जेरेमी बोवेन, इंटरनेशनल एडिटर और डेविड ग्रिटन, उत्तरी इसराइल और लंदन, बीबीसी न्यूज़
ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने कहा है कि सीरिया की राजधानी दमिश्क में उनके वाणिज्य दूतावास पर हुए इसराइली हमले में सात अधिकारियों की मौत हो गई है।
मरने वालों में ईरान की एलीट कुद्स फोर्स के कमांडर ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद रेज़ा ज़ाहेदी और उनके डिप्टी ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद हादी हाजी-रहीमी का नाम शामिल है। ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद रेज़ा ज़ाहेदी ईरान के शीर्ष कमांडरों में से एक हैं।
ईरान और इसराइल के बीच इस तरह की टार्गेटेड हत्याओं का इतिहास है। हालांकि इसराइल ने अब तक हमले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं इस हमले के बाद ईरान ने कहा है कि वो इस हमले को अंजाम देने वालों को जवाब देने का हक़ रखता है।
रॉयटर्स के मुताबिक़, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, “तेहरान तय करेगा कि हमलावरों के ख़िलाफ़ किस तरह का जवाब दिया जाए और क्या सज़ा दी जाए।”
वहीं, व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को इस हमले की रिपोर्टों के बारे में पता है।
ईरान और सीरिया की सरकारों ने इस हमले की निंदा की है। हमला इतना ज़ोरदार था कि ईरानी दूतावास के पास की इमारत भी क्षतिग्रस्त हो गई।
इसराइल की सेना ने कहा है कि वह विदेशी मीडिया की रिपोर्ट्स पर कमेंट नहीं करेगी।
हालांकि इसराइल ने बीते कुछ सालों में सीरिया में सैकड़ों टार्गेटेड हमलों की ज़िम्मेदारी ली है। ये हमले ईरान और उससे जुड़े हथियारबंद समूहों पर किये गए जिन्हें रिवॉल्यूशनरी गार्ड ट्रेनिंग देते हैं।
पिछले साल अक्टूबर में ग़ज़ा में युद्ध शुरू होने के बाद से ईरान समर्थित समूह हिज़्बुल्लाह ने लेबनान और सीरिया से लगी उत्तरी इसराइली सीमा पर हमले किए जिसके जवाब में इसराइली स्ट्राइक बढ़ी है।
तनाव और होगा गहरा
लेकिन सोमवार को जो हमला हुआ है उसके बाद इन दोनों देशो के बीच गंभीर तनाव है और इससे ये संघर्ष आगे बढ़ सकता है।
ऐसा लग रहा है कि इसराइल ईरानियों की परीक्षा ले रहा है। और ऐसा संकेत दे रहे हैं कि वह अपने दुश्मन पर दबाव बनाना चाहते हैं।
इसराइल ये भी देख रहा है कि हिज़्बुल्लाह और ईरान दोनों की ही तरफ़ से उस तरह की जवाबी प्रतिक्रिया नहीं आ रही जिसकी उम्मीद आमतौर पर उनसे की जाती है। अब ये देखना होगा कि क्या इस हमले के बाद ईरान या हिज़्बुल्लाह पलटवार करेंगे।
सीरिया के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इसराइली एयरक्राफ्ट ने गोलान हाइट्स से ईरान के वाणिज्य दूतावास को लक्ष्य बनाया जो दमिश्क के पश्चिमी मेज़ा स्थित एक हाइवे पर स्थित है। ये हमला स्थानीय समयानुसार सोमवार को शाम 5 बजे हुआ।
सीरिया ने कहा है कि सीरियाई एयर डिफेंस ने इसराइल की कुछ मिसाइलों को मार गिराया, लेकिन कुछ मिसाइलें नहीं रोकी जा सकीं और इसने "पूरी इमारत को नष्ट कर दिया, जिससे इसके भीतर मौजूद सभी लोग मारे गए और घायल हो गए।"
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि शवों को और घायलों को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है। घटनास्थल की तस्वीरों और वीडियो में ढही हुई बहुमंज़िला इमारत से धुआं और धूल का गुबार उठता दिख रहा है।
ईरानी राजदूत होसैन अकबरी ने कहा है कि इसराइली एफ़-35 लड़ाकू जेट विमानों ने "मेरे निवास स्थान, कांसुलर सेक्शन और साथ ही साथ ईरान के मिलिट्री अटैचमेंट को निशाना बनाया।"
