प्रदीप कुमार, बीबीसी संवाददाता
इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन की शुरुआत टूर्नामेंट की दो सबसे कामयाब टीमों चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच मुक़ाबले से अबू धाबी में हो रही है। कोविड महामारी के दौर में क्रिकेट का यह सबसे बड़ा टूर्नामेंट कराने के लिए तमाम तरह के सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं। जिसमें खिलाड़ियों को सुरक्षित बायो बबल में रखने से लेकर हर तरह के एहितयात बरते गए हैं।
कोविड महामारी के साये में सुरक्षात्मक उपायों के साथ खिलाड़ियों को विपक्षी टीम की चुनौती का सामना ही नहीं करना होगा बल्कि अबू धाबी, शारजाह और दुबई इन तीनों शहरों की गर्मी और नमी खिलाड़ियों की लिए बहुत बड़ी मुश्किल साबित होने वाली है, क्योंकि ज्यादातर मौकों पर खिलाड़ियों को 40 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर खेलना होगा।
इस मुश्किल का जिक्र रॉयल चैलेंजर्स के स्टार खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने आरसीबी के ट्विटर हैंडल पर किए गए वीडियो पोस्ट में किया है। उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं इस तरह की परिस्थितियों में खेलने का अभ्यस्त नहीं हूं। यहां बेहद गर्मी है और मुझे इस मौसम ने चेन्नई में जुलाई महीने में खेले गए टेस्ट मैच की याद दिला दी है जिसमें वीरेंद्र सहवाग ने हमारे खिलाफ 300 रन ठोक दिए थे। जीवन में उससे ज़्यादा गर्मी वाली स्थिति का अनुभव मुझे पहले कभी नहीं हुआ था।'
संयुक्त अरब अमीरात में लंबे समय तक एक स्पोर्ट्स चैनल में काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार नीरज झा वहां की मुश्किलों के बारे में बताते हैं, 'एक तो तापमान 40 डिग्री के आसपास होता है। लेकिन उससे ज़्यादा मुश्किल यह है कि स्टेडियम के बाहर के इलाके में रेतीले मैदान हैं। रेत की गर्मी के चलते आसपास बहुत ज़्यादा गर्मी हो जाती है। खिलाड़ियों के सामने इससे तालमेल बिठाने की चुनौती होगी।'
गर्मी के अलावा समुद्र से सटे होने के चलते ह्यूमिडिटी का लेवल भी इन तीनों स्टेडियम में बहुत ज़्यादा रहने की आशंका है। मोटा-मोटा अनुमान यह है कि तीनों शहरों में ह्यूमिडिटी का लेवल 70 प्रतिशत के आसपास रहेगा, जिससे खिलाड़ियों के सामने डिहाइड्रेशन का ख़तरा भी होगा।
भारतीय खिलाड़ियों पर असर नहीं
हालांकि वरिष्ठ खेल पत्रकार विजय लोकपल्ली के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात की चुनौतियां भारतीय परिस्थितियों से बहुत अलग नहीं होंगी।
उन्होंने बताया, 'देखिए आईपीएल का आयोजन तो भारत में अप्रैल और मई की गर्मियों में भी हो चुका है। इस हिसाब से देखें तो स्थितियां कमोबेश एक जैसी ही होंगी। जहां तक ह्यूमिडिटी लेवल की बात है तो भारत में कोलकाता, चेन्नई, मुंबई या फिर कोच्चि जैसे शहरों में होने वाले मैचों में भी खिलाड़ियों को इसका सामना करना पड़ता है।'
संयुक्त अरब अमीरात के स्टेडियम पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए बीते 1 दशक तक घरेलू मैदान के तौर पर इस्तेमाल किए गए हैं। 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कारणों से पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड विदेशी टीमों की मेजबानी यहां के स्टेडियमों में करती रही।
इस दौरान पाकिस्तान के खिलाड़ी लगातार यहां की परिस्थितियों में खेलते रहे हैं। ये बात दूसरी है कि पाकिस्तान का कोई भी क्रिकेटर आईपीएल के इस सीज़न में भी पिछले सीज़नों की तरह हिस्सा लेते नहीं दिखेंगे।
आईपीएल 2020 के दौरान
संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले मैचों के टीवी कवरेज को नज़दीक से देखने वाले नीरज झा बताते हैं, 'पाकिस्तान ही नहीं, भारत उपमहाद्वीप के खिलाड़ियों को अबू धाबी, शारजाह और दुबई के मैदान पर बहुत दिक्कत नहीं होगी लेकिन विदेशी खिलाड़ियों को हमेशा मुश्किल होती है तो यही स्थिति देखने को मिलेगी।'
आईपीएल 2020 के दौरान सभी टीमों को मिलाकर देखें तो 50 से ज्यादा विदेशी खिलाड़ी इन टीमों का हिस्सा हैं, ऐसे में इन खिलाड़ियों को उस स्थिति से तालमेल बिठाने का कोई न कोई रास्ता ज़रूर निकालना होगा। यह अलग-अलग खिलाड़ियों के लिए जुगाड़ निकालने जैसा ही होगा।
