Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

उद्धव ठाकरे ने की मांग, अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रपति मुर्मू करें

हमें फॉलो करें उद्धव ठाकरे ने की मांग, अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रपति मुर्मू करें

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुंबई , शनिवार, 13 जनवरी 2024 (14:41 IST)
Uddhav Thackeray demands President Draupadi Murmu to consecrate Ram temple : शिवसेना (Uddhav Balasaheb Thackeray) के प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शनिवार को मांग की कि अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) द्वारा कराई जाए, क्योंकि यह 'राष्ट्र के गौरव और देश के स्वाभिमान' का मामला है। ठाकरे ने यहां कहा कि वे मुर्मू को नासिक स्थित कालाराम मंदिर में भी आमंत्रित करेंगे। अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दिन ठाकरे कालाराम मंदिर में दर्शन करेंगे।

 
22 जनवरी को कालाराम मंदिर जाएंगे : ठाकरे ने पहले घोषणा की थी कि वे 22 जनवरी को अपनी पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ नासिक स्थित प्रतिष्ठित कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी के तट पर 'महाआरती' करेंगे। इसके 1 दिन बाद यानी 23 जनवरी को नासिक में पदाधिकारियों के एक सम्मेलन का भी आयोजन होगा, जहां ठाकरे एक रैली को भी संबोधित करेंगे। ठाकरे ने कहा कि 1992 में 'कार सेवा' का हिस्सा रहे शिवसैनिकों को भी नासिक में सम्मानित किया जाएगा।

 
सोमनाथ मंदिर का पुनरुद्धार समारोह डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया था : ठाकरे ने कहा कि गुजरात में सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद औपचारिक पुनरुद्धार समारोह देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया था। उन्होंने कहा कि यह (अयोध्या राम मंदिर) राष्ट्र के गौरव और देश के स्वाभिमान का मामला है तो प्राण-प्रतिष्ठा समारोह राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए।
 
राम मंदिर ट्रस्ट के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट की और उन्हें अयोध्या में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया। इस प्रतिनिधिमंडल में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता रामलाल और राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा शामिल थे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

26 जनवरी गणतंत्र दिवस : क्या महाभारत और बौद्ध काल में भी था लोकतंत्र