बिल हार्बी (बीबीसी फ़्यूचर)
इस वक़्त मैं दो देशों का नागरिक हूं। मेरा एक मुल्क तो है अमेरिका, जो क़रीब एक करोड़ वर्ग किलोमीटर इलाक़े में फैला है। जिसकी आबादी 32.5 करोड़ है। वहीं, मेरा दूसरा देश है अस्गार्डिया। इसके कुल नागरिक हैं दो लाख 46 हज़ार। लेकिन, इस देश का कुल अस्तित्व है 2.7 किलो वज़न का एक डिब्बे जैसा उपग्रह, जो नवंबर 2017 से धरती के ऊपर अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहा है।
अस्गार्डिया का अस्तित्व भले ही एकदम बौना हो, मगर इसके इरादे बहुत बुलंद हैं। इसका इरादा अंतरिक्ष में एक विशाल नाव को उड़ाने का है, जो धरती का चक्कर लगाएगी। इसके अलावा अस्गार्डिया ने चांद पर इंसानों की बस्ती बसाने की योजना भी बना रखी है। अस्गार्डिया के सपने यहीं तक नहीं रुकते। देश के संविधान में लिखा है कि हम आगे चलकर चांद से आगे एक जहां बसाएंगे। इस देश के नेता हैं, इगोर रऊफोविच अशुरबेली। इगोर को हल्के में क़तई न लें। उनका शानदार रिकॉर्ड रहा है।
इगोर रऊफ़ोविच मध्य एशियाई देश अज़रबैजान के रहने वाले अरबपति हैं। वो प्रकाशन, संचार, विज्ञान, शिक्षा और अंतरिक्ष के ख़तरे से निपटने के कारोबारों से जुड़े हुए हैं। एक ज़माने में वो रूस के मालिकाना हक़ वाली कंपनी अल्माज़-अंते के सीईओ भी थे। ये कंपनी मिसाइलें और दूसरे रक्षा उपकरण बनाती थी। बाद में वो रूस में गिरजाघर बनाने लगे थे।
अस्गार्डिया मुल्क की बुनियाद
25 जून को ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में इगोर अस्गार्डिया के पहले राष्ट्रप्रमुख बन गए। अंतरिक्ष में बसे इस पहले देश के सिक्कों पर इगोर की तस्वीर है। जब देश के आग़ाज़ की पार्टी हुई, तो ये सिक्के सभी नागरिकों को दिए गए।
25 जून को वियना के मशहूर हॉफ़बर्ग पैलेस में अस्गार्डिया मुल्क की बुनियाद रखी गई। शानदार रंगारंग कार्यक्रम हुआ। इसमे अस्गार्डिया का राष्ट्रीय गीत भी पेश किया गया। इसके अलावा एक रूसी अंतरिक्ष यात्री का पहले से रिकॉर्ड किया गया संदेश भी सुनाया गया। आख़िर में इगोर अशुरबेली ने अस्गार्डिया के आदर्शों को वहां मौजूद लोगों के बीच पेश किया।
उन्होंने बताया कि इस नए देश का मक़सद अंतरिक्ष में शांति बनाए रखना और लोगों को धरती के झगड़ों से आज़ाद कराना है।
रंगारंग उद्घाटन समारोह के बाद अस्गार्डिया के क़रीब 350 मेहमानों को शानदार भोज दिया गया। इसमें इस नए देश के सांसद, दानदाता, समर्थक, मीडिया और दूसरे लोग शामिल हुए। भोज के बाद गीत-संगीत का कार्यक्रम हुआ। अस्गार्डिया ने दुनिया की 12 भाषाओं को मान्यता दी है। कार्यक्रम के बाद राष्ट्रप्रमुख इगोर ने कहा कि उनके देश में कला को अहम स्थान दिया जा रहा है। क्योंकि कला लोगों को जोड़ती है। जबकि, हथियारों से संघर्ष होता है।
अभी तो ये सब कल्पना की दुनिया ही मालूम होता है। पर, सब के ज़हन में सवाल उठता है कि आख़िर अस्गार्डिया, लोगों को दुनियावी लड़ाइयों से आज़ाद कैसे कराएगा?