यह जुगाड़ किस तरह के हो सकते हैं, इसका एक दिलचस्प उदाहरण पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख़्तर का रहा है, संयुक्त अरब अमीरात के मैदान पर खेलते वक़्त रावलपिंडी एक्सप्रेस गले में हमेशा एक आइस कॉलर पहना करते थे। इससे उनके शरीर में ठंडक और पानी के अंश हमेशा मिलते थे। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर के एबी डिविलयर्स ने आरसीबी के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट वीडियो मे ह्यूमिडिटी की बात भी की है।
उन्होंने कहा है, 'रात के दस बजे भी यहां काफ़ी ज़्यादा ह्यूमिडिटी है। जब मैं यहां आया तो इसके पिछले महीनों से तुलना की है, तो स्थिति तो बेहतर हुई है लेकिन लेकिन आपको अंदर की ऊर्जा को मैच के अंतिम पलों तक बचाने की चुनौती तो होगी।'
विजय लोकपल्ली के मुताबिक भारत में घरेलू मैचों के दौरान ही खिलाड़ियों को गर्मी, ह्यूमिडिटी और सपाट विकेटों के अलावा मामूली सुविधाओं के साथ खेलते हुए जगह बनानी होती है कि वह मानसिक तौर पर किसी भी मुश्किल चुनौती में भी बेहतरीन प्रदर्शन के इरादे से ही मैदान में उतरता है।
क्या होगी राहत की बात
आईपीएल में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि अधिकांश मुक़ाबले शाम 7.30 बजे से शुरू हो रहे हैं और अबू धाबी, शारजाह और दुबई में शाम होते ही तापमान थोड़ा कम होने लगता है और यह खिलाड़ियों के लिए राहत की बात होगी। इसके अलावा आईपीएल के मुकाबले 20-20 ओवरों के मुक़ाबले हैं, जहां खिलाड़ियों के लिए कुछ ही घंटे खेलने हैं।
नीरज झा अरब अमीरात में खेले गए उन इंटरनेशनल मैचों की बात करते हैं, जब वहां पूरे दिन के मुक़ाबले खेले गए हैं। उन्होंने बताया, 'देखिए इन्हीं मैदानों पर टेस्ट मैचों के आयोजन हुए हैं, वनडे क्रिकेट खेले जाते रहे हैं जो अमूमन 10 बजे शुरू होते थे और 12 बजे की तेज धूप में भी खिलाड़ी मैदान में होते थे। जबकि यहां मार्च से लेकर अक्टूबर के बीच, 11 बजे के बाद से लेकर शाम के सात बजे तक लोग घरों-दफ्तरों से बाहर नहीं निकलते। इस हिसाब से देखें तो आईपीएल में खिलाड़ियों को कुछ ही घंटे अपना दम झोंकना होगा।'
सचिन तेंदुलकर का 'डेजर्ट स्टॉर्म'
वैसे आईपीएल के आधे से ज़्यादा मैच अक्टूबर में खेले जाएंगे, सितंबर के बाद संयुक्त अरब अमीरात का तापमान कम होगा। इससे खिलाड़ियों को राहत मिलेगी। वैसे इससे पहले आईपीएल सीजन 7 के दौरान अप्रैल महीने में संयुक्त अरब अमीरात में आईपीएल के कुछ मैच खेले गए थे, जो इस वक्त से कहीं ज़्यादा गर्मियों में खेले गए थे।
गर्मी और ह्यूमिडिटी के अलावा एक और पहलू है जो खिलाड़ियों के लिए खासा मुश्किल पैदा कर सकते हैं। 1998 में सचिन तेंदुलकर की शारजाह में दो मैचों में बनाए गए दो धमाकेदार शतकों की याद जिन खेल प्रेमियों को होगी उन्हें इस पहलू का अंदाज़ा होगा।
सचिन तेंदुलकर की इन शतकीय पारियों को 'डेजर्ट स्टॉर्म' के नाम से जाना जाता है, क्योंकि उनकी एक शतकीय पारी के दौरान ही स्टेडियम में रेत की आंधी चलने लगी थी जिसके चलते मैच का कुछ समय बर्बाद हुआ था। संयुक्त अरब अमीरात के मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक सितंबर और अक्टूबर महीने में भी रेत की आंधी आ सकती है।
वरिष्ठ खेल पत्रकार विजय लोकपल्ली के मुताबिक कोरोना संक्रमण के चलते जिस तरह से लंबे समय के बाद खिलाड़ियों को मैदान में प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है, उसमें कोई भी चुनौती उन्हें ज़ोरदार प्रदर्शन करने से रोक नहीं पाएगी।
विजय लोकपल्ली बताते हैं, 'कोरोना संक्रमण का डर के बीच एहतियात के तमाम प्रावधान हैं। पहले की तरह घूमने-फिरने, मिलने बैठने की आज़ादी भी नहीं होगी। पार्टी करने वाला माहौल ग़ायब होगा। दर्शकों का शोर भी नहीं होगा। बस होगा तो केवल क्रिकेट का रोमांच।'
इस क्रिकेट के रोमांच के साथ दुनिया भर में लॉकडाउन के चलते अपने घरों में सिमटे लोगों को अपने अपने टीवी सेट पर इस रोमांच को देखने का वक्त भी होगा। लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि इस भले स्टेडियम में दर्शक नज़र नहीं आएंगे लेकिन व्यूअरशिप के सबसे ज़्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है।