उन्होंने ईरान के सरकारी मीडिया को बताया कि पांच से सात लोगों की हमले में मौत हो गई है जिसमें कुछ राजनयिक भी शामिल हैं।
बाद में रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके सात अधिकारी मारे गए, जिनमें ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी और ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद हादी हाजी-रहीमी भी शामिल थे, जिन्हें उसने कमांडर और "वरिष्ठ सैन्य सलाहकार" बताया।
कौन हैं मारे गए जनरल
ईरानी मीडिया के अनुसार 63 साल के ज़ाहेदी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी ऑपरेशन ब्रांच- कुद्स फोर्स में एक वरिष्ठ अधिकारी थे और उन्होंने 2008 और 2016 के बीच लेबनान और सीरिया में कमांडर के रूप में काम किया था। वहीं हाजी-रहीमी की पहचान ज़ाहेदी के डिप्टी के रूप में की गई है।
ज़ाहेदी सबसे हाई-प्रोफ़ाइल ईरानी कमांडर हैं जिन्हें सीरिया में इसराइल के टार्गेटेड हमलों में मारा गया है। इससे पहले सीरिया में इसराइल के हमलों में इसके शीर्ष स्तर का ईरानी कमांडर नहीं मारा गया।
ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स, जो सीरिया में ज़मीनी सोर्स के नेटवर्क पर निर्भर है, उसने बताया कि आठ लोग मारे गए हैं जिसमें कुद्स फोर्स के एक शीर्ष नेता, दो ईरानी सलाहकार और रिवॉल्यूशनरी गार्ड के पांच सदस्य शामिल हैं।
सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद ने कहा कि वह "इस जघन्य आतंकवादी हमले" की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें "कई निर्दोष लोग" मारे गए हैं।
ईरानी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मेकदाद के साथ टेलीफोन पर बातचीत में ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने हमले को "सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन" बताया और " इसके लिए यहूदी शासन को ज़िम्मेदार ठहराया है।"
उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदायों से भी इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया आनी चाहिए।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन को हमले से जुड़ी रिपोर्ट्स की जानकारी है।
सोमवार को पत्रकारों को एक ब्रीफिंग में इसराइली सेना आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि दक्षिणी इसराइली शहर इलियत में एक नेवल बेस पर एक ड्रोन हमला "एक बहुत गंभीर घटना" थी। उन्होंने कहा कि ड्रोन "ईरान ने बनाया और उसकी ओर से छोड़ा गया था।"
यह हमला पिछले शुक्रवार को दमिश्क और उत्तरी शहर अलेप्पो पर संदिग्ध इसराइली हमलों के बाद हुआ था।
उस समय सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स का कहना था कि इसराइल के इस हमले में 53 लोग मारे गए, जिनमें 38 सीरियाई सैनिक और ईरान समर्थित लेबनानी समूह हिज़्बुल्लाह के सात सदस्य शामिल थे।
इससे पहले जनवरी में मेज़ा में एक और हमला किया गया था और आरोप है कि ये हमला भी इसराइल ने किया था जिसमें पांच लोग मारे गए थे।
इसराइल पहले कई मौकों पर सीरिया में ईरानी सैन्य अड्डों पर हमले की ज़िम्मेदारी ले चुका है।
ईरान कहता है कि सीरिया के गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना को "सलाह" देने के लिए रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को सीरिया भेजा गया है। लेकिन ईरान ये नहीं मानता कि वह युद्ध में शामिल है या उन्होंने सैन्य बेस स्थापित किए हैं।