अस्गार्डिया के कायदे क़ानून
अस्गार्डिया शब्द स्कैंडिनेवियाई देशों की पुरानी ज़बान नोर्स से आया है। इस नाम का मतलब है देवताओं का घर। इगोर अशुरबेली अस्गार्डिया को किंगडम यानी साम्राज्य कहते हैं। लेकिन वो इसके राजा नहीं हैं। वो राष्ट्रप्रमुख हैं। इस पद पर वो पांच साल रहेंगे। वो दोबारा भी चुने जा सकते हैं। लेकिन कोई भी शख़्स 82 साल का हो जाएगा, तो उसे ये पद छोड़ना होगा।
इसके बाद अस्गार्डिया की संसद और स्पेस काउंसिल मिलकर नया राष्ट्रप्रमुख नियुक्त करेंगे। राष्ट्रप्रमुख को भी अपना उत्तराधिकारी तय करने का अधिकार होगा। वियना में भोज के बाद इगोर अशुरबेली ने वहां मौजूद इस नए देश के नागरिकों से मुलाक़ात की। इनमें से एक हैं मिशेल ब्रोगन, जो मूल रूप से कनाडा के रहने वाले हैं। वो कहते हैं कि इगोर एक ज़मीनी नेता हैं। उनमें ज़रा भी गुरूर नहीं।
अपने नागरिकों से मिलने के बाद इगोर अशुरबेली ने प्रेस को इंटरव्यू दिए। इस दौरान उनके साथ दुभाषिया भी था, जो रूसी भाषा का अंग्रेज़ी में अनुवाद करता है। यूं तो इगोर ईसाई धर्म को मानते हैं। लेकिन उन्होंने एलान किया है कि अस्गार्डिया में हर धर्म और सियासी दल पर पाबंदी होगी, ताकि दुनियावी झगड़े अस्गार्डिया पर न हों। वो अस्गार्डिया को विशुद्ध लोकतंत्र बताते हैं। लेकिन, अगर आप इसके संविधान को गौर से पढ़ें, तो राष्ट्रप्रमुख बेहद ताक़तवर दिखते हैं। राष्ट्रप्रमुख के पास संसद भंग करने का अधिकार है।
काल्पनिक देश और इसके नागरिक
जेरेमी सैगेट, अस्गार्डिया की संसद के 146 सदस्यों में से एक हैं। फ्रांस के रहने वाले डॉक्टर जेरेमी की हमेशा से अंतरिक्ष की सैर में दिलचस्पी रही है। वो कहते हैं कि अस्गार्डिया में संवैधानिक राजशाही होगी।
इस काल्पनिक देश के 2 लाख 46 हज़ार नागरिक दुनिया के अलग-अलग इलाक़ों से आते हैं। ऐसी ही हैं आर्लीन बकलेयरविज़। आर्लीन हवाई द्वीप पर रहती हैं। वो नर्स हैं, जो मरते हुए लोगों की खिदमत करती हैं। आर्लीन कहती हैं कि वो अस्गार्डिया की नागरिक इसलिए बनीं क्योंकि इस देश के पास तमाम विवादों से दूर होकर एक नई शुरुआत का मौक़ा होगा।
आर्लीन को अस्गार्डिया की अल्पसंख्यक कहा जा सकता है। क्योंकि अस्गार्डिया के नागरिकं में 82 फ़ीसद मर्द हैं। महिलाओं की तादाद बहुत कम है। इस काल्पनिक देश के 72 फ़ीसदी सांसद भी मर्द ही हैं।
सांसद एलशाद काज़िएव की पत्नी केट कहती हैं कि विज्ञान फंतासी में पुरुषों की ज़्यादा दिलचस्पी होती है, महिलाओं की कम। इसीलिए अस्गार्डिया के ज़्यादातर नागरिक पुरुष ही हैं। हालांकि वो बेहिचक उस नाव पर बसने के लिए तैयार हैं, जो भविष्य में अस्गार्डिया नाम के देश की बुनियाद होगी।
केट के पति जो अस्गार्डिया के सांसद हैं, वो भी इसे लेकर उत्साहित हैं। वो कहते हैं कि बचपन में तमाम धर्मों और इलाक़ों के लोग उनकी बस्ती में साथ रहा करते थे। अब उन्हें उम्मीद है कि अस्गार्डिया में भी सभी जगहों और धर्मं के लोग मिल-जुलकर रहेंगे।
कैसे बने अस्गार्डिया का नागरिक?
