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एक विकसित देश जहां हर पांच मिनट में चोरी हो जाती है एक कार

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BBC Hindi

, गुरुवार, 11 जुलाई 2024 (08:00 IST)
नदीन यूसिफ़, बीबीसी न्यूज़, टोरंटो
अक्टूबर, 2022 की एक सुबह जब लोगन लाफरनियर सोकर उठे तो उन्होंने देखा कि जहां उनकी 'रैम रिबेल ट्रक' पार्क होती थी, वो जगह खाली है। उनकी नई गाड़ी गायब थी। लोगन का घर कनाडा में ओंटारियो के मिल्टन शहर में है।
 
जब उन्होंने सिक्योरिटी कैमरा देखा तो पाया कि कैसे रात के अंधेरे में हूडी पहने दो लोग पिकअप में घुसते हैं और आसानी से गाड़ी ले जाते हैं।
 
कुछ महीने बाद, वही गाड़ी घाना में बिक्री के लिए उपलब्ध गाड़ियों की एक वेबसाइट पर देखी गई। घाना लोगन के घर से समंदर पार क़रीब 8,500 किलोमीटर दूर है। लोगन को पूरी तरह से भरोसा था कि ये गाड़ी उन्हीं की है।
 
उन्होंने बीबीसी को बताया, "ड्राइवर सीट के पीछे हमने एक लैपटॉप होल्डर अपने बेटे के लिए लगाया था, उसमें जो कचरा था वो बेटे ने ही वहां डाला था। जिस तरह की अस्त-व्यस्त चीज़ें मेरी गाड़ी में थीं, वो वेबसाइट पर लिस्ट गाड़ी की तस्वीर में भी दिख रही थी। इसमें कोई शक नहीं है कि वो मेरी ही गाड़ी है।"
 
हर पांच मिनट में चोरी हुई एक कार
लोगन लाफरनियर की ये कहानी कोई इकलौती कहानी नहीं है। साल 2022 में कनाडा में 105,000 कारें चोरी हुईं। मतलब ये है कि हर पांच मिनट में एक कार।
 
पीड़ितों में ख़ुद कनाडा के संघीय न्याय मंत्री भी शामिल हैं। उनकी सरकार गाड़ी टोयोटा हाईलैंडर एक्सएलई को चोरों ने दो बार चुराया था। कुछ महीने पहले ही इंटरपोल ने एक लिस्ट जारी की थी।
 
इस लिस्ट में 137 ऐसे देश थे जो कार चोरी के मामले में सबसे ख़राब माने जाते हैं। इस लिस्ट में कनाडा टॉप-10 देशों में शामिल है।
 
इंटरपोल के एक प्रवक्ता के मुताबिक़, ये उल्लेखनीय है क्योंकि कनाडा ने फरवरी में ही कार चोरी के आंकड़ों को इंटरपोल से साझा करना शुरू किया है।
 
अधिकारियों का कहना है कि जब ये कारें चोरी हो जाती हैं, तो उनका इस्तेमाल या तो हिंसक अपराधों के लिए किया जाता है, या तो कनाडा में ही दूसरे लोगों को बेच दिया जाता है या फिर इन कारों को दूसरे देशों में भेज दिया जाता है।
 
इंटरपोल का कहना है कि उसने फरवरी से अब तक दुनिया भर में 1,500 से अधिक ऐसी कारों का पता लगाया है, जो कनाडा से चुराई गई हैं। साथ ही क़रीब 200 कारों की पहचान हर हफ़्ते दूसरे देशों के बंदरगाहों पर की जाती है।
 
राष्ट्रीय संकट
कार चोरी एक ऐसी महामारी है कि इसे इंश्योरेंस ब्यूरो ऑफ कनाडा ने 'राष्ट्रीय संकट' घोषित किया है। इस संस्था के मुताबिक़, बीमा कंपनियों को पिछले साल गाड़ियों की चोरी के दावों पर एक अरब अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा का भुगतान करना पड़ा।
 
ये कनाडा के लिए ऐसी दिक्कत बन गई है कि देश भर के पुलिस अधिकारियों ने गाड़ियों को चोरी से बचाने के तरीके पर सार्वजनिक बुलेटिन जारी किया है।
 
