अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के अगले कुछ दिनों में आने वाले फैसले से पहले संप्रादायिक सद्रभाव बनाए रखने के लिए भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अब पूरी तरह कमर कस ली है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले दिल्ली के छतरपुर में तीन दिनों तक आरएसएस के बड़े नेताओं और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की एक बड़ी बैठक हुई।
बैठक के दौरान संघ ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को सभी से खुले मन से स्वीकार करने की बात कही। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद आपसी सौहार्द बना रहे इसको लेकर रणनीति पर विचार विमर्श किया गया।
संघ के जानकार बताते हैं कि अयोध्या पर फैसले से पहले और बाद में संघ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने के लिए बकायदा एक अभियान चलाकर लोगों के बीच आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देगा।
इसके साथ संघ ने अपने संगठनों को हिंदू-मुस्लिम एकता और सामाजिक-धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए बैठकों का आयोजन करने के भी निर्देश दिए है जिसमें सभी धर्मों के लोग शामिल हो। इसके लिए संघ अपने सहयोगी संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच और विश्व हिंदू परिषद को भी विशेष जिम्मेदारी सौंपी है।
संघ और भाजपा के बीच मंथन – संघ से जुड़े सूत्र बताते हैं कि बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा की शीर्ष नेतृत्व में फैसले के बाद की परिस्थतियों पर विचार विर्मश किया गया।
संघ के शीर्ष नेतृत्व और भाजपा की तरफ से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हुई बैठक में अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और उसके बाद की संभावित परिस्थितियों को लेकर भी मंथन हुआ।
बैठक के पहले दिन ही संघ की तरफ से ट्वीट कर कहा गया कि आने वाले दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावन है। निर्णय जो भी आए उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए।
संघ से जुड़े एक जानकार बातते है कि संघ अपने पक्ष में फैसला आने को लेकर पूरी तरह आशान्वित है इसलिए अब उसका पूरा ध्यान सामाजिक-धार्मिक सौहार्द को बनाए रखने पर केंद्रित हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संघ ने अपने कार्यकर्ताओं को संयमित रहने और ऐसे किसी भी प्रकार के काम नहीं करने की नसीहत दी है जिसके कि किसी दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं पर ठेस पहुंचे।
योगी ने मंत्रियों को दी जिम्मेदारी- अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरी तरह अलर्ट हो गई है। शुक्रवार शाम हुई योगी कैबिनेट की बैठक में अयोध्या को लेकर चर्चा हुई।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने नेताओं को बयान देने में संयम बरतने की नसीहत देने के साथ मंत्रियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी। सीएम ने मंत्रियों को प्रभार वाले जिलों में शांति व्यवस्था की कमान खुद संभालने के निर्देश देते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की बात कही।