अस्गार्डिया का नागरिक बनने के लिए आप को ऑनलाइन अर्ज़ी देनी होगी। इसकी वेबसाइट पर जाकर इसका संविधान मानने पर रज़ामंदी देनी होगी। नागरिकता हासिल करना उतना ही आसान है, जितना फ़ेसबुक अकाउंट खोलना। अस्गार्डिया के संविधान को अशुरबेली ने दुनिया के कई देशों के क़ानूनविदों के साथ मिलकर बनाया है। बाद में इस संविधान को देश के सभी नागरिकों ने मंज़ूरी दी।
अस्गार्डिया का संविधान
अस्गार्डिया के संविधान को क़रीब से देखें तो एक सपनीली दुनिया का ख़्वाब नज़र आता है। क़रीब 9 हज़ार शब्दों के संविधान की प्रमुख बातें इस तरह से हैं-
1. अंतरिक्ष में शांति और ब्रह्मांड में शांति से रहना प्रमुख लक्ष्य है।
2. सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार होगा। फिर वो किसी भी धर्म, जाति या भाषा को बोलने वाले हों। अमीर हों या ग़रीब हों।
3. अस्गार्डिया में साइंस, तकनीक और विचार ही धर्म होंगे।
4. किसी को भी विचार व्यक्त करने के लिए सताया नहीं जाएगा। बस किसी तरह के अनैतिक दुष्प्रचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अस्गार्डिया के संविधान में कुछ बातों को लेकर सख़्त नियम भी हैं-
1. सूचना की सुरक्षा के लिए सरकार का इस पर पूरा नियंत्रण होगा।
2. देश के क़ानून संसद और जनमत संग्रह के अलावा राष्ट्रप्रमुख के आदेश से भी बनेंगे।
क्या अस्गार्डिया कभी हक़ीक़त भी बन सकेगा?
अस्गार्डिया के राष्ट्रप्रमुख के पास अपना उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार होगा। इन्हें स्पेस काउंसिल भी नामांकित कर सकती है। लेकिन आख़िरी फ़ैसला राष्ट्रप्रमुख के हाथ में ही होगा।
देश के सर्वोच्च न्यायालय के जजों की नियुक्ति और उन्हें हटाने का अधिकार भी राष्ट्रप्रमुख के पास ही होगा। राष्ट्रीय बैंक और दूसरे अहम पदों पर लोगों की नियुक्ति को भी राष्ट्रप्रमुख वीटो कर सकता है। उसे संसद भंग करने का अधिकार भी होगा।
साफ़ है कि अस्गार्डिया का संविधान राष्ट्रप्रमुख को बहुत से अधिकार देता है। इसकी संसद की पहली बैठक, उद्घाटन समारोह के अगले दिन बंद कमरे में हुई। किसी को भी इस बैठक की बातें बताने पर रोक लगी थी। बैठक के बाद मैंने तमाम सांसदों से पूछा कि अंदर क्या हुआ। उन्होंने बस यही कहा कि अंदर बहुत सी अहम बातों पर चर्चा हुई। क़रीब 12 घंटे तक चली बैठक के बाद सभी सांसदों ने एक ही बात कही कि बैठक बहुत ही शानदार रही।
संसद की पहली बैठक ही नहीं, आगे की सभी बैठकें भी ऐसे ही गोपनीय रखी जाएंगे। अपने उद्घाटन भाषण में इगोर अशुरबेली ने कहा कि वो अस्गार्डिया को इंसान के सपनों का देश बनाना चाहते हैं। जहां जन्नत जैसा अम न होगा। न नफ़रत होगी, न दर्द होगा। केवल प्यार और ख़ुशी होगी।
सुनने में तो ये शब्द बहुत अच्छे लगते हैं। लेकिन ये तल्ख़ सच्चाई पर पर्दा डालने का काम करते हैं। बड़ी बात ये है कि अस्गार्डिया का ख़्वाब कभी हक़ीक़त बन भी सकेगा या नहीं?