इस बीच, कनाडा के कुछ लोग ख़ुद ही अपनी कार की सुरक्षा के उपाय कर रहे हैं। वो अपनी कार में ट्रैकर लगाने से लेकर निजी सुरक्षाकर्मी रखने तक सब कुछ कर रहे हैं। जो कुछ लोग सक्षम हैं, उन्होंने तो चोरों को रोकने के लिए 'रिट्रैक्टेबल बोलार्ड' का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है।
 
कनाडा के मिसिसागा शहर में रहने वाले नौमान ख़ान ने बोलार्ड इंस्टॉल करने का व्यवसाय तब शुरू किया जब वो और उनके भाई दोनों ही कार चोरी के शिकार हुए थे।
 
ख़ान ने बताया कि एक बार जब चोर उनके घर में घुसे तो उनकी पत्नी और छोटा बच्चा सो रहे थे। वो कहते हैं कि चोर घर के बाहर खड़ी मर्सिडीज़ जीएलई की चाबियां खोज रहे थे। लेकिन जब ख़ान ने उन चोरों को रोकने की कोशिश की तो वो भाग गए।
 
इस परेशान करने वाले अनुभव के बाद ख़ान ने अपनी सभी गाड़ियां बेच दीं। अब केवल दो 'साधारण' गाड़ियां ही उनके पास हैं।
 
ख़ान अब अपने कारोबार के जरिए चोरी की ऐसी कहानियां दूसरों से सुनते रहते हैं। वो बताते हैं, "हमारे पास ऐसे क्लाइंट थे, जिनकी गली में इतनी बार चोरी की कोशिशें हुईं कि उन्होंने हर रोज़ अपने घर के बाहर एक सुरक्षाकर्मी को तैनात रखा, क्योंकि वो सुरक्षित महसूस नहीं करते थे।"
 
कारों की चोरी का बंदरगाह से 'कनेक्शन'
यूएस ब्यूरो ऑफ़ जस्टिस स्टैटिस्टिक्स के डायरेक्टर एलेक्सिस पिकेरो का कहना है कि कनाडा में इस पैमाने पर कारों की चोरी होना हैरान करने वाला है। क्योंकि इस तरह के अपराध जहां ज़्यादा होते हैं, जैसे अमेरिका और ब्रिटेन, उनकी तुलना में कनाडा की जनसंख्या बहुत कम है। वो कहते हैं कि कनाडा में उतने बंदरगाह वाले शहर भी नहीं हैं जितने अमेरिका में हैं।
 
कोविड महामारी के बाद अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में कार चोरी की घटनाओं में इजाफ़ा देखने को मिला है। इन देशों से मिले नए आंकड़ों के मुताबिक़, कनाडा में चोरी की दर प्रति 100,000 लोगों पर 262।5 है, जो इंग्लैंड और वेल्स के मुक़ाबले ज़्यादा है, जहां ये आंकड़ा हर 100,000 पर 220 का है। अमेरिका में 2022 के आंकड़ों के मुताबिक़, हर 100,000 लोगों पर 300 गाड़ियां चोरी हुई हैं।
 
हाल के सालों में कार चोरी के आंकड़ों में ये जो इजाफ़ा दिखाई दे रहा है वो वैश्विक स्तर पर कारों की कमी के कारण है। फ़िलहाल इस्तेमाल किए गए और नए दोनों तरह की गाड़ियों की मांग बढ़ी है।
 
कैनेडियन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन में डायरेक्टर इलियट सिल्वरस्टीन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ कार मॉडलों का बाज़ार भी बढ़ रहा है। इससे संगठित अपराध समूहों के लिए गाड़ियों की चोरी कमाई का मुख्य ज़रिया बन गई है।
 
सिल्वरस्टीन कहते हैं कि जिस तरह से कनाडा में बंदरगाहों को संचालित किया जाता है, उसकी वजह से दूसरे देशों के मुक़ाबले यहां कार चोरी की संभावना और बढ़ जाती है।
 
वो कहते हैं, "बंदरगाहों पर देश से बाहर जाने वाली चीज़ों के मुक़ाबले देश में आने वाली चीज़ों पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है।" 
 
वो आगे कहते हैं कि एक बार जब गाड़ियों को बंदरगाह पर शिपिंग कंटेनरों में भर दिया जाता है, उसके बाद उन तक पहुंचना कठिन हो जाता है। हालांकि, चोरी की कुछ कारों को बरामद करने में पुलिस सफल रही है।
 
