Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

चीन के ख़िलाफ़ अमेरिका ने उठाया बड़ा क़दम, और बढ़ सकता है टकराव

हमें फॉलो करें चीन के ख़िलाफ़ अमेरिका ने उठाया बड़ा क़दम, और बढ़ सकता है टकराव

BBC Hindi

, गुरुवार, 28 मई 2020 (09:14 IST)
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कांग्रेस को बताया है कि हांगकांग को जिस आधार पर अमेरिकी क़ानून के तहत विशेष सुविधा मिली थी, वो आधार अब नहीं बचा है। अमेरिका के इस फ़ैसले से अमेरिका-हांगकांग व्यापार पर बहुत व्यापक असर पड़ेगा।
पोम्पियो ने अपने बयान में कहा है कि आज की तारीख़ में कोई भी तर्कसंगत व्यक्ति मज़बूती से यह नहीं कह सकता है कि हांगकांग को चीन से स्वायतत्ता मिली हुई है। इसे लेकर अब ऐसा कोई ठोस तथ्य नहीं है।
 
अमेरिका ने यह फ़ैसला तब किया है, जब चीन हांगकांग में नया विवादित सुरक्षा क़ानून लागू करने जा रहा है। पोम्पियो ने कहा कि हांगकांग की स्वायतत्ता और स्वतंत्रता को कमज़ोर करने के लिए चीन ने कई क़दम उठाए हैं और सुरक्षा क़ानून इस कड़ी का सबसे ताजा उदाहरण है। यह स्पष्ट है कि चीन हांगकांग की स्वायतत्ता को ख़त्म करने में लगा है।
 
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा है कि आज मैंने कांग्रेस को बता दिया है कि हांगकांग को अब चीन से स्वायतत्ता नहीं मिली है। इसे लेकर तथ्य भी पेश किए गए हैं। अमेरिका हांगकांग के लोगों के साथ खड़ा रहेगा।
पोम्पियो के बयान के मायने क्या हैं?
 
अब तक अमेरिका ने अपने क़ानून के तहत हांगकांग को एक वैश्विक और ट्रेडिंग हब का विशेष दर्जा दे रखा था। अमेरिका ने यह दर्जा तब से ही दे रखा था, जब यह इलाक़ा ब्रिटिश उपनिवेश था। हांगकांग को कारोबार में कई तरह का अंतरराष्ट्रीय विशेषाधिकार हासिल था।
webdunia
लेकिन पिछले साल से ही अमेरिका ने हांगकांग में चीन बढ़ते प्रभाव को देखते हुए हांगकांग के मामले में अपने क़ानून का मूल्यांकन शुरू कर दिया था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय को कांग्रेस को यह बताना होता था कि हांगकांग को पर्याप्त स्वायतत्ता मिली है या नहीं?
 
अमेरिका के इस फ़ैसले के बाद अब उसके लिए चीन और हांगकांग में कोई फ़र्क़ नहीं रह गया है। अमेरिका कारोबार और अन्य मामलों में जैसे चीन के साथ पेश आता है, वैसे हांगकांग के साथ भी आएगा।
 
इसका असर क्या होगा?
 
इसे अमेरिका और हांगकांग के बीच अरबों डॉलर का कारोबार प्रभावित हो सकता है और भविष्य में यहां निवेश की राह भी और मुश्किल हो जाएगी। इससे चीन भी प्रभावित होगा, क्योंकि वह हांगकांग को पूरी दुनिया के लिए कारोबारी हब के तौर पर इस्तेमाल करता था। चीन की कंपनियां और बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने यहां अपना अंतरराष्ट्रीय या क्षेत्रीय बेस बना रखा था।
इसके अलावा अमेरिका ने पिछले साल हांगकांग मानवाधिकार और लोकतंत्र विधेयक पास किया था। इसके तहत अमेरिका उन लोगों को प्रतिबंधित कर सकता है, जो अधिकारी हांगकांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन के ज़िम्मेदार होंगे। अमेरिका वीज़ा पाबंदी लगा सकता है या संपत्ति जब्त कर सकता है।
 
पोम्पियों की घोषणा के ठीक बाद हांगकांग के लोकतंत्रवादी एक्टिविस्ट जोशुआ वोंग ने अमेरिका, यूरोप और एशिया के नेताओं से कहा कि वो स्पेशल स्टेटस को लेकर फिर से सोचें। जोशुआ ने कहा कि चीन के सुरक्षा क़ानून के कारण हांगकांग में प्रवासियों और निवेश पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि स्वायतत्ता बनाए रखने से ही बिज़नेस को बचाया जा सकता है।
 
चीन का विवादित सुरक्षा क़ानून क्या है?
 
चीन ने हांगकांग में एक सुरक्षा क़ानून लागू करने का प्रस्ताव पास किया है। इस क़ानून के लागू होने के बाद किसी के लिए विरोध-प्रदर्शन करना आसान रह जाएगा। चीन का कहना है कि यह हिंसक विरोध-प्रदर्शन को रोकने के लिए है। चीन विरोधी विरोध-प्रदर्शन यहां पिछले साल भी सड़क पर उतरा था। तब भी लोग एक बिल के ख़िलाफ़ उतरे था जिसमें किसी संदिग्ध को चीन प्रत्यर्पण करने की बात थी। हालांकि उस बिल पर विवाद बढ़ा तो चीन को वापस लेना पड़ा था।
 
कहा जा रहा है कि चीन का सुरक्षा क़ानून हांगकांग की आज़ादी को ख़त्म करने के लिए है। 1997 में ब्रिटिश उपनिवेश से चीन के पास जब हांगकांग गया तो उसका भी अपना एक संविधान भी था। इसके तहत हांगकांग को ख़ास तरह की स्वतंत्रता मिली हुई थी।
 
हांगकांग को लेकर दुनियाभर के 200 सीनियर नेताओं ने एक साझा बयान जारी कर चीन आलोचना की है। मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका, चीन के विवादित सुरक्षा क़ानून के ख़िलाफ़ बहुत ही प्रभावी क़दम उठाएगा।
 
हांगकांग को लेकर ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने भी गहरी चिंता जताई है। साल 1997 में जब हांगकांग को चीन के हवाले किया गया था तब बीजिंग ने 'एक देश-दो व्यवस्था' की अवधारणा के तहत कम से कम 2047 तक लोगों की स्वतंत्रता और उनकी क़ानून-व्यवस्था को बनाए रखने की गारंटी दी थी।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आज का इतिहास : भारतीय एवं विश्व इतिहास में 28 मई की प्रमुख घटनाएं