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टूलकिट विवाद: संबित पात्रा ने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ शेयर कर कांग्रेस पर आरोप लगाया?

हमें फॉलो करें टूलकिट विवाद: संबित पात्रा ने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ शेयर कर कांग्रेस पर आरोप लगाया?

BBC Hindi

, शनिवार, 22 मई 2021 (10:49 IST)
कीर्ति दुबे (बीबीसी संवाददाता)
 
संबित पात्रा बीजेपी के पहले ऐसे राष्ट्रीय प्रवक्ता बन गए हैं जिनके ट्वीट को ट्विटर ने 'मैनिपुलेटेड मीडिया' की श्रेणी में रखा गया है। मैनिपुलेटेड मीडिया मतलब ऐसी तस्वीर, वीडियो या स्क्रीनशॉट जिसके ज़रिए किए जा रहे दावों की प्रमाणिकता को लेकर संदेह हो और इसके मूल रूप को एडिट किया गया हो या उससे छेड़छाड़ की गई हो।
 
ये सब कुछ हुआ बीजेपी के एक दावे को लेकर जिसमें संबित पात्रा सहित बीजेपी के कई नेताओं ने विपक्षी कांग्रेस पार्टी पर कोविड-19 महामारी को लेकर टूलकिट के ज़रिए मोदी सरकार की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया।
 
इस पूरे मामले को समझने के लिए पहले जानते हैं कि 3 दिन पहले क्या कुछ हुआ था।
 
18 मई को बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और बीजेपी के महासचिव बीएल संतोष ने 4-4 पेज के अलग-अलग 2 डॉक्यूमेंट के स्क्रीनशॉट ट्वीट किए। इनमें से एक डॉक्यूमेंट कोविड-19 को लेकर था और दूसरा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर।
 
इन ट्वीट्स में दावा किया गया कि ये कांग्रेस का टूलकिट है और कांग्रेस ने देश में कोरोना महामारी को लेकर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए ये टूलकिट तैयार किया है।
 
आरोप लगाया गया कि इस टूलकिट के ज़रिए पार्टी ने अपने वॉलिंटियर्स और कार्यकर्ताओं को कहा कि मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए उन्हें धर्म विशेष को टारगेट करते हुए 'सुपर स्प्रेडर कुंभ' और वायरस के म्यूटेन्ट स्ट्रेन के लिए 'मोदी स्ट्रेन' जैसे शब्दों का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर करें, लेकिन ईद को 'हैप्पी सोशल गैदरिंग' की तरह पेश करना है।
 
कांग्रेस पर मोदी की छवि बिगाड़ने का आरोप
 
बीजेपी नेता ने कांग्रेस पर ये भी आरोप लगाया कि पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर मदद मांग रहे लोगों से संपर्क करके उन्हें कांग्रेस के हैंडल को टैग करने के लिए कहा है, और ऐसा करने पर ही मदद देनी है।
 
दावों के अनुसार इस तरह की और भी कई सारी बातें इन 4 पेज के डॉक्यूमेंट में लिखी गई हैं।
 
इन ट्वीट और स्क्रीनशॉट को #CongressToolkitExposed हैशटैग के साथ संबित पात्रा सहित कई बीजेपी नेताओं और पार्टी समर्थकों ने ट्वीट किया।
 
इतना ही नहीं बीजेपी के कई केंद्रीय नेता जैसे स्मृति ईरानी, डॉ. हर्षवर्धन, पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू ने भी इस हैशटैग के साथ 18 मई को ही ट्वीट किए।
 
संबित पात्रा और बीएल संतोष ने कांग्रेस का बताते हुए जो 'कोविड-19 मिसमैनेजमेंट टूलकिट' ट्वीट किया था उसे ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) रिसर्च डिपार्टमेंट के लेटरहेड पर तैयार किया गया था।
 
18 मई को कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख राजीव गौड़ा ने ट्वीट किया और कहा, 'बीजेपी 'कोविड-19 मिसमैनेजमेंट' को लेकर फ़ेक 'टूलकिट' कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के नाम से फैला रही है। हम इस धोखाधड़ी पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संबित पात्रा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर कर रहे हैं।'
 
कांग्रेस ने संबित पात्रा, बीएल संतोष, जोपी नड्डा, स्मृति ईरानी और अन्य बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है।
 
इसके एक दिन बाद यानी 19 मई को संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस डॉक्यूमेंट को बनाने वाली सौम्या वर्मा हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि 'कांग्रेस बताए की सौम्या वर्मा कौन है?'
 
ये बताने के लिए कि सौम्या वर्मा कांग्रेस के साथ काम करती हैं, संबित पात्रा ने सेंट्रल विस्टा वाले डॉक्यूमेंट का मेटाडेटा सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें डॉक्यूमेन्ट की ऑथर के नाम की जगह पर सौम्या वर्मा का नाम है।
 
इसके बाद उन्होंने राजीव गौड़ा और राहुल गांधी के साथ ली गई सौम्या वर्मा की तस्वीरें और उनका लिंकइन अकाउंट साझा किया।
 
इस अकाउंट के बायो में जानकारी दी गई थी कि सौम्या राजीव देवगौड़ा के लिए काम करती हैं।
 
कोविड-19 टूलकिट हमने बनाया ही नहीं: कांग्रेस
 
इस मुद्दे पर बीबीसी ने कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख राजीव गौड़ा से बात की।
 
