बीते 18 मार्च से फरार चल रहे 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। पंजाब पुलिस उन्हें स्पेशल प्लेन से असम के डिब्रूगढ़ ले जा रही है। पंजाब पुलिस ने ट्वीट कर कहा, ''अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा से गिरफ्तार किया गया है।''
बीबीसी हिंदी के सहयोगी पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन के मुताबिक़ अमृतपाल सिंह को मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया है। जरनैल सिंह भिंडरांवाले भी इसी गांव के रहने वाले थे। इसी गांव में उन्हें ''वारिस पंजाब दे'' का मुखिया बनाया गया था।
रविंदर बताते हैं कि गिरफ़्तारी से पहले अमृतपाल सिंह ने गुरुद्वारे के ग्रंथी से पांच ककार(केश, कृपाण, कंघा, कड़ा और कच्छा) लेकर पहने और लोगों को संबोधित किया। उसने अपने संबोधन में कहा कि उस पर झूठे केस दर्ज किए गए हैं। इसकी एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी डाली गई है।
संबोधन के बाद पंजाब पुलिस ने गुरुद्वारे के बाहर से अमृतपाल सिंह को गिरफ़्तार किया।
पुलिस ने 18 मार्च को 'अजनाला थाने का घेराव' मामले में अमृतपाल सिंह और उसके साथियों को जालंधर के शाहकोट-मलसियान रोड पर गिरफ़्तार करने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाका तोड़कर फरार हो गए थे।
पंजाब पुलिस ने नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का अनुरोध किया है। साथ ही लोगों से कहा है कि वे कोई भी फर्जी ख़बर साझा न करें और साझा करने से पहले ख़बरों को सत्यापित कर लें।
हालांकि अमृतपाल सिंह के 8 लोग अभी भी असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। इन लोगों पर एनएसए लगाया गया है। अमृतपाल सिंह के ख़िलाफ़ भी एनएसए सहित 16 मामले दर्ज हैं।
उन पर और उनके साथियों पर समाज में शत्रुता फैलाने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और सरकारी कर्मियों के काम करने में बाधा डालने के मामले दर्ज हैं।
फरार रहने के दौरान अमृतपाल सिंह के कथित रूप से वेष बदलकर कई शहरों में घूमने की तस्वीरें और वीडियो मीडिया के ज़रिए सामने आई थीं। हालांकि पुलिस ने कभी भी इन वीडियो या तस्वीरों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
सुर्खियों में कैसे आया?
23 फरवरी को पंजाब के अमृतसर के नज़दीक अजनाला में 'वारिस पंजाब दे' के समर्थकों ने एक थाने पर हमला कर दिया था। बंदूकों और तलवारों से लैस 'वारिस पंजाब दे' समर्थक वहां इस संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथी लवप्रीत सिंह तूफान को छुड़ाने के लिए पहुंचे थे। समर्थक पुलिसबलों से भिड़ गए थे। इस झड़प में एक पुलिस अफ़सर समेत छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
समर्थकों के साथ अमृतपाल सिंह भी थाने पहुंचे था। उसने पुलिस को 'अल्टीमेटम' दिया था और उनके हज़ारों समर्थकों ने थाने में इतना हंगामा किया था कि पुलिस को लवप्रीत सिंह को रिहा करने का आश्वासन देना पड़ा। अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों के सामने पुलिस बेबस दिखाई दे रही थी।
अमृतपाल सिंह कौन हैं?
पंजाब की राजनीति में पिछले कुछ समय से अमृतपाल सिंह चर्चा में हैं। 29 साल के अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक माना जाता है। वह पिछले साल एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिंह सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' संगठन की कमान संभालने दुबई से लौटे था। पिछले साल ही अमृतपाल सिंह को दीप सिंह सिद्धू की ओर से गठित संगठन 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख चुना गया था।
मशहूर पंजाबी एक्टर दीप सिंह सिद्धू किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे। बाद में एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी।
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में अमृतपाल सिंह ने बताया था कि उनका जन्म और पालन-पोषण अमृतसर के जादूखेड़ा गांव में हुआ है। उसकी शादी 10 फरवरी 2023 को बाबा बकाला में हुई थी।
अमृतपाल सिंह के मुताबिक़ स्कूली शिक्षा के बाद वह रोज़गार की तलाश में अरब चला गया। उसका कहना है कि वह आसानी से लोगों से घुलता-मिलता नहीं हैं और न ही उसके ज़्यादा दोस्त हैं।
एक इंटरव्यू के मुताबिक़, अमृतपाल ने दावा किया कि दुबई में रहते हुए उसने वहां की वो मशहूर इमारतें भी नहीं देखीं, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। पढ़ाई के बारे में उसका कहना है कि स्कूल के दौरान उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था और इसके बाद वे दुबई चले गए जिसके बाद उन्हें दोबारा समय नहीं मिला।
हालांकि, एक दूसरे इंटरव्यू में उसने कहा था कि उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज में भी तीन साल बिताए लेकिन कभी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल नहीं की।