Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

चाबहार पर भारत-ईरान दोस्ती से क्यों घबरा रहा पाकिस्तान

हमें फॉलो करें चाबहार पर भारत-ईरान दोस्ती से क्यों घबरा रहा पाकिस्तान
, शनिवार, 2 दिसंबर 2017 (11:24 IST)
सुहेल हलीम (बीबीसी उर्दू)
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी तीन दिसंबर यानी रविवार को चाबहार बंदरगाह परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। ख़बरों के अनुसार, भारत और अफ़ग़ानिस्तान के वरिष्ठ मंत्री भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। पिछले साल भारत, ईरान और अफ़ग़ानिस्तान ने एक अंतरराष्ट्रीय यातायात मार्ग स्थापित करने का एक समझौता किया था।
 
 
भारत इस रास्ते का इस्तेमाल अफ़ग़ानिस्तान तक पहुंचने के लिए करना चाहता है, लेकिन पाकिस्तान इस परियोजना को लेकर चिंतित है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत अफ़ग़ानिस्तान के मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और उसका इरादा पाकिस्तान को दोनों सीमाओं पर घेरने का है। भारत ने पिछले महीने ही अफ़ग़ानिस्तान को सहायता के रूप में 11 लाख टन गेहूं की एक खेंप भेजी है। भारत ने अफ़ग़ानिस्तान को ये गेहूं मुफ्त में देने का वादा किया है।
 
पाकिस्तान की आशंका
गेहूं को समुद्र के रास्ते चाबहार बंदरगाह तक पहुंचाया जा रहा है और वहाँ से ट्रकों के माध्यम से अफ़ग़ानिस्तान भेजा जा रहा है। वैसे भारत से अफ़ग़ानिस्तान भेजने का आसान तरीका तो पाकिस्तान के रास्ते है, लेकिन दोनों देशों के बीच संबंध लंबे दौर से अच्छे नहीं हैं और दोनों के दरवाजे एक-दूसरे के लिए एक तरह से बंद हैं। इसलिए अरब सागर के किनारे बाईपास लेने की कोशिश की जा रही है।
 
 
भारत, ईरान और अफ़ग़ानिस्तान ने मई 2016 में इस अंतरराष्ट्रीय मार्ग को बनाने का निर्णय लिया था, और तब से चाबहार बंदरगाह पर काम चल रहा है। भारत के लिए यह मध्य एशिया, रूस और यहां तक कि यूरोप तक पहुंचने का प्रयास है। चाबहार बंदरगाह को रेल नेटवर्क से भी जोड़ने का प्रस्ताव है और इसमें भी भारत मदद करेगा। साथ ही चाबहार बंदरगाह की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।
 
लेकिन इस परियोजना को लेकर पाकिस्तान की कुछ आशंकाएं हैं। पाकिस्तान का कहना है कि भारत अफ़ग़ानिस्तान में हस्तक्षेप कर रहा है। पाकिस्तान का आरोप है कि भारत की कोशिश है कि अफ़ग़ानिस्तान सरकार उसके प्रभाव में रहे और पाकिस्तान को दोनों सीमाओं पर घेरा जा सके। वहीं भारत की दलील है कि अफ़ग़ानिस्तान के साथ उसके संबंध ऐतिहासिक रहे हैं और वो सिर्फ़ मानवीय हमदर्दी की बुनियाद पर वहाँ राहत कार्यों में हिस्सा ले रहा है।
 
 
अड़चनें
लेकिन चाबहार का रास्ता इतना सीधा भी नहीं है। अमेरिका में डोनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद डगर कुछ मुश्किल नज़र भी आने लगी है। राष्ट्रपति ट्रंप ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को रद्द करना चाहते हैं और अगर ऐसा होता है तो ईरान के साथ कारोबार करने वाली कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां प्रतिबंध के दायरे में आ सकती हैं। ऐसे में इन कंपनियों के लिए इस परियोजना पर काम करना मुश्किल होगा। 
 
विश्लेषकों के मुताबिक, इसलिए अनिश्चितता के इस माहौल में ईरान चीन की तरफ देख रहा है और ये भारत के लिए अच्छी ख़बर नहीं है। यह लम्हा भारत के लिए भी चिंता का है। भारत को अफ़ग़ानिस्तान तक पहुँचना है, लेकिन पाकिस्तान के रास्ते वो वहाँ जा नहीं सकता और चाबहार (ईरान) के रास्ते में भी रुकावटें आ सकती हैं।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत का मित्र मालदीव कैसे आया चीन के क़रीब?