उन्होंने बताया कि 'सेंट्रल विस्टा पर जिस डॉक्यूमेंट की बात हो रही है वो हमारी टीम ने बनाया है जो लीक होकर बीजेपी तक पहुंचा। लेकिन कोविड-19 को लेकर जो टूलकिट बनाया गया है वो पूरी तरह फ़र्ज़ी है।'
 
'हमने कभी ऐसा कोई डॉक्यूमेंट बनाया ही नहीं। जब देश में इतना बड़ा संकट है और कितना कुछ करने को है तो बीजेपी वो ना करके यूथ कांग्रेस के किए गए काम को बदनाम करने में लगी है और लोगों का ध्यान मूल मुद्दो से भटका रही है।'
 
उन्होंने कहा, 'सौम्या वर्मा हमारी टीम का हिस्सा हैं और उन्होंने सेंट्रल विस्टा पर रिसर्च डॉक्यूमेंट बनाया है जिसका ज़िक्र संबित पात्रा ने अपने ट्वीट में किया है। लेकिन कोविड-19 को लेकर टूलकिट बनाने का जो आरोप उन्होंने लगाया है वो सरासर ग़लत है। ये कांग्रेस का है ही नहीं।'
 
राजीव गौड़ा ने बीबीसी के साथ सेंट्रल विस्टा पर कांग्रेस के तैयार किए गए डॉक्यूमेंट साझा किए। डॉक्यूमेन्ट पढ़ने पर पता चला कि ये पूरा डॉक्यूमेंट 4 नहीं बल्कि 6 पन्नों का है लेकिन बीजेपी नेता ने इसके 4 पन्ने ही शेयर किए हैं।
 
इसका मेटाडेटा निकालने पर हमें वही जानकारी मिली जो संबित पात्रा ने शेयर की थी। इस डॉक्यूमेंट को बनाने वाली सौम्या वर्मा हैं और इसे 7 मई 2021 को बनाया गया था।
 
लेकिन ग़ौर करने वाली बात ये है कि संबित पात्रा ने भी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की जानकारी में ही सौम्या वर्मा के नाम का ज़िक्र किया है।
 
सोशल मीडिया पर कोविड-19 टूलकिट की चर्चा सबसे ज़्यादा है ज़रूर लेकिन बीजेपी या संबित पात्रा ने अब तक उसकी कोई जानकारी नहीं दी है। यानी सौम्या वर्मा नाम की शख्स ने सेंट्रल विस्टा पर डॉक्यूमेंट बनाया है लेकिन 'कोविड मिसमैनेजमेंट टूलकिट' किसने बनाया है ये अब तक नहीं पता है।
 
तो बीजेपी ने शेयर किया फर्जी टूलकिट?
 
दूसरी अहम बात ये कि सेंट्रल विस्टा पर जो डॉक्यूमेंट टूलकिट बता कर शेयर किए जा रहे हैं वो दरअसल टूलकिट नहीं बल्कि एक रिसर्च डॉक्यूमेंट है जिसमें सेंट्रल विस्टा प्रोजक्ट के कारण होने वाले नुक़सान की बात कही गई है।
 
जबकि टूलकिट दरअसल वो डॉक्यूमेंट होता है जिसमें एक्शन प्वाइंट दिए गए होते हैं कि कैसे किसी मुद्दे पर आगे बढ़ना है।
 
एक और बड़ा अंतर जो बीजेपी के शेयर किए गए कोविड-19 टूलकिट को फ़र्ज़ी बताता है वो ये कि बीजेपी ने 4-4 स्क्रीनशॉट के साथ 2 डॉक्यूमेंट शेयर किए हैं जिसमें एक का शीर्षक है- सेंट्रल विस्टा रिडेवेलपमेंट और दूसरे का शीर्षक है कॉर्नरिंग मोदी एंड बीजेपी ऑन कोविड मिसमैनेजमेंट।
 
दोनों ही डॉक्यूमेंट ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी रिसर्च डिपार्टमेंट के लेटरहेड पर तैयार किए गए हैं।
 
लेकिन इस लेटरहेड को कांग्रेस के दिए गए डॉक्यूमेंट के लेटरहेड से मिलाते हैं तो सेंट्रल विस्टा डॉक्यूमेंट का लेटरहेड तो इससे मिलता है लेकिन कोविड मिसमैनेजमेंट के टूलकिट पर जो लेटरहेड का फ़ॉन्ट है वो असली लेटरहेड से काफ़ी अलग है। इसे देखकर साफ़ पता चलता है कि इसमें छेड़छाड़ की गई है।
 
एक अहम बात ये भी है कि संबित पात्रा और बीजेपी नेताओं कांग्रेस की बनाई टूलकिट बता कर जो 2 डॉक्यूमेंट शेयर किए हैं उसके केवल स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं, न कि उनके पीडीएफ़ या वर्ल्ड फ़ाइल। ऐसे में उसका मेटाडेटा निकाला नहीं जा सका और ऑथर का पता नहीं चल सकता।
 
ऐसे में बीजेपी ने कोविड-19 मिसमैनेजमेंट को लेकर जो डॉक्यूमेंट सोशल माडिया पर शेयर किया है वो कई स्तर पर फ़र्ज़ी साबित होता है। लेकिन इसे असल में किसने तैयार किया है इसका ठीक-ठीक जवाब अब तक नहीं मिल पाया है।

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