Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास गोलीबारी के बीच कैसे रहते हैं लोग

हमें फॉलो करें कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास गोलीबारी के बीच कैसे रहते हैं लोग

BBC Hindi

, गुरुवार, 15 अक्टूबर 2020 (10:24 IST)
रियाज़ मसरूर (बीबीसी संवाददाता, श्रीनगर)
 
भारत प्रशासित कश्मीर के उड़ी सेक्टर के एक गांव चुरांदा में उदासी पसरी हुई है। यह गांव नियंत्रण रेखा यानी एलओसी पर मौजूद एक पहाड़ी की ऊंचाई पर स्थित है। भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच अक्सर होने वाली गोलीबारी का ख़ामियाजा इस गांव के लोगों को भुगतना पड़ता है। इसकी वजह से अब तक दोनों ही तरफ सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। सीमा पर व्याप्त इस तनावपूर्ण माहौल के 63 साल के ज़हूर अहमद सबसे हालिया शिकार बने हैं। पिछले महीने उन्होंने अपनी पत्नी को एक मोर्टार हमले में खो दिया जो उनके दरवाज़े पर आकर गिरा था।
 
ज़हूर अपने दरवाजे पर खड़े होकर घने जंगल वाली पहाड़ियों की तरफ इशारा करते हुए बताते हैं, 'वो कश्मीर का पाकिस्तानी हिस्सा है। गांव का नाम ख़्वाजा बंदी है। हम हमेशा आग के दरिया के पास रहते हैं।' वो बताते हैं कि उनकी बीवी दरवाज़े पर मुर्गियों को दाना डाल रही थीं जब चट्टानों के पीछे से एक मोर्टार आकर उन्हें लगा। ज़हूर बताते है, 'जब तक हम उन्हें अस्पताल ले जाने के बारे में सोचते तब तक वो दम तोड़ गई।'
 
घायलों को अस्पताल के जाने की दुश्वारियों के बारे में वो कहते हैं कि 20 मील पहाड़ी के नीचे उबड़-खाबड़ सड़क है जिस पर गाड़ी नहीं चल सकती, उससे किसी घायल को ले जाना लगभग नामुमकिन काम है। वो कहते हैं, 'यहां कभी सड़क नहीं बनी। यह पहाड़ी के बीच से निकला सिर्फ़ एक पगडंडी जैसा रास्ता है। हमें खाट पर लाद कर किसी घायल को जंगलों से होते हुए उड़ी में मौजूद अस्पताल तक ले जाना होता है।'
 
बंकर बनाने का आदेश
 
चुरांदा गांव के गांववालों और बगल के भट्ट ग्रैन इलाके के लोगों ने बताया कि सालों से यहां पर फ़ौज की एक बड़ी छावनी रही है। गांव के सज्जाद हुसैन बताते हैं, 'पाकिस्तानी फ़ौज लंबे समय से उसे निशाना बनाती रही है। वो अब भी यह सोच कर हमला करते रहते हैं कि यहां कैंप मौजूद है लेकिन भारतीय फ़ौज ने यह जगह काफी पहले छोड़ दी थी। दूसरी तरफ से किए जा रहे हमले के शिकार हम लोग होते हैं।'
 
ताज़ा मामले में महिला की हुई मौत ने सीमा पार के दोनों गांवों में चिंता की लकीरें खींच दी हैं। गांव के कुछ बुजुर्गों ने अधिकारियों से सुरक्षा को लेकर एहतियाती क़दम उठाने की गुहार लगाई ै। सरकार ने इस पर फौरन कदम उठाए हैं और गांव में बंकर बनाने के आदेश दिए हैं।
 
मंज़ूर अहमद एक स्थानीय कार्यकर्ता हैं और वो ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर भी काम करते हैं। वो बताते हैं, 'गांव वाले इस बात को जानकर खुश हुए थे बंकर बनाए जाएंगे लेकिन इस योजना को लेकर कुछ समस्याएं हैं। काम की गति बहुत धीमी है और छिटपुट गोलीबारी यहां होती ही रहती है।' कुछ जगहों पर बंकर बनाए तो जा रहे हैं लेकिन वहां काम अब भी बिलकुल शुरुआती दौर में है।
 
बंकर बनाने में देरी क्यों?
 
ज़हूर के बेटे जावेद अहमद फ़ौज में माल ढोने का काम करते हैं। जावेद बताते हैं, 'फ़ौज के अधिकारी हमारे ऊपर काफी मेहरबान है। उन्होंने हमें 50 हज़ार रुपए दिए और हमारे दरवाज़े के बाहर बंकर बनाना शुरू किया है। सरकारी कामों में बहुत समय लगता है कि लेकिन हम फौरन मदद पहुंचाने के लिए फ़ौज के प्रति शुक्रगुजार है।'
 
जब हमने उड़ी के उप जिला मजिस्ट्रेट रियाज़ मलिक से पूछा कि बंकर बनाने में इतना वक़्त क्यों लग रहा है तो उन्होंने बताया कि ठेकेदारों ने मुश्किल इलाके का हवाला देते हुए इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। उन्होंने दोनों तरफ से होने वाली गोलीबारी का भी जोखिम बताया। रियाज़ मलिक ने कहा,'अब हमने स्थानीय लोगों को इस काम में लगाया है और काम चल रहा है।'
 
नियंत्रण रेखा
 
नियंत्रण रेखा मानचित्र पर दिखने वाली सिर्फ एक लाइन भर नहीं है। यह 650 मील लंबा और 25 मील चौड़ा एक क्षेत्र है जिसमें हज़ारों लोगों दोनों तरफ रहते हैं। यहां रहने वाले हमेशा ख़ौफ़ के साए में जीते हैं। भारत और पाकिस्तान 2003 में संघर्ष विराम को लेकर सहमत हुए थे लेकिन तनाव फिर भी बरकरार रहा और दोनों एक-दूसरे पर संघर्ष विराम को तोड़ने का आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं।
 
पिछले महीने भारत के गृहमंत्री ने संसद में कहा था कि पाकिस्तान ने इस साल अब तक 9 महीनों में 3000 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। हालांकि जम्मू-कश्मीर के पुंछ, राजौरी, साम्बा, आरएस पुरा और कठुआ ज़िले में दो साल पहले ही सामुदायिक बंकरों का निर्माण पूरा हो चुका है। इस साल की गर्मियों में बंकर बनाने की ये योजना घाटी के बारामूला और कूपवाड़ा जिलों तक भी बढ़ा दी गई है।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मास्क पहनकर लूट की घटना को अंजाम देते अपराधी