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गोवा के वो 10 ज़ायके जिन्हें आप भूल नहीं पाएंगे

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, मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018 (11:22 IST)
- क्रिस्टीन वुकोविच (बीबीसी गुड फ़ूड)
 
दुनिया के हर देश की अपनी ख़ूबसूरती होती है। कहीं ऊंचे पहाड़ हैं तो कहीं बर्फ़ है तो कहीं लंबे-चौड़े रेगिस्तान। इन जगहों पर किसी ख़ास मौसम का ही मज़ा लिया जा सकता है। लेकिन हिंदुस्तान शायद दुनिया का ऐसा देश है जहां पहाड़, रेगिस्तान, ठंडे इलाके, गर्म इलाके, समुद्र के ख़ूबसूरत साहिल वग़ैरह सभी मौजूद हैं।
 
ये हमारी ख़ुशकिस्मती है कि हम पूरे साल देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर हरेक मौसम का मज़ा ले सकते हैं। शायद भारत की यही विविधता दुनिया भर के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। अगर आपको समुद्री साहिल पसंद हैं तो गोवा आपके लिए बेहतरीन जगह है। इलाके के लिहाज़ से गोवा भारत का सबसे छोटा और आबादी के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने ख़ूबसूरत समुद्री किनारों के लिए जाना जाता है।
 
गोवा पहले पुर्तगाल का उपनिवेश था। उन्होंने यहां क़रीब 450 साल तक शासन किया। 1961 में गोवा को भारत ने पुर्तगाल से आज़ाद कराया। चूंकि यहां लंबे समय तक पुर्तगालियों ने शासन किया है, लिहाज़ा यहां के लोगों पर यूरोपीय संस्कृति का प्रभाव ज़्यादा है। यहां की वास्तुकला में भी पुर्तगाली असर साफ़ नज़र आता है। यहां बड़ी संख्या में ईसाई धर्म के मानने वाले रहते हैं। चूंकि गोवा समुद्र किनारे बसा है, लिहाज़ा हरियाली और पानी का मेल इसकी ख़ूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।
 
यहां छोटे-बड़े क़रीब 40 समुद्री तट हैं। सावन के मौसम में तो यहां का नज़ारा और भी हसीन होता है। बारिश के दिनों से ही यहां सैलानियों की भीड़ जुटनी शुरू होती है। नए साल का जश्न मनाने तक सैलानी आते रहते हैं। चूंकि ये इलाक़ा समुद्र के किनारे बसा है लिहाज़ा यहां सी-फ़ूड बड़े पैमाने पर खाने को मिलता है। ऐसे में शाकाहारियों के लिए यहां थोड़ी मुश्किल हो सकती है। लेकिन जो लोग मांसाहारी हैं उनकी तो यहां बल्ले-बल्ले है।
 
अगर आप गोवा जाने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो हम आपकी थोड़ी-सी मदद कर सकते हैं। हम आपको बताएंगे गोवा आने पर आपको कौन से खानों का ज़ायक़ा ज़रूर लेना चाहिए।
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पोर्क विंडालू-
बुनियादी तौर पर ये पकवान पुर्तगाली है, लेकिन इसे ख़ालिस हिंदुस्तानी अंदाज़ में बनाया जाता है। ये सूअर के गोश्त, अदरक और शराब से तैयार होता है। इस में लाल मिर्च और दूसरे मसाले भी डाले जाते हैं।
 
क्रैब एक्सिक-
ये पकवान केकड़े के गोश्त से तैयार होता है। इसमें शोरबा थोड़ा गाढ़ा होता है जिसमें नारियल और तेज़ मसाले डाले जाते हैं। इसे चावल और रोटी के साथ परोसा जाता है। जो लोग तेज़ मसालों के शौक़ीन हैं उन्हें ये डिश ख़ूब भाती है।
 
प्रॉन बावचाओ- 
गोवा के लोग झींगे का इस्तेमाल ख़ूब करते हैं। बुनियादी तौर पर ये पकवान झींगे से ही तैयार होता है, लेकिन इसे ज़ायक़ेदार बनाने के लिए इसमें भुना हुआ प्याज़, नारियल ताड़ी का सिरका, टमाटर और मिर्च डाली जाती हैं।
 
साना- 
ये स्टीम किए गए चावल से बनती है। बहुत से लोग इसे इडली के नाम से भी जानते हैं। इसे आम तौर पर गोवा करी के साथ खाया जाता है। ये नमकीन और मीठी दोनों तरह की होती है। मीठी साना गुड़ या शक्कर से बनाई जाती है।
 
गोअन रेड राइस-
इन्हें उकड़ा राइस भी कहा जाता है। अलग-अलग तरह के खानों का शौक़ रखने वालों के बीच ये पकवान काफ़ी लोकप्रिय है। बिना पॉलिश वाले चावलों को नारियल करी में बनाया जाता है।
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कोरिस पाऊ- 
ये ख़ालिस पुर्तगाली ब्रेड है जिसे मिर्च वाली पोर्क सॉसेज से तैयार किया जाता है। 
 
