सभी किस्म के गेंदबाज़ों के सामने विराट का औसत 45 से अधिक का रहा है।
लेकिन लेग स्पिन गेंदबाज़ी पर कोहली का बल्ला विशेष तौर पर बढ़िया चलता है। उन्होंने जितने भी लेग स्पिनर्स के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी की है, उनमें दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाज़ इमरान ताहिर की गेंदों पर वो सबसे अधिक 197 की औसत से रन बनाते रहे हैं तो श्रीलंकाई ऑल राउंडर एंजेलो मैथ्यूज (औसत 187) भी उनके पसंदीदा गेंदबाज़ों में रहे हैं।
वहीं कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ पैट कमिंस (166) और मिचेल स्टार्क (139) पर भी अपना दबदबा बनाया है।
न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ टिम साउदी ने बुधवार को कोहली को आउट किया। कोहली के ख़िलाफ़ साउदी सबसे सफल गेंदबाज़ रहे हैं। उन्होंने वनडे में कोहली को सबसे अधिक सात बार आउट किया है।
ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ जोस हेज़लवुड ने आठ मैचों में पांच बार ऐसा किया। वहीं जेम्स एंडरसन की गेंदों पर कोहली वनडे में महज 8.66 की औसत के खेल सके हैं।
वनडे में इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज़ रहे जेम्स एंडरसन ने अपनी स्विंग गेंदों पर कोहली को छह मैचों में तीन बार आउट किया है।
क्या कोहली का रिकॉर्ड टूटेगा?
सचिन तेंदुलकर से वनडे में शतकों का रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले विराट कोहली का रिकॉर्ड क्या कभी टूटेगा?
इसकी क्या संभावना है? अगर वर्तमान क्रिकेटर्स को देखें तो कोहली के बाद वनडे में सबसे अधिक 31 शतक रोहित शर्मा के नाम है, लेकिन वे कोहली से 18 महीने बड़े हैं।
उनके बाद डेविड वॉर्नर 22 शतकों के साथ तीसरे स्थान पर हैं तो दक्षिण अफ़्रीकी क्विंट डी-कॉक 21 शतकों के साथ चौथे पायदान पर है। लेकिन ये दोनों भी क्रिकेट के इस फ़ॉर्मेट से संन्यास लेने वाले हैं।
तो वास्तविक रूप से इस समय कोहली को सही मायने में चुनौती देने की सबसे अच्छी स्थिति में पाकिस्तान के बाबर आज़म हैं। उनकी उम्र भी महज़ 29 साल की है तो वे 19 शतक भी जमा चुके हैं।
लेकिन वनडे के फ़ॉर्मेट पर ही संदेह बना हुआ है। एक-दूसरे के देशों में ट्रैवल करने वाली टीमों के शेड्यूल में टी20 का दबदबा बढ़ रहा है।
ऐसे में ये भी संभव है कि 50 ओवर के इस फ़ॉर्मेट में कोहली के 50 शतकों की बादशाहत हमेशा के लिए बनी रह सकती है।