अब साबित हो गया, दिमागी बीमारी है 'भूत'

Webdunia
शनिवार, 7 अक्टूबर 2017 (11:46 IST)
- रेबेका मोरेली (बीबीसी वर्ल्ड सर्विस)
जब कोई आस-पास न हो तब ऐसी अनुभूति कि कहीं कोई है या भूत होने का अहसास सिर्फ़ दिमागी ख़लल है। यह बात शायद आप भी पहले से जानते, मानते हों लेकिन अब इसे एक शोध से साबित किया गया है। यह शोधपत्र करंट बायोलॉजी जनरल में प्रकाशित हुआ है।
 
पैरानॉर्मल या असामान्य अनुभूतियों की कई कहानियां हैं और इनमें अक्सर अदृश्य भूत की बात की जाती है। स्विस फ़ेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (ईपीएफ़एल) की डॉक्टर जूलियो रोनिनि कहते हैं, "यह अनुभूति बहुत जीवंत होती है। वह किसी को महसूस कर सकते हैं लेकिन उसे देख नहीं सकते। हमेशा किसी के होने का अहसास रहता है।"
 
प्रयोग : सामान्यतः ऐसा चरम परिस्थितियों में रहने वालों के साथ होता है जैसे कि पर्वतारोही और खोजी। इसके अलावा कुछ न्यूरॉलॉजिकल दिक्कत वाले लोगों के साथ भी ऐसा हो सकता है।
 
वह बताते हैं, "आश्चर्यजनक बात यह है कि वह बार-बार बताते हैं कि जो काम वह कर रहे हैं या किसी ख़ास क्षण में जो मुद्राएं वह बना रहे हैं वहां 'मौजूद चीज़' पर उसे दोहराती है। तो रोगी अगर बैठा हुआ है तो उसे महसूस होता है कि 'मौजूद चीज़' भी बैठी हुआ है। अगर वह खड़ा है तो 'मौजूद चीज़' भी खड़ी होगी।"
 
शोधकर्ताओं ने 12 ऐसे लोगों के दिमाग को स्कैन किया जिन्हें न्यूरोलॉजिकल विकार था और जिन्होंने भूत की मौजूदगी को अनुभव करने के बारे में बताया था।
 
शोधकर्ताओं को पता चला कि इन मरीज़ों के दिमाग़ के उस हिस्से में चोट लगी हुई थी, जिसका संबंध आत्मबोध, हरकत, और किसी स्थान में शरीर की स्थिति से होता है। बाद में और परीक्षणों में वैज्ञानिकों ने 48 स्वस्थ स्वयंसेवकों को चुना जिन्हें पहले पैरानॉर्मल का कोई अनुभव नहीं हुआ था।
 
इन लोगों के दिमाग़ के उस हिस्से तक नसों से पहुंचने वाले संदेशों में बदलाव किया गया। उन्होंने इन लोगों की आंखों पर पट्टी बांध दी और उन्हें एक रोबोट को चलाने को कहा। जब वह यह कर रहे थे तो उसी वक्त एक अन्य रोबोट ने प्रतिभागियों की पीठ पर ठीक उन्हीं हरकतों को पाया।
 
जब प्रतिभागियों के शरीर पर आगे और पीछे एक ही वक्त पर हरकत हुई तो उन्हें कुछ भी अजीब महसूस नहीं हुआ।
लेकिन जब इन हरकतों के बीच समय अंतराल था, एक तिहाई प्रतिभागियों को कमरे में भूतिया अहसास हुआ और कुछ को तो चार भूतों तक के होने की अनुभूति हुई। दो प्रतिभागियों को यह अनुभव इतना अजीब लगा कि उन्होंने इस प्रयोग को रोक देने को कहा।
 
'भ्रम'
शोधकर्ताओं का मानना है कि जब लोग भूतों की उपस्थिति को अनुभव कहते हैं तब दिमाग भ्रमित हो रहा होता है। यह शरीर की स्थिति का गलत अनुमान लगाता है और ऐसा मानता है कि यह किसी और का है। 
 
डॉक्टर रोनिनि कहते हैं, "हमारा दिमाग किसी स्थान में हमारे शरीर को कई जगह रखता है।" "सामान्य परिस्थितियों में यह इनके आधार पर खुद की तैयार की हुई एक सम्मिलित छवि को जोड़कर रखता है।"
 
"लेकिन जब बीमारी के चलते सिस्टम में गड़बड़ी होती है, या इस मामले में रोबोट के चलते, तो कभी-कभी यह अपने ही शरीर की एक और छवि बनाता है, जिसे वह 'स्वयं' के रूप में नहीं बल्कि किसी और, 'मौजूद चीज़' के रूप में करता है।"
 
शोधकर्ताओं का कहना है कि उनके शोध परिणामों से सिज़ोफ़्रेनिया जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियों को समझने में बेहतर मदद मिल सकती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में STF को बड़ी कामयाबी, शूटर शिवकुमार बहराइच से गिरफ्तार, 4 अन्य भी पकड़े गए

कौन है आतंकी अर्श डल्ला, जिसे कनाडा पुलिस ने किया गिरफ्तार

Maharashtra Election : 500 में सिलेंडर, महिलाओं को 3000 और जातीय जनगणना का वादा, महाराष्ट्र के लिए MVA का घोषणा पत्र

योगी ने अखिलेश के PDA का भी कर दिया नामकरण, प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई एंड अपराधी

मल्लिकार्जुन खरगे ने PM मोदी पर साधा निशाना, लाल किताब को लेकर दिया यह बयान...

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

तगड़े फीचर्स के साथ आया Infinix का एक और सस्ता स्मार्टफोन

Infinix का सस्ता Flip स्मार्टफोन, जानिए फीचर्स और कीमत

Realme P1 Speed 5G : त्योहारों में धमाका मचाने आया रियलमी का सस्ता स्मार्टफोन

जियो के 2 नए 4जी फीचर फोन जियोभारत V3 और V4 लॉन्च

2025 में आएगी Samsung Galaxy S25 Series, जानिए खास बातें

अगला लेख
More