पोई- 
गोवा में पुर्तगाल का अधिक प्रभाव होने की वजह से यहां तरह-तरह की ब्रेड खाने का रिवाज़ आम है। लेकिन जो ब्रेड सबसे ज़्यादा मशहूर है उसका नाम है पोई। ये पाव की शक्ल में होती है। इसमें ख़मीर पैदा करने करने के लिए स्थानीय ताड़ी मिलाई जाती है।
 
किंगफ़िशर- 
आप गोवा जाएं और किंगफ़िशर का ज़ायक़ा ना लें तो आपका गोवा ट्रिप मानो अधूरा रहा। स्थानीय लोग इसे विस्वान के नाम से जानते हैं। इसे कच्चा ही आग पर सेंका जाता है। सेंकने से पहले इस पर मसालों के साथ सूजी लगाई जाती है ताकि ये बाहर से कुरमुरी सिंके और अंदर से रसीली और मुलायम रहे। इफ़रात नारियल के साथ इसकी करी भी तैयार की जाती है।
 
फ़ेनी- 
फ़ेनी गोवा के खानों की ख़ास पहचान है। ये काजू से तैयार होती है। कैश्यू फ़ेनी सिर्फ़ गोवा में ही चखने को मिलती है। दरअसल पुर्तगाली लोग इसे बहुत चाव से खाते थे। भारत में काजू सबसे पहले पुर्तगाली ही अपने साथ लेकर आए थे। उन्होंने बड़े पैमाने पर यहां काजू के पौधे लगाए थे। यही वजह है कि गोवा में काजू ख़ूब पैदा होता है। इसके अलावा दक्षिण गोवा में नारियल फ़ेनी काफ़ी पसंद की जाती है। ये नारियल के पेड़ से निकलने वाली ताड़ी की मदद से तैयार होती है।
 
बेबिनका- 
ये गोवा का मशहूर केक है जो नारियल की कई तहें लगाकर तैयार किया जाता है। इस केक से एक कहानी वाबस्ता है। कहा जाता है कि इसे पुराने गोवा में बिबिओना नाम की एक नन ने तैयार किया था। इसे तैयार करने में काफ़ी समय लगता है।
 
ये तो हुई खाने की बात चलिए अब कुछ दूसरी ज़रूरी बातें आपको बताते हैं।
 
गोवा आने पर कोकम का स्वाद ज़रूर लीजिएगा। ये लाल रंग वाला एक ख़ास तरह का फल है जो साहिली इलाक़ों में ही पाया जाता है। स्वाद में बहुत खट्टा होता है। इसमें विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट काफ़ी मात्रा में होते हैं। गर्मी में ये शरीर को ठंडा रखता है। इसे फल के तौर पर कच्चा भी खा सकते हैं। चाहें तो जूस निकाल कर पी भी सकते हैं। झींगे, केकड़े और मछली में खट्टा ज़ायक़ा लाने के लिए कोकम का जूस मिलाया जाता है। खाना ख़त्म करने के बाद इसे बर्फ़ के साथ परोसा जाता है।
 
अगर आप गोवा जाएंगे तो थोड़ी बहुत शॉपिंग तो करेंगे ही। गोवा के खाने की तरह यहां के बाज़ार भी विचित्र हैं। यहां का सबसे मशहूर स्थानीय बाज़ार है मापुसा। इस बाज़ार में आपको गोवा में मिलने वाली हरेक चीज़ माक़ूल दाम पर मिल जाएगी। इसके अलावा अनजुना फ़्ली मार्केट और कलांगुटे मार्केट स्क्वेयर भी गोवा के अहम बाज़ारों में शामिल हैं।
 
अगर आप गोवा की संस्कृति को नज़दीक से जानने के ख़्वाहिशमंद हैं तो थोड़ा वक़्त यहां के स्थानीय लोगों के साथ भी ज़रूर गुज़ारिए। यहां के लोग बहुत मिलनसार हैं। वो आपको गोवा से जुड़ी ऐसी-ऐसी दिलचस्प बातें बताएंगे जो आपको कहीं और सुनने या पढ़ने को नहीं मिलेंगी। यहां के लोगों का इतिहास पुर्तगाली रहा है। अपने अतीत की यादें इनके दिलो दिमाग़ में आज भी ज़िंदा हैं। जब ये अपने माज़ी को याद करके क़िस्से कहानियां सुनाते हैं तो इनके चेहरे की चमक देखने लायक़ होती है।
 
हम तो आप से यहीं कहेंगे मौक़ा लगे तो ज़िंदगी में कम से कम एक बार गोवा ज़रूर घूम आएं। यक़ीन जानिए ये एहसास जन्नत की सैर जैसा होगा।

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