चोरी हुई कुछ कारें ही हो पाती हैं बरामद
पिछले साल अक्टूबर में, टोरंटो पुलिस ने 11 महीने तक चली एक जांच के बारे में बताया, जिसमें 60 मिलियन कनाडाई डॉलर की क़ीमत की 1,080 गाड़ियों को बरामद किया गया था। इस मामले में 550 लोगों पर आरोप लगाए गए थे।
 
साथ ही दिसंबर के मध्य से मार्च के अंत तक, बॉर्डर और पुलिस अधिकारियों ने मॉन्ट्रियल बंदरगाह पर 400 शिपिंग कंटेनरों की जांच की, जिसमें चोरी की गईं 600 गाड़ियां बरामद हुईं।
 
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के अभियान को अंजाम देना मुश्किल हो सकता है क्योंकि बंदरगाह से माल की आवाजाही बहुत ज़्यादा होती है। सिर्फ़ 2023 में ही मॉन्ट्रियल बंदरगाह से लगभग 17 लाख कंटेनरों की आवाजाही हुई।
 
ज़्यादातर मामलों में बंदरगाह कर्मचारियों को कंटेनरों का निरीक्षण करने का अधिकार नहीं होता है। कस्टम-कंट्रोल क्षेत्रों में सिर्फ बॉर्ड ऑफ़िसर ही बिना वॉरंट के कंटेनरों को खोल सकता है।
 
इन सबके बीच, अप्रैल में कनाडा सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें बताया गया था कि कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी (सीबीएसए) लगातार कम कर्मचारियों की समस्या से जूझ रही है।
 
पुरानी तकनीक भी एक दिक्कत है
कार चोरी से परेशान एक और शहर ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने हाल ही में अमेरिका और कनाडा के बीच निरीक्षण प्रणाली की तुलना की थी। पैट्रिक ने न्यू जर्सी में पोर्ट नेवार्क कंटेनर टर्मिनल का दौरा किया था।
 
इसके बाद उन्होंने नेशनल पोस्ट अख़बार को बताया कि अमेरिकी अधिकारियों के पास स्कैनर रहते हैं। वो घनत्व मापते हैं और नियम-कानून बनाए रखने वालों के साथ मिलकर काम करते हैं। वो कहते हैं, "ये सब वो चीज़ें हैं जो हम कनाडा में नहीं कर रहे हैं।"
 
मई में कनाडा की सरकार ने कहा कि शिपिंग कंटेनरों की तलाशी के लिए सीबीएसए की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। पुलिस को भी गाड़ियों की चोरी से निपटने के लिए अतिरिक्त पैसा दिया जाएगा। लेकिन सिल्वरस्टीन का मानना है कि कार चोरी का ये मामला कार बनाने वाली कंपनियों से भी जुड़ा है।
 
वो कहते हैं, "हर कोई चोरी हुई कार की रिकवरी की बात कर रहा है लेकिन मेरा ध्यान इस बात पर है कि हम गाड़ियों को ऐसे क्यों नहीं बना रहे कि उन्हें चोरी कर पाना कठिन हो।"
 
कार मालिकों की दिक्कतें बरकरार
इस बीच लाफरनियर जैसे कार मालिक अभी भी इस उलझन में हैं कि अपनी गाड़ियों की सुरक्षा के लिए आख़िर वो क्या करें। जब उनका रैम रेबेल ट्रक चोरी हो गया, उसके बाद उन्होंने टोयोटा टंड्रा ख़रीदी।
 
इस बार उन्होंने चोरों को कार आसानी से स्टार्ट करने से रोकने के लिए अपनी गाड़ी में इंजन इम्मोबिलाइज़र लगाया । चोरी होने की स्थिति में इसमें टैग ट्रैकर भी लगाया और अधिक सुरक्षा के लिए स्टीयरिंग व्हील पर एक क्लब भी लगाया है।
 
लेकिन इसके बावजूद वो चोरों को रोक नहीं सके। दो चोर एक बार फिर लाफरनियर की नई गाड़ी चुराने पहुंचे। इस बार उन्हें थोड़ी मुश्किल हुई लेकिन उन्होंने पीछे का शीशा तोड़ दिया और अंदर घुस गए।
 
शोरगुल की वजह से लाफरनियर की नींद खुल गई और उन्होंने 911 पर फोन किया। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही चोर भागने में सफल हो गए।
 
इसके बाद लाफरनियर ने अपनी नई गाड़ी की मरम्मत का खर्च उठाया और फिर उसे बेच दिया। इस पूरी घटना को वो 'दिल टूटने' जैसा बताते हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta

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