नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने समाजसेवी बाबा आमटे के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह देश भर के जन आंदोलनों एवं जन संगठनों के प्रेरणास्त्रोत थे।
आंदोलन की विज्ञप्ति में सुश्री पाटकर ने कहा कि बड़वानी के नर्मदा प्रभावित विस्थापितों के संघर्ष के लिए प्रतिबद्ध रहे बाबा आमटे सभी संगठनों के प्रेरणास्त्रोत थे। बाबा के लिए प्रकृति पूँजी नहीं बल्कि साथी थी। उन्होंने प्रकृति और मानव को एकसाथ लेकर आगे बढ़ने की दिशा दिखाई।
उन्होंने कहा कि तमाम पुरस्कार लौटाने वाले बाबा समाज से ही पुरस्कृत होने की आकांक्षा रखते थे। वे सरल, निश्छल और पारदर्शी स्वभाव के थे।